इलाहाबाद पश्चिम सीट पर महिला शक्ति का हो रहा प्रदर्शन, ऋचा सिंह और पूजा पाल का होगा इम्तिहान

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इलाहाबाद पश्चिम सीट पर महिला शक्ति का हो रहा प्रदर्शन, ऋचा सिंह और पूजा पाल का होगा इम्तिहानपूजा पाल और ऋचा सिंह

इलाहाबाद/लखनऊ। उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक नगरी इलाहाबाद की पश्चिमी विधानसभी सीट पर महिला सशक्तीकरण का नजारा देखने को मिल रहा है। 23 फरवरी को हो रहे मतदान में इस सीट पर दो ऐसी महिलाएं चुनावी राजनीति में किस्मत आजमा रही हैं, जिनका राजनीति में आने का मकसद नहीं था लेकिन परिस्थितिवश आज दोनों राजनीति की माहिर खिलाड़ी बन चुकी हैं।

पूजा पाल उस समय सुर्खियों में आई थी जब एक दशक पहले साल 2005 में उनके विधायक पति राजू पाल की हत्या कर दी गई और उसके बाद पूजा पाल को अपने पति की जगह चुनाव में उतरना पड़ा। माफिया डान अतीक अहमद पर उनके पति की हत्या का आरोप लगा। बसपा के विधायक रहे राजू पाल की जगह पूजा पाल केा बसपा ने प्रत्याशी बनाया लेकिन वह अतीक अहमद से हार गईं लेकिन इसके बाद भी संघर्ष करती रही। जिसके नतीते में साल 2007 और 2012 में वह लगातार बसपा के टिकट पर यहां से विधायक चुनी जा रही। पूजा पाल कहती हैं '' मेरे पति को विधायक बने तीन महीने ही हुए थे कि अपराधियों ने उनकी हत्या कर दी। मेरी दुनिया की उजड़ गई। मैं टूट चुकी थी लेकिन बहन जी ने मेरी सहायता की चुनाव में खड़ा किया। जनता ने मेरा साथ दिया। आज भी जनता मेरे साथ है। ''

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इलाहाबाद पश्चिम सीट पर बसपा उम्मीवार पूजा पाल को टक्कर दे रही सपा उम्मीदवार ऋचा सिंह भी राजनीति में उतरेंगी यह कभी सोचा नहीं था लेकिन छात्र राजनीति के जरिए पहली बार संसदीय राजनीति में उतरने वाली ऋचा सिंह विधायक बनके के पहले ही इतिहास कायम कर चुकी हैं। पूरब के आक्सफोर्ड और देशभर में छात्र राजनीति के जरिए कई बड़े नेताओं को देने वाले इलाहाबाद विश्वविद्यालय में ऋचा सिंह साल 2015 में छात्र संघ की अध्यक्ष चुनी गई।

1927 के बाद ऐसा पहली बार था जब कोई छात्रा इस विश्वविद्यालय की अध्यक्ष चुनी गई थी। अध्यक्ष बनने के बाद छात्र-छात्राअें के मुददों पर प्रशासन से लोहा लेने वाली ऋचा सिंह अपने कार्यकाल में अधिकतर समय सुर्खियों में रही। उनकी सबसे ज्यादा चर्चा उस समय हुई थी जब छात्र संघ के उदघाटन समारोह में उन्होंने बीजेपी के फायर ब्रांड नेता गोरखपुर के सांसद महंत आदित्यनाथ के आने का विरोध किया था। ऋचा सिंह कहती हैं '' राजनीति में मेरा आने का मकसद कमजोर और महिलाओं के लिए संघर्ष करके उन्हें न्याय दिलाना है। एक छात्रनेता के तौर पर लोगों ने मेरा काम देखा है। ''

इलाहाबाद पश्चिम सीट पर पूजा पाल और ऋचा सिंह के बीच बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव सिद्धार्थनाथ सिंह भी किस्मत आजमा रहे हैं। पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री के नाती होने के नाम पर भी वह लोगों से वोट मांग रहे हैं।

       

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