ये हैं गोरखपुर के अकुवापार प्राथमिक विद्यालय टीचर प्रशांत, इनके बच्चे अब ना तो गिनती में पीछे हैं, ना जोड़-घटाने में और ना ही फर्राटे से कोई वाक्य पढ़ने में।
प्रशांत जी इन बच्चों के पास बैठकर, उनकी हर समस्या का हल बताते हैं, अगर किसी को कोई बात समझने में मुश्किल हो रही है तो अलग अलग खेलों के ज़रिये उस बच्चे को पढ़ाते हैं। और बच्चे? बच्चे तो अब सुबह हुई नहीं कि स्कूल की ओर दौड़ लगाते हैं।
यही नहीं प्रशांत सिर्फ़ बच्चों को नहीं, उनके माता -पिता को भी काम दे देते हैं हाँ। ताकि बच्चा स्कूल में तो पढ़े ही पढ़े और साथ साथ माता-पिता को भी पता लगता रहे कि बच्चे ने कितनी तरक़्क़ी कर ली है।