सपा का वार रुम हो रहा तैयार, अखिलेश यादव कर रहे मानीटरिंग 

Ashwani NigamAshwani Nigam   13 Oct 2016 8:44 PM GMT

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सपा का वार रुम हो रहा तैयार, अखिलेश यादव कर रहे मानीटरिंग अखिलेश यादव

लखनऊ। यूपी के सबसे युवा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने अपने ताज को बरकरार रखने और दोबारा सत्ता में वापसी के लिए रणनीति बनानी शुरू कर दी है। सपा प्रदेश अध्यक्ष से हटाए जाने के बाद अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के समानांतर अपना अलग गुट तैयार किया है।

नारे देने वालों को सौंपी कमान

शिवपाल यादव के अखिलेश यादव के जिन तीन खास नेताओं आनंद भदौरिया, सुनील सिंह साजन और संजय लाठर को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था, वही तीनों नेता अखिलेश यादव के सारथी के तौर पर काम करते दिख रहे हैं। 7 बंदरिया बाग स्थित जनेश्वर मिश्र ट्रस्ट में अखिलेश यादव का इलेक्शनर वार रूम तैयार किया जा रहा है। पिछले रविवार को अखिलेश यादव ने इस कार्यालय का उदघाटन भी किया था। जिन युवा नेताओं को सपा प्रमुख के खिलाफ नारेबाजी करने के आरोप में बाहर किया गया था, उन्हीं युवा नेताओं को अखिलेश ने यहां की कमान दी है।

कोई भी कार्यकर्ता सीधे जुड़ सकेगा

इलेक्शन वार रूम में एक पूरा सेटअप भी तैयार किया जा रहा है। कुछ दिनों बाद अखिलेश यादव रोजाना कुछ देर के लिए यहां कार्यकर्ताओं के साथ बैठेंगे। नए दफ्तर में एक हेल्पलाइन सेंटर भी बनाया जा रहा है। पार्टी का कोई भी कार्यकर्ता इसके जरिये सीधे अखिलेश यादव से जुड़ सकता है। अखिलेश यादव के वाररूम का काम देख रहे एक नेता ने बताया कि यूपी की सभी विधानसभा क्षेत्रों को लेकर एक सर्वे कराया जा रहा है। जिसमें हर विधानसभा के यूथ प्रभारी को जिम्मेदारी दी गई है। साथ ही विधानसभा वार जातिगत आकंड़ा, पिछले बार की पोलिंग परसेंटेज, सपा प्रत्याशी को मिले वोट समेत कई चीजों को डाटा बेस तैयार कराया जा रहा है।

अखिलेश की टीम कर रही मॉनीटरिंग

इन सारी चीजों की मानीटरिंग अखिलेश यादव की टीम के युवा नेता कर रहे हैं और यह लोग सीधे मुख्मयंत्री इसके लिए रिपोर्ट करेंगे। वार रूम में इलेक्ट्रानिंग, प्रिंट, सोशल मीडिया से जुड़े एक्सपर्ट्स से लेकर प्रोफेशनल लोगों को भी लगाया जा रहा है।

साल 2012 के सारथी फिर नए रूप में

साल 2012 में अखिलेश यादव की जीत में उनके फ्रंटल संगठनों के प्रमुखों की बड़ी भूमिका मानी जाती है। खुद कई मौकों पर अखिलेश यादव ने स्वीकार किया है कि यूपी में सपा की विजय का श्रेय अकेले उनका नहीं, बल्कि उनकी पूरी टीम को जाता है। उस टीम में आनंद भदौरिया को अखिलेश ने खासी जिम्मेदारी दे रखी थी। 40 साल के आनंद का नाम तब लोगों की जुबान पर चढ़ा जब हजरतगंज में लखनऊ के डीआइजी डीके ठाकुर के बूट से रौंदा जा रहा आनंद भदौरिया का चेहरा अखबारों में प्रकाशित हुआ। बाद में भदौरिया समाजवादी पार्टी के फ्रंटल संगठन लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बना दिए गए। उनकी क्षमता से प्रभावित होकर अखिलेश यादव ने उनके विधानसभा परिषद भी भेजा। पिछले दिनों सपा प्रदेश अध्यक्ष से अखिलेश यादव को हटाने के बाद अखिलेश के समर्थन में युवाओं ने जो विरोध प्रदर्शन किया, उसमें आनंद भौदरिया का नाम एक बार फिर चर्चा में आया और उन्हें तीन युवा नेता संजय लाठर, सुनील साजन के साथ पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।

टीम के सक्रिय सदस्य रहे संजय लाठर

पछले विधानसभा चुनाव में संजय लाठर भी टीम के सक्रिय सदस्य थे। अखिलेश की सभाएं और उनकी रथ यात्रा यदि हर जगह अच्छे से नजर आई थी तो उसके पीछे संजय लाठर ही थे। यात्रा एवं सभाओं के संयोजक के रूप में इन्होंने भूमिका निभाई थी। युवजन सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष संजय लाठर मास कम्युनिकेशन में पीएचडी हैं और अपनी इस पढ़ाई की वजह से वे लोगों को नब्ज जानने और अखिलेश को जिताने में भी सफल रहे थे। सुनील यादव साजन 36 साल के हैं। इनका नाम सुर्खियों में तब आया था जब सन 2008 में सपा ने बसपा सरकार के खिलाफ छात्रसंघ चुनाव बहाल करने को लेकर प्रदेश व्यापी प्रदर्शन किया था। कहते हैं कि इस प्रदर्शन की पूरे रूपरेखा ही साजन ने बनाई थी। साजन को पीटा गया और 19 दिन जेल में रहना पड़ा। नावेद सिद्दीकी भी अखिलेश की टीम में थे। रेडियो मिर्ची से जुड़े इस जॉकी को अखिलेश यादव ने अपने साथ जोड़ा था। यह सभी लोग फिर अखिलेश यादव की जीत की रणनीति बनाने के लिए तैयार हैं।

राजेन्द्र चौधरी को मिला है खास जिम्मा

अखिलेश यादव का नया वाररूम जहां बनाया जा रहा है, उस जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट के अध्यक्ष खुद अखिलेश यादव हैं। उनके मंत्री राजेन्द्र चौधरी उपाध्यक्ष हैं। जनेश्वर मिश्रा ट्रस्ट दफ्तर में अखिलेश यादव और मंत्री राजेन्द्र चौधरी के कमरे बनाए गए हैं। इनके अलावा सपा सचिव एसआरएस यादव का भी कमरा बनाया गया। एक न्यूज चैनल की तरफ से आगामी यूपी विधानसभा चुनाव को लेकर आए सर्वे के बाद से सपा के रणनीतिकार अब नए सिरे से रणनीति बनाने पर भी काम करने पर विचार कर रहे हैं।

    

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