आसाराम की जमानत याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने फर्जीवाड़े पर एक और एफआईआर दर्ज करने का दिया आदेश

सुप्रीम कोर्ट

दिल्ली। यौन शोषण के आरोप में जेल की हवा खा रहे आसाराम को करारा झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने उनके बाहर आने की उम्मीदों पर पानी फेरते हुए जमानत याचिक खारिज कर दी है। हेल्थ रिपोर्ट के नाम पर फर्जी डॉक्यूमेट देने पर उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना और एक एफआईआर दर्ज करने के भी आदेश दिए हैं। ये 11वीं बार है जब कोर्ट ने उनकी जमानत याचिका खारिज हुई है।

तबीयत इनती खराब नहीं की जमानत दी जाए: SC

आसाराम ने मेडिकल ग्राउंड पर जमानत मांगी थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। कोर्ट ने कहा कि तबीयत इतनी खराब नहीं है कि उन्हें इलाज के लिए जमानत दी जाए। कोर्ट ने कहा कि हम इस बात को नजरअंदाज नहीं कर सकते कि मुकदमे को बेवजह लंबा खींचा जा रहा है और अभियोजन पक्ष के गवाहों पर हमले हुए जिनमें से दो की तो मौत भी हो गई। आसाराम ने अपनी याचिका में कहा था कि उनका इलाज केरल में आयुर्वेद पद्दति से ही संभाव है, ऐसे में वहां जाने के लिए उन्हें जमानत की अनुमति दी जाए। पिछले वर्ष जुलाई में भी आसाराम ने ईलाज के नाम पर ही अंतरिम जमानत की मांग की थी, इस पर उन्हें दिल्ली के एम्स लाकर स्वास्थ्य परीक्षण किया गया था। एम्स ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था आसाराम को कोई गंभीर बीमारी नहीं है, जिसके बाद कोर्ट ने जमानत याचिका खारिज कर दी थी।

गुरुकुल की नाबालिग छात्रा से है यौन शोषण का आरोप

आसाराम पर उनके ही गुरुकुल मे पढ़ने वाली एक नाबालिग छात्रा ने आरोप लगाया था कि 2013 में जोधपुर ने निकट मणाई गांव में उसका यौन उत्पीड़न किया गया। दिल्ली के कमला नगर थाने में मामला दर्ज होने के बाद, जोधपुर को ट्रांसफर किया गया था, बाद में जोधपुर पुलिस ने इंदौर से 31 अगस्त 2013 में गिरफ्तार कर लिया था। तभी वो से जोधपुर की वो जेल में बंद हैं। आसाराम अपनी जमानत के लिए जिला अदालत, हाईकोर्ट से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक लगातार अर्जी देते रहे हैं, ये 11वीं अर्जी थी जो खारिज हुई।

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