भाजपा ने पुराने विधायकों पर आजमाया भरोसा
Ashish Deep 17 Jan 2017 9:08 PM GMT

कानपुर (भाषा)। कानपुर शहर और ग्रामीण की दस विधानसभा सीटों में से चार पर भारतीय जनता पार्टी ने अपने पुराने विधायकों पर एक बार फिर भरोसा किया और उन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में दोबारा उम्मीदवार बनाया है।
भारतीय जनता पार्टी की प्रत्याशियों की सूची में कानपुर की महाराजपुर सीट से मौजूदा विधायक सतीश महाना को एक बार फिर टिकट मिला है। वर्ष 1997 से लेकर 2003 तक भाजपा की उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे महाना इससे पहले वर्ष 1991, 1993, 1996, 2002 और 2007 में कैंट विधानसभा क्षेत्र से भाजपा के विधायक थे। साल 2012 में परिसीमन के कारण भौगोलिक स्थिति बदली तो वह महाराजपुर से विधायक बने। अब वह फिर आगामी विधानसभा चुनाव में महाराजपुर से मैदान में हैं।
शहर की आर्यनगर सीट से मौजूदा विधायक सलिल विश्नोई को भाजपा ने एक बार फिर मैदान में उतारा है। शहर के बीचोंबीच की इस सीट पर विश्नोई वर्ष 2012 में चुनाव जीते थे। इससे पहले वह साल 2002 और 2007 में जनरलगंज सीट से विधायक रहे। साल 2012 में परिसीमन के बाद जनरलगंज सीट खत्म होने पर आर्यनगर विधानसभा सीट से मैदान में उतरे सलिल विश्नोई इसी सीट से चुनाव जीते। भाजपा ने विश्नोई पर चौथी बार भरोसा किया है।
गोविंदनगर सीट पर वरिष्ठ नेता और मौजूदा विधायक सत्यदेव पचौरी को दोबारा मैदान में उतारा है। पचौरी इसी सीट पर 2012 में भाजपा के विधायक चुने गये थे। इससे पहले वह वर्ष 1991 में आर्यनगर सीट से भाजपा के विधायक रह चुके है। भाजपा ने शहर की मुस्लिम बाहुल्य सीट कैंट से पार्टी ने इस बार मौजूदा विधायक रधुनंदन भदौरिया को टिकट दी है। भदौरिया पहली बार कैंट विधानसभा सीट से वर्ष 2012 में विधायक बने थे और भाजपा ने इस सीट पर दोबारा उन पर भरोसा जताया है।
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