नई दिल्ली (भाषा)। आनलाइन खरीदे गये सभी खरीद पर एक समान वस्तु और सेवा कर (जीएसटी) लगेगा। मॉडल जीएसटी कानून में यह कहा गया है। जीएसटी के अगले साल अप्रैल से लागू होने की संभावना है।
स्थानीय शुल्क के बदले लगने वाला कर उस जगह लगेगा जहां सबसे पहले वित्तीय लेनदेन किया जाएगा। इससे उन मामलों में जहां वस्तुओं की बिक्री दूसरे राज्य में की जाती है लेकिन खरीद दूसरे राज्य में होती है, ई-वाणिज्य में जीएसटी के उपयोग को लेकर चीजें साफ हो गयी हैं।
जीएसटी के मॉडल कानून में 162 उपबंध और चार अनुसूची हैं। इसमें नियमों के उल्लंघन पर पांच साल तक जेल और जुर्माने का प्रावधान है। इसमें नये शुल्क के लागू होने के लिये वर्ष में न्यूनतम नौ लाख रुपए के सालाना कारोबार की सीमा निर्धारित की गयी है। सिक्किम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में यह सीमा चार लाख रुपए है।
राजस्व सचिव हसमुख अधिया ने कहा कि राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति ने कोलकाता में अपनी बैठक में मॉडल जीएसटी कानून को मंजूरी दे दी। अधिया ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘हम सभी संबद्ध पक्षों से वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति के सचिवालय या वित्त मंत्री को कोई सुझाव या टिप्पणी करने का अनुरोध करते हैं।”
सरकार को उम्मीद है कि अगले मानसून सत्र में जीएसटी पर संविधान संशोधन विधेयक पारित हो जाएगा। उसकी जीएसटी अप्रैल 2017 से लागू करने की योजना है। जीएसटी उत्पाद शुल्क, सेवा कर तथा सभी स्थानीय शुल्कों को समाहित करेगा।
वित्त मंत्री अरुण जेटली ने राज्यों के वित्त मंत्रियों की अधिकार प्राप्त समिति की बैठक के बाद कहा कि तमिलनाडु को छोड़कर एक तरह से सभी राज्यों ने जीएसटी के विचार का समर्थन किया है। तमिलनाडु की इस पर कुछ आपत्ति है।