तंग गलियों से पैदल चलना मुश्किल तो कैसे पहुंचेगी फायर बिग्रेड?

Swati ShuklaSwati Shukla   15 March 2016 5:30 AM GMT

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तंग गलियों से पैदल चलना मुश्किल तो कैसे पहुंचेगी फायर बिग्रेड?

लखनऊ। अमीनाबाद की मुमताज मार्केट में आग से करीब पांच सौ दुकानों का नुकसान हुआ। यहां पर लगी आग को बुझाने में बीस घंटे से अधिक का वक्त लगा क्योंकि यहां की तंग गलियों से फायर ब्रिगेड को गुजरने में काफी समय लगा। लखनऊ में ऐसे कई बड़े मार्केट हैं जहां पर अगर आग लगती है तो फायर ब्रिगेड का वहां पहुंच पाना बहुत मुश्किल है।

व्यापार मण्डल के मुताबिक़ पूरे लखनऊ में 50 हजार दुकानें हैं। यहियागंज और रकाबगंज बड़े व्यापारियों के बाजार हैं। 250 साल पुराने यहियागंज में 1350 दुकानें हैं। यहां 150 दुकानें ऐसी हैं जिनका पंजीकरण नहीं है।

यहियागंज में बिजली के तारों का मकड़जाल है। जाने का रास्ता इतना तंग है कि पैदल तक नहीं निकला जा सकता। लखनऊ उद्योग व्यापार प्रतिनिधि मण्डल के अध्यक्ष और यहियागंज में बर्तनों के दुकान के मालिक हरीशचन्द्र अग्रवाल बताते हैं, "यहियागंज में पांच साल पहले आग लगी थी जो बड़ी दुर्घटना थी, अरबों रुपए का नुकसान हुआ था। आग बुझाने की गड़ियां अन्दर नहीं जा पाई थीं। पाइप जोड़कर जैसे तैसे पानी वहां तक पहुंचा था। वहीं दो साल पहले तीन दुकानें जलकर राख हो गई थीं। गाड़ी तो आई पर घटनास्थल तक नहीं पहुंच पाई। बिजली के तारों का मकड़जाल सा बना हुआ है जिसम कारण कभी भी हादसा हो सकता है।"

इसके अलावा शहर के कई बाजार ऐसे हैं जहां पर सैकड़ों दुकानें तंग गलियों में हैं। टुडियागंज में 650 दुकानें है। अकबरी गेट बाजार में 400 दुकानें हैं। लखनऊ के बड़े बाजारों के रूप में मशहूर चौक का बाजार तीन सौ साल पुराना है। चौक में करीब एक हजार दुकानें हैं। ये दुकानें ज्यादातर तंग गलियों में बसी हैं। बान वाली गली, फूल वाली गली नाम से यहां पर दर्जनों गलियां तो हैं पर इनमें रिक्शा तक नहीं जा सकता है ऐसे में यहां आग लगने पर फायरब्रिगेड की गाडि़यां कैसे आ पाएंगी।

रकाबगंज के व्यापारी राजेन्द्र अग्रवाल बताते हैं, "दो साल पहले शार्ट सर्किट से बाजार में आग लग गई थी। चूंकि यहां होजरी की दुकानें हैं तो थोड़ी ही देर में आग की चपेट में चार दुकानें आ गईं। हादसे में करोड़ों रुपए का नुकसान हो गया। आग बुझाने की गाड़ी भी मौके पर आ गई पर कोई फायदा नहीं हुआ क्योंकि अंदर तक वो आ ही न पाई। हम सबने किसी तरह आग बुझाई।" उन्होंने बताया कि यहां पर बेतरतीब तरीके से बिजली के तार फैले हैं। जरा सा शार्ट सर्किट कभी भी बड़े हादसे का सबब बन सकता है।

क्यों हुआ अमीनाबाद में हादसा

व्यापारियों के अनुसार अमीनाबाद की मुमताज मार्केट में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी थी। गर्मी के कारण बिजली के तार पिघल गए और शॉर्ट सर्किट हुआ। हालांकि मामले की जांच के लिए डीएम राजशेखर ने एडीएम पश्चिमी को नियुक्त किया है जो 31 मार्च तक अपनी जांच रिपोर्ट देंगे। इसके अलावा डीएम ने अग्निकांड की रोकथाम और अग्नि सुरक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सुझाव भी मांगे हैं।

घटना के बाद हरकत में प्रशासन

अमीनाबाद की मुमताज मार्केट में अग्निकांड से सबक लेने के बाद पुलिस महानिदेशक फायर सर्विस प्रवीण सिंह ने महत्वपूर्ण स्थानों, भवनों और भीड़भाड़ वाले इलाकों में विद्युत सुरक्षा निदेशालय के माध्यम से इलेक्ट्रिक सेफ्टी का निरीक्षण करने के लिए प्रदेश के सभी मंडलायुक्तों को पत्र लिखा है। अग्निशमन अधिकारियों और कर्मचारियों को दिशा निर्देश दिए गए हैं। चिट्ठी में डीजी फायर सर्विस ने उत्तर प्रदेश के सभी जनपदों के फायर हाइड्रेंट और स्टेटिक टैंक की नियमित चेकिंग कराने और उसे क्रियाशील बनाने की बात भी लिखी है।

 

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