तस्वीरों में देखिए गीतों से सजी लखनऊ महोत्सव की शाम
Vinay Gupta 4 Feb 2016 5:30 AM GMT

लखनऊ। लखनऊ महोत्सव में आयोजित सांस्कृतिक संध्या में स्थानीय कलाकारों ने अपनी आवाज से श्रोताओं का मन मोह लिया। कार्यक्रम की शुरूआत एस पी चैहान के भोजपुरी गीत ‘बाबा...श्री गणेश' से हुई। इसके बाद उन्होंने ‘लड़के केऊ पार न पाई हमरे हिन्दुस्तान से, भारत से जे टकराई जाई अपनी जान से' सुनाकर श्रोताओं को देशभक्ति के रंग में सराबोर कर दिया। उसके बाद प्रज्ञा पाठक ने शास्त्रीय गीत सुनाएं। कार्यक्रम में प्रतिमा यादव ने अपने अवधी गीतों जैसे 'सासू पनिया कैसे लाऊं रसीले दोनों नैना' से सारा समां अवधी रंग में रंग दिया। इसके बाद भोजपुरी गायक बीएन यादव ने भोजपुरी में गुरू वंदना 'भक्ति-भजन के बिना ई जीवन बेकार बाड़े हो' सुनाकर श्रोताओं का मन मोह लिया। इसी क्रम में स्वाती सिंह ने अपने सूफी कलामों से माहौल को पूरी तरह से सुफियाना रंग से सराबोर कर दिया। सांस्कृतिक संध्या में तबला वादक सनी नियाजी व साथी कलाकारों की तबले पर जुगलबंदी ने श्रोताओं का दिल जीत लिया।
कार्यक्रम में मशहूर गायक सोनू निगम ने अपनी प्रस्तुति दी। सोनू निगम के गाए गीतों 'मेरा रंग दे बसंती चोला', 'हम है राही प्यार के फिर, मिलेंगे चलते-चलत' पर श्रोता जमकर झूमें।
भोजपुरी गीतों की प्रस्तुति देते स्थानीय कलाकार बीएन यादव।
तबले पर अपने कला का प्रदर्शन करते स्थानीय कलाकार सनी नियाजी
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अवधी गायन की प्रस्तुति देती स्थानीय कलाकार स्वाति सिंह।
बॉलीवुड के गीतों पर अपनी प्रस्तुति देते सोनू निगम।
लखनऊ महोत्सव के सांस्कृतिक सांध्य में जुटी श्रोताओं की भीड़
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फोटो: विनय गुप्ता
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