लखनऊ। केजीएमयू का ट्रामा सेन्टर अब डिजिटल हो गया है यानी ट्रामा सेन्टर में अब मरीज का हर डाटा ऑनलाइन उपलब्ध होगा। मरीज ऑनलाइल रजिस्ट्रेशन और एडमिशन भी करा सकेंगे।
साथ ही जांचें भी ऑनलाइन होंगी और मरीज़ों की भर्ती सेंट्रल पेशेंट मैनेजमेंट सिस्टम (सीपीएमएस) से होगी। पेन और कागज को छोड़कर अब डॉक्टरों को सारा काम कम्प्यूटर पर ही करना होगा।
मरीज के पंजीकरण नंबर से लेकर पूरे विवि में उसकी जांच, दवा और जरूरी जानकारियां ऑनलाइन मिलेंगी। डॉक्टर डिजिटल फार्मेट पर ही मरीजों की रिपोर्ट भी दर्ज करेंगे।
ट्रामा सेन्टर ने पेपर बचाव पेड़ बचाव पर दिया जोर
केजीएमयू ट्रामा सेन्टर में शुक्रवार से कागज मुक्त इलाज शुरू हो गया है। डिजिटल होने से पहले, पर्चा बनने और दवाओं की पर्ची फाइल में लगाई जाती थी। जिसको सहज के रखने में भी डॉक्टर को बड़ी असुविधा होती थी। एक जुलाई से सेंट्रल पेशेंट मैनेजमेंट सिस्टम (सीपीएमएस) लागू हो गया है। अब मरीजों के सारे काम ऑनलाइन हो गए हैं। इसके लिए वार्डों में कम्प्यूटर सिस्टम बढ़ा दिए गए हैं। ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन के साथ ही कैजुअल्टी या अन्य वार्डों से मरीज संबन्धी जांच, इलाज और दवाएं भी ऑनलाइन ही लिखी जाएंगी।
डॉक्टर आॅनलाइन देख सकेंगे रिपोर्ट
ट्रॉमा सेंटर में बेड उपलब्ध होने पर ही नए मरीज का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन हो सकेगा। अगर बिस्तर भरे हैं तो बेडों की संख्या बढ़ाई जाएगी। अगर फिर भी बेड नहीं मिलते हैं, ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन नहीं होगा पर इलाज किया जाएगा। लेकिन ऑनलाइन सिस्टम में पंजीकरण के बाद ही डॉक्टर उसकी रिपोर्ट देख सकते हैं और उसको आगे की जांच के लिए निर्देशित कर सकते हैं।