लखनऊ। भारतीय सिनेमा में आनंद बख्शी का नाम एक बेहतरीन गीतकार के रूप जाना जाता है। उन्होंने एक से बढ़कर एक हिंदी गाने लिखे। उस जमाने के मशहूर संगीतकार लक्ष्मीकांत प्यारेलाल, राहुल देव बर्मन, कल्याणजी आनंदजी, विजु शाह, रोशन, राजेश रोशन और कई चहेते लेखकों में आनंद बख्शी का भी नाम था। आइए आज आनंद बख्शी के जन्मदिन के मौक़े पर आपको बताते हैं उनसी जुड़ी कुछ ख़ास बातें।
-आनंद बख्शी का जन्म 21 जुलाई 1930 को रावलपिंडी (अब पाकिस्तान में) में हुआ था।
-लखनऊ में आनंद टेलीफोन ऑपरेटर का काम भी किया करते थे। उसके बाद दिल्ली जाकर एक मोटर मैकेनिक का काम भी उन्होंने किया।
-दिल्ली के बाद आनंद का मुंबई आना जाना रहता था और उसी दौरान 1958 में उनकी मुलाकात एक्टर मास्टर भगवान से हुई और उन्होंने आनंद को ‘भला आदमी’ फिल्म के लिए गीत लिखने का काम दिया।
-फिल्म ‘भला आदमी’ के बाद भी आनंद को अगली फिल्म के लिए कई साल का इन्तजार करना पड़ा और चार साल बाद 1962 में ‘मेहंदी लगी मेरे हाथ’ फिल्म मिली फिर 1965 में ‘जब जब फूल खिले’ फिल्म ऑफर हुई।
-आनंद बख्शी का नाम 1967 की फिल्म ‘मिलान’ के बाद खूब चर्चा में आया।
-आनंद बख्शी ने एक से बढ़कर एक फिल्में ‘अमर अकबर एंथनी’, ‘एक दूजे के लिए’ ‘अमर प्रेम’ और ‘शोले’ जैसी फिल्में के लिए भी गीत लिखा।
-आनंद बख्शी ने राज कपूर की फिल्म ‘बॉबी’, सुभाष घई की ‘ताल’ और अपने दोस्त यश चोपड़ा की फिल्म ‘दिल तो पागल है’ के लिए भी गीत लिखे।
-साहिर लुधियानवी के अलावा आनंद बख्शी ही एक ऐसे गीतकार थे जो अपने गानों की रिकॉर्डिंग के दौरान मौजूद रहते थे और लगगभग 4000 गाने उन्होंने लिखे हैं साथ ही आनंद बख्शी ने 1973 की फिल्म ‘मोम की गुड़िया’ में लता मंगेशकर के साथ गाना भी गाया है।
-आनंद बख्शी साहब की बीमारी के चलते 30 मार्च 2002 को 71 साल की उम्र में मौत हो गई।
आनंद बख्शी के कुछ मशहूर गीत
परदेसियों से ना अखियां मिलाना (फिल्म: जब जब फूल खिलें)
बिंदिया चमकेगी (फिल्म: दो रास्ते)
दम मारो दम (फिल्म: हरे कृष्णा हरे राम)
ए री पवन (फिल्म: बेमिसाल)
मैं तुलसी तेरे आंगन की (फिल्म: मैं तुलसी तेरे आंगन की)
दो लफ्जों की है (फिल्म: द ग्रेट गैम्बलर)
तू चीज बड़ी है मस्त-मस्त (फिल्म: मोहरा)
दिल तो पागल है (फिल्म: दिल तो पागल है )
हमको तुमसे हो गया है प्यार क्या करें (फिल्म: अमर अकबर एंथनी)
ताल से ताल मिला (फिल्म: ताल)