तीन डॉक्टरों के भरोसे एक लाख लोगों की ज़िंदगी
गाँव कनेक्शन 22 Jun 2016 5:30 AM GMT
धनपतगंज-सुल्तानपुर। विकास क्षेत्र में डॉक्टरों की कमी के चलते चिकित्सा व्यवस्था लचर बनी हुई है। डॉक्टरों के आभाव में झोलाछाप डॉक्टरों के चंगुल में फंसकर मरीज जान जोखिम में डालने को मजबूर हैं।
लगभग एक लाख की आबादी के विकास क्षेत्र में डॉक्टर की कमी के चलते स्वास्थ्य व्यवस्था चरमरा गई है। यूं तो क्षेत्र में धनपतगंज के आलावा देहली, चंदौर, मायंग, सरांय गोकुल में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हैं। डॉक्टरों की संख्या पर गौर करें तो सीएचसी मुख्यालय पर अधीक्षक समेत दो डॉक्टर और चंदौर में डॉ. पीडी त्रिपाठी को छोड़ दिया जाए तो पीएचसी सरांय गोकुल तथा मायंग व देहली पूरी तरह डॉक्टर विहीन हैं। वहीं सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र भी अधीक्षक डॉ. अभिषेक तथा डॉ. संजय गौतम के भरोसे चल रहा है। जिसमें अधीक्षक को ज्यादातर विभागीय लिखा-पढ़ी में ही व्यस्त रहना पड़ता है।
यही नहीं लगभग हर चुनाव में चुनावी मुद्दा बनी डॉक्टरों की कमी की समस्या का हल आज तक जनप्रतिनिधि नहीं निकाल पाये हैं। डॉक्टरों की कमी के समस्या के चलते मरीज झोलाछाप डॉक्टरों के चंगुल में फंसकर जान जोखिम में डालने को मजबूर है। वहीं विभागीय आलाधिकारियों व जनप्रतिनिधियों की लापरवाही कम होने का नाम नहीं ले रही है। ग्रामीण अजय सिंह, रामफेर, मोहन, आशीष ने उच्चाधिकारियों को शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है। इस बाबत सीएमओ डॉ. केबी सिंह का कहना है कि डॉक्टरों की संख्या कम होने से ही चिकित्सा व्यवस्था बदहाल है। शीघ्र ही डॉक्टरों की व्यवस्था की जायेगी।
More Stories