‘कला और संगीत की मदद से आगे बढ़ने लगे हैं बच्चे’

प्रीति श्रीवास्तव, यूपी में जौनपुर के कम्पोजिट विद्यालय रन्नो बक्शा, में सहायक अध्यापिका हैं, वे बच्चों को पढ़ाने के लिए अनोखे तरीकों को अपनाती हैं, उन्होंने अपने स्कूल में संस्कृति क्लब भी शुरू किया है।
Teacher'sDiary

कला-क्राफ्ट, पपेट्री, संगीत ये सभी मेरे शैक्षिक जीवन की अभिरुचियाँ रही हैं। मेरा मानना है कि जहाँ एक ओर ललित कला एक साधारण कक्षा को जीवंत, आनन्दमय और सक्रिय बनाकर सीखने को सरल और रुचिकर बनाती है, करियर में ढ़ेर सारे अवसर भी देती है। ये जीवन के उतार-चढ़ाव में आने वाली तमाम समस्याओं और तनाव को दूर करने वाली अभिरुचियों के विकास में सहायक सिद्ध होती है।

यही सोचकर मैंने अपनी शैक्षिक अभिरुचियों को अपने सेवाकाल के प्रारंभ से ही शिक्षण से जोड़ा। विद्यालय में मैंने देखा कि छात्र चार लाइन का उत्तर नहीं याद कर पाते थे, मगर उन्हें पूरे- पूरे गाने और देशभक्ति गीत याद थे।

इस शौक को विकसित करने के मकसद से मैंने विद्यालय में सांस्कृतिक क्लब खोला। साल भर के अंदर ही मेरे विद्यालय में तैयार की गई बच्चों की टीम ने एक के बाद एक लगातार जनपद स्तर पर कई शानदार प्रस्तुति दी। कमाल की बात यह थी कि उस टीम में एक दिव्यांग बच्ची भी थी।

अपनी इस शानदार सफलता के बाद मैंने बच्चों के लिए फिर कला कौशल क्लब की शुरुआत की, जिसमें गीत, संगीत, नृत्य के साथ- साथ विभिन्न कौशलों जैसे सिलाई कढ़ाई बुनाई बंधेज, क्राफ्ट, पेपर क्राफ्ट, पपेट्री, मिट्टी की कला, मेहँदी, चित्रकला सिखाया जाता है। मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि बच्चे इस क्लब की तमाम गतिविधियों में खूब रुचि लेते हैं। इससे बच्चों का स्कूल में दाखिला तो बढ़ा ही वे रोज़ स्कूल भी आने लगे। इसके साथ ही उनमें स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना का भी विकास हो रहा है।

निश्चित ही यह क्लब बच्चों की अभिरुचियों के साथ साथ उनमें व्यावसायिक कौशलों के विकास और रोज़गार के अवसर देने में सहायक होगा।

इसके साथ ही शिक्षकों और छात्रों के लिए कोविड काल में हुए पढ़ाई के नुकसान को भरने के लिए शिक्षकों के स्वप्रेरित समूह एडुस्टफ उत्तर प्रदेश की स्थापना की, जिसकी टैगलाइन है – रेस्टीलिंग द क्रिएटिविटी (रचनात्मकता को दोबारा शुरू करना)

इसके तहत भी कला, क्राफ्ट पपेट्री, संगीत जैसी विधाओं को शिक्षण से जोड़कर तमाम कार्यशलाएँ आयोजित की गयी। इसमें कुछ स्कूल में हुई तो कुछ ऑनलाइन ( मोबाईल फोन या कम्प्यूटर से घर बैठे )। इससे शिक्षकों को भी फायदा हुआ। बच्चों के लिए अलग- अलग विषयों पर डिजिटल कंटेंट बनाए गए। जिसके लिए हमारी टीम को तत्कालीन निदेशक बेसिक शिक्षा की तरफ से एससीईआरटी लखनऊ में सम्मानित किया गया।

आप भी टीचर हैं और अपना अनुभव शेयर करना चाहते हैं, हमें [email protected] पर भेजिए

साथ ही वीडियो और ऑडियो मैसेज व्हाट्सएप नंबर +919565611118 पर भेज सकते हैं।

Recent Posts



More Posts

popular Posts