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सैंपल लेकर परखी जाएगी एमडीएम की गुणवत्ता

India

लखनऊ। मिड-डे-मील की गुणवत्ता जांचने के लिए स्कूलों से एमडीएम के सैंपल भरे जाएंगे। नमूने लेने के बाद प्रयोगशाला में इनका परीक्षण करवाया जाएगा। इसकी रिपोर्ट के आधार पर एमडीएम की गुणवत्ता में सुधार किया जाएगा। एक ही जगह से लिए गए सैंपल में दो या उससे अधिक बार गड़बड़ी पाए जाने पर सम्बन्धित व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

सैंपल जांच के बाद एमडीएम की गुणवत्ता में सुधार के साथ ही समय-समय पर दिशा-निर्देश भी जारी किए जाएंगे। प्रदेश के लगभग हर जिले में सैंपल सर्वे किए जाने की योजना है। इसके लिए गाइड लाइन्स तैयार की जा रही हैं। जुलाई से खुलने जा रहे हैं स्कूलों में एमडीएम का वितरण होना है। इसलिए कोशिश जारी है कि इस सम्बन्ध में दिशा-निर्देश जुलाई के पहले सप्ताह तक शासन स्तर पर तैयार कर लिए जाएं। 

जहां एमडीएम संस्थाओं के द्वारा किचन में तैयार करके पहुंचाया जाता है। उसकी जिम्मेदारी तो संस्था प्रमुख की होगी, लेकिन जहां एमडीएम प्रधान के माध्यम से स्कूल परिसर में तैयार किया जाता है, उसकी जिम्मेदारी के लिए व्यक्ति निर्धारित किया जायेगा। 

अभी तक खान-पान के सामान के रखरखाव की जिम्मेदारी कोई नहीं निभा रहा है और न ही यह जानकारी उपलब्ध करवायी जा रही है। जब टीम एमडीएम के सैंपल लेने के लिए स्कूलों में पहुंचती है तो स्कूल में खाना बनाने की सामग्री उपलब्ध नहीं होती है। बताया जाता है कि सामग्री प्रधान के घर पर है जो कि नियम के अनुसार सही नहीं है। 

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