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रिमझिम फुहारों से मिली राहत

India

लखनऊ। मंगलवार शाम लखनऊ में रिमझिम बारिश के चलते लोगों को झुलसाती गर्मी से कुछ राहत मिली। यह प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में बढ़ा तामपान झेल रहे लोगों व खेतों में फसल की सिंचाई के लिए इधर-उधर भागते किसानों के लिए कुछ राहत की ख़बर हो सकती है। 

मौसम विभाग के मुताबिक मौसम करवट ले रहा है। आने वाले दो दिनों में उत्तर प्रदेश समेत दिल्ली व आसपास के कई राज्यों में बारिश होने के अनुमान हैं।

भारतीय मौसम विभाग के वैज्ञानिक एसडी पई ने कहा, ‘‘तापमान बढ़ने के कारण हवा में कुछ नमी आ गयी है। इससे बादलों का निर्माण होगा, जिससे मामूली बारिश होने की संभावना है।’’

उन्होंने बताया कि पश्चिमी विक्षोभ के कारण भी देश के उत्तर-पश्चिमी इलाके में बारिश होने की संभावना है। बारिश से इस बढ़ती गर्मी से कुछ राहत मिल सकती है। यह मानसून पूर्व बारिश है, जबकि इसके बाद फिर से गर्मी तेज हो जाएगी।

मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में उठे विक्षोभ के कारण दिल्ली समेत कई पहाड़ी इलाकों में पारा पांच डिग्री सेल्सियस तक नीचे गिर गया है। तापमान अभी और गिर सकता है।

मंगलवार शाम उत्तर प्रदेश के लखनऊ, जौनपुर व बुंदेलखण्ड क्षेत्रों में बारिश हुई। झांसी में शाम पांच बजे से साढ़े पांच के बीच तेज हवाओं के साथ बािरश हुई और ओले पड़े।

उत्तर प्रदेश मौसम विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने  कहा, “तीन से पांच मई तक मौसम में बदलाव हो सकते हैं। कहीं-कहीं बारिश के साथ तेज हवाएं भी चलेंगी। आज (मंगलवार) भी प्रतापगढ़ समेत कई इलाकों में हल्की बूंदाबांदी हुई है।” 

अप्रैल महीने में उत्तर भारत का तापमान 45 तक पहुंच गया, जिससे ज़ायद की फसलों के साथ ही आम की फसल को भी नुकसान हुआ है। हालांकि हर वर्ष 20 अप्रैल के बाद उत्तर भारत में थोड़ी बारिश हुआ करती थी। लेकिन इस बार पूरा महीना बीत जाने बाद भी बारिश नहीं हुई। 

भारतीय मौसम विभाग, दिल्ली के उप महानिदेशक आनंद शर्मा बताते हैं, “पश्चिमी विक्षोभ के चलते मौसम बदला है पहाड़ी और दक्षिण के कई राज्यों में बूंदाबूंदी हुई है, जिसका असर तापमान पर दिखा रहा है। दिल्ली में ही पांच डिग्री तक पारा गिर गया है। आने वाले दो-तीन दिन में मौसम में और बदलाव हो सकते हैं।” पश्चिमी विक्षोभ के साथ ही अरब सागर और बंगाल की खाड़ी की नमी के टकराव से उत्तर भारत समेत देश के कई हिस्सों का मौसम बदल सकता है। मौसम विभाग के अनुसार मई के पहले सप्ताह में जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में ओले, बर्फबारी और बारिश की संभावना है।

गोरखपुर के कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक संजीत कुमार बताते हैं, “बारिश से किसानों को फायदा होगा। इस से जायद की फसल को फायदा होगा, साथ ही किसान खरीफ की फसल की भी तैयारी कर सकते हैं। धान और दूसरी फसल की नर्सरी की तैयारी भी किसान कर सकते हैं। अगर बारिश अच्छी हो गयी तो अभी से ही खरीफ की तैयारी शुरू कर सकते हैं।”

भीषण गर्मी के चलते आम की फसल को काफी नुकसान हो रहा था। गर्मी और सिंचाई की समस्या के चलते आम को पौधो से जोड़े रखने वाली चोपी (तरल पदार्थ) सूखने लगता है और आम में झड़ने लगते हैं। “आम की फसल को इस बारिश से फायदा मिल सकता है, इस समय फलों की वृद्धि होती है, नमी पाकर फल बढ़ जाएंगे। वहीं तेज हवा आम के लिए नुकसान दायक भी हो सकते हैं। तेज आंधी से आम गिर जाएंगे। क्योंकि अभी तक तापमान इतना ज्यादा था, जिससे जिस बाग की सिंचाई नहीं हुई है वो कमजोर हो गए हैं, तेज हवा पाते ही गिर जाएंगे।”

वो आगे बताते हैं। मौसम विभाग के अनुसार हिमाचल प्रदेश और नेपाल की ओर से पश्चिमी विक्षोभ और बंगाल की खाड़ी के साथ साथ छत्तीसगढ़- मध्यप्रदेश के इलाके में हवा के कम दबाव के कारण पूर्वी और उत्तरी बिहार के कई इलाकों में बारिश होने की संभावना है। अभी उतराखंड, मध्यप्रदेश राजस्तान, ओडिशा समेत देश के कई हिस्सों में बारिश हो रही है और इसका असर बिहार में भी दिख रहा है। फिलहाल ये राहत का असर छह-सात मई तक रहेगा उसके बाद फिर गर्म हवाएं चल सकती हैं।

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