उत्तर प्रदेश के उच्च प्राथमिक स्तर के विद्यालयों में दो चरणों में 12 हज़ार पीटीआई शिक्षक/शिक्षिकाएं, 20 लाख बालिकाओं को आत्मरक्षा का प्रशिक्षण देंगे।
एक अप्रैल को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मिशन शक्ति के अंर्तगत बेसिक शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश द्वारा रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण (Rani Laxmibai Self Defence Training Programme) का शुभारंभ किया।
इसमें पहले चरण में गृह विभाग के सहयोग से सेल्फ डिफेंस मॉड्यूल और कार्य योजना तैयार की गई है। इसमें दीनदयाल राज्य ग्राम्य विकास संस्थान के नेतृत्व में 12000 पीटीआई शिक्षक-शिक्षिकाओं को मास्टर ट्रेनर के रूप में ट्रेनिंग दी जाएगी।
दो चरणों में 12 हज़ार पीटीआई शिक्षक/शिक्षिकाएं, 20 लाख बालिकाओं को देंगे आत्मरक्षा का प्रशिक्षण। #SchoolChaloAbhiyanUP@UPGovt @CMOfficeUP @myogiadityanath @thisissanjubjp @missionshaktiup pic.twitter.com/PLlWHHeDHp
— Department Of Basic Education Uttar Pradesh (@basicshiksha_up) April 3, 2023
दूसरे चरण में 45653 उच्च प्राथमिक विद्यालय और 746 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों की 20 लाख से अधिक छात्राओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य रखा गया है।
‘रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण’ मॉड्यूल पर राज्य की 11 से 14 साल की करीब दो लाख छात्राओं को आत्मरक्षा के गुर सिखाए जाएंगे।
विद्यालयों में पदस्थापित प्रशिक्षकों द्वारा प्रत्येक कार्य दिवस में एक घंटे का सेशन चलाया जाएगा। इस सेशन में आत्मरक्षा के साथ-साथ व्यायाम, योग व स्वच्छता से संबंधित प्रशिक्षण को शामिल किया गया है। प्रारंभ में जिला स्तर पर प्रशिक्षकों/शिक्षकों के लिए छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
इस मॉड्यूल के तहत 1200 शारीरिक शिक्षकों को 50-50 के बैच में विशेष साप्ताहिक प्रशिक्षण दिया जाएगा।
मिशन शक्ति के अंतर्गत प्रदेश में हुई रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम की शुरुआत, बालिकाओं को सक्षम एवं भयमुक्त बनाना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता #MissionShakti 4.0 pic.twitter.com/eaFgVz4NzS
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इसकी अवधि प्रतिदिन (सोमवार-शनिवार) 6-8 घंटे की होगी। प्राथमिक कवरेज के तहत, सभी 75 जिलों में संचालित 45,000 सरकारी स्कूलों में कक्षा 6, 7 और 8 (11-14 वर्ष की आयु) की छात्राओं को प्रशिक्षित किया जाएगा।
प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण के बाद उन्हें मूल्यांकन व प्रमाण पत्र भी प्रदान किया जाएगा। प्रशिक्षण में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के आवासीय विद्यालयों को भी शामिल किया जाएगा।
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प्रशिक्षण माड्यूल के अनुसार 50 प्रशिक्षणार्थियों पर एक प्रशिक्षक और एक सहायक की नियुक्ति की जायेगी। परियोजना के लिए महिला व बाल सुरक्षा विंग 1090 को सलाहकार एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है।
रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण मॉड्यूल विभिन्न क्षेत्रों के विशेषज्ञों की मदद से तैयार किया गया है।
इसे आत्मरक्षा प्रशिक्षकों, कानूनी सलाहकार, महिला व बाल सुरक्षा विंग, यूपी पुलिस, शिक्षा विभाग, उत्तर प्रदेश विकास प्रणाली निगम लिमिटेड और यूनिसेफ के विशेषज्ञों की सलाह से तैयार किया गया है।
मॉड्यूल में छह दिनों की विस्तृत कार्य योजना दी गई है, जिसमें प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण, चर्चा, ऑडियो-वीडियो, खेल, महिलाओं और लड़कियों के लिए आवश्यक कानून और हेल्पलाइन नंबर, प्रतिभागियों का मूल्यांकन और विभिन्न केस स्टडी से संबंधित आवश्यक गतिविधियां शामिल हैं।
प्रशिक्षण प्राप्त करने के बाद शिक्षक और प्रशिक्षक विद्यालयों में जाकर मॉड्यूल में दर्ज इन सभी गतिविधियों के माध्यम से छात्राओं को प्रशिक्षित करेंगे।