लखनऊ। राज्य सरकार ने राज्य में जनता एंबुलेस की सुविधा नि:शुल्क मुहैया कराने के लिए 108 एंबुलेंस और 102 समाजवादी चलायी थी। बीजेपी का कहना है कि शहर में सरपट दौड़ रही समाजवादी एम्बुलेंस आदर्श चुनाव आचार संहिता का मजाक उड़ा रहा है।
राजनैतिक लोगों की गाड़ियों व सार्वजनिक स्थानों पर लगे झंडे, बैनर पोस्टर हटाये जा रहे हैं, लेकिन सड़कों पर समाजवादी पार्टी का स्टीकर लगा है, जिसपर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं। आचार संहिता लगने के बाद जिले के सीमाओं पर बारह जगह पर बैरियर लगाए गए हैं। इसके अलावा दर्जन भर विशेष जांच टीम का भी गठन किया गया है। जिले के विभिन्न थाना क्षेत्रों में पिछले चार दिनों मे आधा दर्जन लोगों के खिलाफ कार्यवाही की जा चुकी है।
आदर्श चुनाव आचार संहिता का के नाम पर लगातार हो रही कार्यवाही पर बीजेपी युवा मोर्चा के कार्यकर्ता अमरेंद्र शुक्ला का कहना है कि जिला प्रशासन एक तरफ कार्रवाई कर रहा है। समाजवादी एंबुलेंस व रोडवेज बसों मे सपा सरकार का प्रचार हो रहा है उस पर किसी तरह की कार्रवाई क्यों नहीं की जा रही है।
अमरेंद्र शुक्ल ने समाजवादी एम्बुलेंस को चुनाव आयोग से इसकी शिकायत की है। उनका कहना है कि एम्बुलेंस पर लिखा समाजवादी शब्द चुनाव आचार संहिता की पूरी तरह उल्लघंन कर रहा है। वहीं, एडीएम जितेंद्र शर्मा का कहना है कि इस तरह की कोई शिकायत उनके पास नहीं आई है। लेकिन ये मामला प्रदेश स्तर से जुड़ा हुआ है। उन्होंने आगे कहा कि एम्बुलेंस पर समाजवादी पार्टी नहीं लिखा है। एम्बुलेंस पर सिर्फ समाजवादी लिखा हुआ है। फिलहाल, अगर ऐसी कोई शिकायत आएगी तो वह उसको चुनाव आयोग को भेजेंगे।
प्रदेश में कितनी एम्बुलेंस
अब तक 69 लाख लोगों ने 108-समाजवादी एम्बुलेंस की सुविधा और डेढ़ करोड़ गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं ने 102-समाजवादी एम्बुलेंस की सुविधा का लाभ ले चुके हैं। राज्य में 108 सेवा वाली 1488 और 102 सेवा वाली 782-समाजवादी एंबुलेंस कार्य कर रही हैं।
कब शुरू हुई थी एम्बुलेंस
आपको बताते चलते हैं समाजवादी 108 एम्बुलेंस 14 सितम्बर 2012 को और समाजवादी 102 एम्बुलेंस 17 जनवरी 2014 को आपातकालीन स्थिति में मरीजों को लाने ले जाने के लिए शुरू की गयी थी।