मुलायम या अखिलेश में किसे मिलेगी साइकिल ? चुनाव आयोग आज सुनाएगा फैसला

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मुलायम या अखिलेश में किसे मिलेगी साइकिल ? चुनाव आयोग आज सुनाएगा फैसलाचुनाव आयोग आज करेगे दोनों खेमों के दावों पर सुनवाई

लखनऊ (भाषा)। यादव परिवार की लड़ाई में आज अहम दिन है। चुनाव आयोग मुलायम और अखिलेश यादव के खेमों के दावों के आधार पर साइकिल चुनाव चिन्ह पर फैसला सुनाएगा। आज दोपहर ये तय हो जाएगा किसी पक्ष को साइकिल चुनाव चिन्ह मिलेगी या फिर दोनों को किसी और चिन्ह के साथ चुनाव के लिए मैदान में जाना होगा।

इससे पहले दोनों पक्षों की तरफ से अपने-अपने दावे जारी रहे। उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के पहले चरण के मतदान के लिए नामांकन का समय नजदीक आने के साथ राज्य के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने आज अपने मंत्रियों और विधायकों से कहा कि वे टिकट की चिंता नहीं करें। उन्होंने अपने निकट सहयोगियों के साथ चुनावी रणनीति तैयार की।

सपा के विवादित अधिवेशन में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाये जाने के बाद पैदा सूरतेहाल में पार्टी के चुनाव निशान ‘साइकिल' पर दावे को लेकर जहां सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव अपने अनुज शिवपाल सिंह यादव के साथ दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं, वहीं अखिलेश ने यहां 5 कालीदास मार्ग स्थित अपने आधिकारिक आवास पर मंत्रियों, विधायकों तथा कार्यकर्ताओं के साथ करीब डेढ़ घंटे तक गहन चर्चा की, जिसमें विधानसभा चुनाव से सम्बन्धित तैयारियों और पार्टियों की स्थिति पर मंथन किया गया।

चुनाव निशान के विवाद में मत फंसिए

अपने आवास पर ‘जनता दर्शन' के लिए एकत्र हुए कार्यकर्ताओं से अखिलेश ने कहा, ‘‘चुनाव निशान के विवाद में मत फंसिए। यह चुनाव आयोग के पास है और कल इसका समाधान हो जाएगा।'' उन्होंने कहा, ‘‘जनता के पास जाइए। मैं अपने दौरे का कार्यक्रम तैयार करुंगा और आपके साथ शामिल होऊंगा।'' अखिलेश ने अपने मंत्रियों और विधायकों से कहा, ‘‘आप लोगों को टिकट मिलेगा, चिंता मत करिए। सपा की जीत के लिए कड़ी मेहनत करिए।''

बैठक के बाद अखिलेश ने मीडियाकर्मियों से कहा, ‘‘पार्टी में सबकुछ ठीक है।'' अखिलेश के करीबी मंत्री राजेन्द्र चौधरी ने ‘भाषा' को बताया कि अखिलेश ने आज करीब 600 लोगों से मुलाकात की और कहा कि वे क्षेत्र में जाकर चुनाव में जुट जाएं। वह चुनाव प्रचार का कार्यक्रम बना रहे हैं और ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों में पहुंचकर प्रचार करेंगे। जहां तक पार्टी में झगडे का सवाल है तो यह मामला चुनाव आयोग के समक्ष है, जो कल तक तय हो जाएगा।

बैठक से बाहर निकले कुछ कार्यकर्ताओं ने बताया कि अखिलेश ने कांग्रेस के साथ गठबंधन के सवाल पर कहा है कि वह इस पार्टी के साथ क्रीम, पाउडर की तरह ‘प्यार से' गठबंधन करेंगे। हालांकि वह यह नहीं बता सके कि क्रीम, पाउडर से अखिलेश का क्या मतलब था।

राहुल से नहीं मिलेंगे अखिलेश

कांग्रेस के गठबंधन के मुद्दे पर मुख्यमंत्री के दिल्ली जाने की सम्भावना के सवाल पर चौधरी ने कहा कि अखिलेश के अभी दिल्ली जाने का कोई कार्यक्रम नहीं है। माना जा रहा था कि अखिलेश गठबंधन के लिये कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात करने जल्द ही दिल्ली जा सकते हैं।

चौधरी ने बताया कि सपा का चुनाव घोषणापत्र तैयार किया जा रहा है और निर्वाचन आयोग में पार्टी चुनाव निशान का मामला तय होने के फौरन बाद मुख्यमंत्री अखिलेश घोषणापत्र जारी करेंगे। इस बार घोषणापत्र में कृषि क्षेत्र के उन्नयन तथा अल्पसंख्यक कल्याण समेत विभिन्न क्षेत्रों तथा योजनाओं पर खास जोर दिया जाएगा।

राज्य में सात चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिये नामांकन की प्रक्रिया 17 जनवरी को शुरु हो जाएगी। सपा के अंदरुनी सूत्रों के मुताबिक अखिलेश विधानसभा चुनाव के प्रत्याशियों की नई सूची बना रहे हैं. इसमें आपराधिक पृष्ठभूमि के लोगों को बाहर करके योग्य उम्मीदवारों को शामिल किया जा रहा है. इसमें पूर्व मंत्रियों नारद राय, ओम प्रकाश सिंह, शादाब फातिमा तथा अम्बिका चौधरी के साथ-साथ मंत्री अरविन्द सिंह गोप तथा राम गोविन्द चौधरी को भी शामिल किया जा रहा है।

गत एक जनवरी को सपा के विवादित राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश को पार्टी का अध्यक्ष बनाया गया था, जबकि मुलायम को पार्टी का ‘सर्वोच्च रहनुमा' का पद दिया गया था। इसके अलावा सपा महासचिव अमर सिंह को पार्टी से निष्कासित करने तथा शिवपाल को पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने का निर्णय भी लिया गया था। मुलायम ने इस सम्मेलन को असंवैधानिक घोषित करते हुए इसमें लिये गये तमाम फैसलों को अवैध ठहराया था।

चुनाव आयोग ने पार्टी के चुनाव चिह्न ‘साइकिल' पर सपा के दोनों गुटों द्वारा दायर प्रतिवेदन पर सुनवाई की तारीख 13 जनवरी नियत की है. माना जा रहा है कि जिस गुट के पास 51 प्रतिशत विधायकों तथा अन्य जनप्रतिनिधियों का समर्थन होगा, उसका पलडा भारी रहेगा।

   

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