वन्य प्राणियों को गोद लेगा डाक विभाग

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इंदौर (भाषा)। सरकार की दो महत्वाकांक्षी योजनाओं के प्रचार के नये प्रयोग के तहत डाक विभाग यहां के कमला नेहरु प्राणी संग्रहालय के चार जानवरों को गोद लेकर छह महीने तक उनके भोजन का खर्च उठायेगा।

पत्र सूचना कार्यालय के एक आला अधिकारी ने बताया कि चिड़ियाघर की ‘वन्य प्राणी पुण्योदय योजना’ के तहत डाक विभाग अजगर, ईमू, लोमड़ी और सारस के छह महीने के खाने का खर्च वहन करेगा। इसके बदले डाक विभाग को इन वन्य प्राणियों के पिंजरों के बाहर ‘सुकन्या समृद्घि योजना’ और ‘डाक जीवन बीमा योजना’ के प्रचार के बैनर लगाने की इजाजत दी जायेगी, ताकि चिड़ियाघर आने वाले दर्शकों तक दोनों जनहितकारी कार्यक्रमों की जानकारी पहुंच सके।

उन्होंने बताया कि वन्य जीवों के भोजन का खर्च उठाने के बारे में डाक विभाग और चिड़ियाघर प्रशासन के बीच जल्द ही करारनामे पर दस्तख़त किये जायेंगे। अधिकारी ने बताया कि चारों वन्य प्राणियों के छह महीने के भोजन के खर्च के एवज में डाक विभाग चिड़ियाघर प्रशासन को उसकी तय दरों के मुताबिक करीब 11,400 रुपए चुकायेगा।

चिड़ियाघर प्रशासन ने ‘वन्य प्राणी पुण्योदय योजना’ के तहत जंगली जानवरों के भोजन के लिये आम लोगों, संस्थाओं और कार्यालयों से आर्थिक मदद लेने के लिये अलग-अलग दरें तय की हैं।

इन दरों के मुताबिक हाथी के भोजन पर सबसे ज़्यादा खर्च आता है। हाथी के एक दिन के भोजन के बदले 1,170 रुपए की मदद ली जाती है। दरियाई घोड़े (हिप्पोपोटेमस) के वजन की तरह उसके भोजन का खर्च भी भारी-भरकम है और इसके लिये 1,078 रुपए प्रतिदिन की दर तय की गयी है। बाघ और शेर के एक दिन के भोजन के लिये 892-892 रुपए की सहायता ली जाती है।

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