Gaon Connection Logo

राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में अब आनलाइन आवेदन

India

झांसी। गरीब परिवार के कमाऊ मुखिया की मृत्यु के बाद परिवार को आर्थिक सहायता देने के लिए उप्र सरकार द्वारा संचालित राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के क्रियान्वयन में परिवर्तन किया जा रहा है। मुखिया को खोने के वाले गरीब परिवार को योजना का लाभ लेने के लिए आनलाइन आवेदन करना होगा। इसके बाद ही उसका योजना का लाभ मिल सकेगा।

गरीबी रेखा के नीचे जीवनयापन करने वाले परिवार के मुखिया की मौत सदस्यों के लिए आफत का पहाड़ टूटने जैसी होती है। पूरे परिवार का बोझ संभालने वाले व्यक्ति की मृत्यु के पश्चात ऐसे परिवार के समक्ष घोर आर्थिक संकट खड़ा हो जाता है। ऐसे में रोजी रोटी का इंतजाम करना उनके लिए किसी कठिन चुनौती से कम नही रहता है। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए केंद्र व राज्य सरकार ने वर्षो पहले राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना का संचालन किया था, जिसके तहत गरीब परिवार के मुखिया की मौत के पश्चात अन्य सदस्य समाज कल्याण विभाग में आवेदन करते है। 

ग्रामीण इलाके में रहने वाले परिवार की वार्षिक आय 46,080 रूपये व नगरीय क्षेत्र में रहने वाले परिवार की वार्षिक आय 56,540 रूपये तक होने पर आवेदन को स्वीकार किया जाता है। इसके बाद मृतक की उम्र 18 से अधिक व 60 वर्ष से कम होने पर पड़ताल कर्मचारियों से करवायी जाती है। जांचों में आवेदन पात्रता के दायरे में आने पर परिवार को 30,000 रूपये का चेक दे दिया जाता है। 

योजना का लाभ पाने के लिए कुछ नियम भी बनाए गये है, जिसके तहत सबसे अहम नियम परिवार के मुखिया की मौत के एक वर्ष के अन्दर आवेदन करना है। एक वर्ष से अधिक समय होने पर आवेदन स्वीकार नही किया जाएगा। आवेदन के दौरान गरीब परिवार को मृतक मुखिया का मृत्यु प्रमाण-पत्र भी लगाना होगा। अब योजना का कम्प्यूटरीकरण हो गया है। एन.आई.सी. ने ऐसा साफ्टवेयर विकसित किया है, जिसके तहत मृतक गरीब के परिवारजनों को आनलाइन आवेदन करना होगा। आवेदन करते ही उसका प्रारूप सम्बन्धित अधिकारियों को दिखाई देने लगेगा। जिसमें आवेदक से सम्बन्धित सभी जानकारियां कम्प्यूटर स्क्रीन पर दिखायी देने लगेगी। विभागीय अधिकारी इसका प्रिन्ट आउट निकालकर स्थानीय निकाय व राजस्व विभाग के कर्मचारियों से इसकी जांच करवायी जाएगी। 

इसके पश्चात ही आवेदक के बैंक खाते में धनराशि हस्तांरित की जाएगी। इस धन से गरीब परिवार अपने भविष्य को लेकर तानाबाना बुन सकेंगे। यह व्यवस्था एक जनवरी 2016 से लागू की जा चुकी है।

More Posts

दुनिया भर में केले की खेती करने वाले 50% किसान करते हैं इस किस्म की खेती; खासियतें जानिए हैं

आज, ग्रैंड नैने को कई उष्णकटिबंधीय और उपोष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में उगाया जाता है, जिसमें लैटिन अमेरिका (कोस्टा रिका, इक्वाडोर, कोलंबिया),...