लखनऊ। मानसून करीब आते देख पशुओं के टीकाकरण का काम तेज हो गया है। प्रदेशभर में अब तक एक करोड़ से भी अधिक पशुओं को टीका लगाया जा चुका है। पहले चरण में त्रिस्तरीय चुनाव होने के चलते टीकाकरण अभियान काफी सुस्त रहा था। इस बार भी बजट देरी से मिलने और विभाग में कर्मचारियों की कमी के चलते जिलों में समस्याएं आ रही हैं।
खुरपका और मुंहपका की बीमारी तेजी से फैलती है और हर वर्ष इससे हजारों पशुओं की मौत हो जाती है। बीमारी का असर जून-जुलाई सबसे ज्यादा देखा जाता है, इसलिए इन टीकों का बरसात से पहले लगना जरूरी होता है। इसलिए पशुपालन विभाग ने अभियान तेज कर दिया है। प्रदेश के चार करोड़ 75 लाख पशुओं को नौ मई से पहले टीके लगना टेढ़ीखीर है।
लखनऊ स्थित पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डॉ. वीके सिंह बताते हैं, “टीकाकरण अभियान 14 मार्च से हर जिले में शुरू कर दिया गया था। चार करोड़ 75 लाख पशुओं को टीकाकरण करने का लक्ष्य रखा गया है। टीकाकरण नोकरने के लिए टीम बनाई गई है, जिसमें एक डॉक्टर, दो पशुधन प्रसार अधिकारी, दो चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी होते है। स्टाफ की कमी होने के कारण पशुमित्रों को भी मानदेय के तौर पर रखा जाता है ताकि लक्ष्य को पूरा किया जा सके। हर जिले में एक दिनभर में 400 टीका लगाने का लक्ष्य निर्धारित किया जाता है।”
वो आगे बताते हैं, “भारत सरकार से बजट न मिल पाने के कारण कुछ जिलों में वैक्सीन देर से गई है लेकिन 9 मई तक इस अभियान को पूरा कर लिया जाएगा।”
मैनपुरी जिले के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डॉ.योगेश कुमार सारश्वत बताते हैं, “टीकाकरण में फर्जीवाड़ा न हो, इसके लिए ग्राम प्रधान अथवा अन्य प्रतिनिधियों की मदद ली जा रही है। ग्राम प्रधानों से जानकारी मिलती रहती है कि पशुओं का टीकाकरण हो रहा है नहीं। टीकाकरण में आ रही समस्याओं के बारे में योगेश बताते हैं, कई बार ग्रामीण टीकाकरण का विरोध भी करते हैं कि इस टीके से हमारे पशु को बीमारी हो जाएगी।”
शासन स्तर से मैनपुरी में पशुओं को इस गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए 5,24,100 वेक्सीन भेजी गई थी। 28 मार्च से चल रहे इस अभियान में अब तक 678 गाँवों को कवर किया जा सका है। पशु चिकित्सकों की 25 अलग-अलग टीमों द्वारा अब तक इस अभियान के तहत 1,44,548 महीशवंशीय और 26995 गोवंशीयों का टीकाकरण किया जा चुका है। कुल 22112 पशु टीकाकरण से छूटे हैं जो या तो गर्भवती हैं या फिर उनके बच्चे चार माह से भी छोटे हैं। बागपत जिले में 22 टीम कार्य कर रही हैं। जिले में अब तक एक लाख 85 हजार पशुओं का टीकारण हो चुके है। तीन लाख 4 हजार 400 पशुओं का टीकारण अभी बाकी है।
पशु चिकित्साधिकारी टीकाकरण करने में आ रही समस्या के बारे में डॉ राजपाल बताते हैं, “विभाग की ओर से पशुओं के टीके लगाने के लिए टीम रोज क्षेत्र में जाती है लेकिन इस समय चल रही गेंहू की कटाई का कार्य चल रहा है, जिसके चलते पशुओं के मालिक अपने घर पर नहीं मिल पा रहे हैं और अभियान गति नहीं पकड़ पा रहा है लेकिन ऐसे लोगों को चिन्हित किया जा रहा है और उनको बाद में एफएमडी टीका लगाये जाएंगे।”
शाहजहांपुर जिले के मुख्य पशु चिकित्साधिकारी के डॉ इंद्रामिणी चौहान बताते हैं, “क्षेत्र में टीकाकरण अभियान चल रहा है अब तक हमारे क्षेत्र में डेढ़ लाख पशुओं को टीका लगाया जा चुका है। हमारे जिले में पशुधन प्रसार अधिकारी के 28 पद हैं, जिन पर सात ही कर्मचारी तैनात है इसलिए टीकाकरण को पूरा करने में दिक्कत रही है उसके जगह पशुमित्रों को लगा रखा है और लक्ष्य के हिसाब से चल रहे है।”