शिक्षा समावेशी होनी चाहिए: जावड़ेकर

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मुंबई (भाषा)। केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा है कि शिक्षा समावेशी होनी चाहिए और किसी को पीछे नहीं रहने देना चाहिए।

रात्रिकालीन स्कूल महत्वपूर्ण संस्थान हैं जो शिक्षा को समावेशी बना रहे हैं और इन स्कूलों और जिला परिषद के विद्यालयों की हालत में सुधार करना सरकार की प्राथमिकता में होगा।

पिछले दिनों एचआरडी मंत्री के तौर पर कामकाज संभालने वाले जावड़ेकर ने कल शाम मुंबई के दादर में गोपाल कृष्ण गोखले स्कूल का दौरा किया और विद्यार्थियों से बातचीत की।

मंत्री ने कहा, ‘‘उत्थान के लिए शिक्षा जरुरी है। मैं इन वंचित छात्रों की भावना को तहेदिल से सलाम करता हूं, जो दिन में आठ से दस घंटे कड़ी मेहनत करने के बाद रात्रिकालीन स्कूलों में शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं।” जावड़ेकर ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दलितों, वंचितों और पिछड़े वर्ग के लिए काम करने की बात कहते हैं। हम रात्रिकालीन विद्यालयों की समस्याओं का अध्ययन करेंगे और उनके लिए जो भी संभव होगा, करेंगे।”

जावड़ेकर ने कहा कि वह खुद भी जिला परिषद के स्कूल में पढ़े हैं, इसलिए उनकी समस्याओं और चुनौतियों को बेहतर तरीके से समझ सकते हैं। मंत्री ने छात्रों और शिक्षकों को आश्वासन दिया कि वह महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री विनोद तावड़े से रात्रिकालीन स्कूलों और निगम स्कूलों में बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए हरसंभव प्रयास करने को कहेंगे।

मुंबई में रात्रिकालीन स्कूलों में बुनियादी ढांचे में काफी विकास किया गया है जहां 15 साल और इससे अधिक उम्र के 15000 से अधिक विद्यार्थी कक्षा आठवीं से ऊपर की पढ़ाई करते हैं।

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