लखनऊ। अनुसूचित जातियों,जनजातियों व महिलाओं में उद्यमशीलता को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार ने ठोस कदम उठाते हुए स्टेंड अप इंडिया स्कीम की शुरूआत की है।
स्टैंड अप इंडिया स्कीम ग्रामीण महिलाओं व अति पिछड़ी जातियों व जनजातियों को उनके पैरों पर खड़ा होने में मदद करेगी। इस स्कीम के तहत ग्रामीण स्तर पर स्थापित बैंकों की मदद से उद्यमी महिलाओं को किसी भी तरह के रोज़गार शुरु करने के लिए लोन व आर्थिक मदद मिलेगी। इस सुविधा में करीब ढाई लाख लोगों को फायदा मिलेगा।
स्टैंड अप इंडिया स्कीम की घोषणा 15 अगस्त 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की थी। इस योजना को आम जनता तक पहुंचाने का बीड़ा डिपार्टमेंट ऑफ फाइनेंस सर्विस (डीएफएस)को दिया गया है। सरकार ने योजना की शुरुआत के 36 महीनों के भीतर इसके अंतर्गत 2.5 लाख लोगों को लाभ दिलवाने का लक्ष्य रखा है।
स्टैंड अप इंडिया स्कीम में मिलने वाले लाभ
1) सिडबी ने योजना का लाभ उठाने वाली छोटी इकाइयों व उद्यमियों के लिए 10,000 करोड़ रुपए जारी कर दिए हैं।
2) राष्ट्रीय गारंटी ऋण ट्रस्टी कंपनी (एनसीजीटीसी) के माध्यम से क्रेडिट गारंटी तंत्र का निर्माण होगा,जिससे लोगों को ऋ ण लेने में आसानी होगी।
3) उधारकर्ताओं को ऋण लेने से पहले और क ई स्तर पर और ऋण की कार्रवाई के दौरान (पंजीकरण,ई-बैंकिंग,ई-मार्केट व अन्य सुविधाएं) जैसी मदद दी जाएगी।