उत्तराखंड में खुद को विकल्प के तौर पर पेश करेगी बीएसपी

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उत्तराखंड में खुद को विकल्प के तौर पर पेश करेगी बीएसपीमायावती फाइल फोटो

लखनऊ। उत्तराखंड में बहुजन समाज पार्टी की साख को बढ़ाने के लिए अब बसपा सुप्रीमो मायावती ने जोरदार अभियान शुरू करने की तैयारी की है। बसपा को अब उत्तराखंड की जनता के बीच तीसरे विकल्प के तौर पर बीएसपी पेश करेगी।

बैठक में पदाधिकारियों के साथ की चर्चा

उत्तराखण्ड की सरकार में बीएसपी को लाने के लिए उत्तर प्रदेश यूनिट राज्य कार्यालय पर पार्टी की बैठक शनिवार को हुई। इस बैठक में उत्तराखण्ड में पार्टी के संगठन और राज्य मे होने वाले विधानसभा चुनाव पर समीक्षा की गई। बीएसपी की राष्टीय अध्यक्ष, सांसद मायावती ने उत्तराखण्ड में पार्टी को स्थापित करने के लिए राज्य के प्रदेश, जिला और विधानसभा स्तर के वरिष्ठ पदाधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण चर्चा की।

उत्तराखंड में बीएसपी के लिए अपार संभावनाएं: मायावती

बैठक में मायावती ने कहा कि ’’उत्तराखण्ड में बीएसपी के लिए अपार संभावनाएं हैं। अलग राज्य बनने से पहले बीएसपी के शासनकाल में वहां सभी क्षेत्रों का समग्र विकास और जनता के हितों के लिए कई अहम फैसले लिए गए थे। हाल ही में सम्पन्न स्थानीय निकाय के चुनाव में भी पार्टी ने अच्छे परिणाम दिखायें हैं। यह जनाधार सिद्ध करता है कि पार्टी उत्तराखण्ड अपने को स्थापित करने में सक्षम है, लेकिन इसे और भी व्यापक और मजबूत बनाने की जरुरत है।’’

कांग्रेस और भाजपा कर रही जात-पात की राजनीति

उत्तराखण्ड की वर्तमान सियासी परिदृश्य की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि सत्ताधारी कांग्रेस और पूर्व में सत्ता में रही भाजपा दोनों ही पार्टियां आपसी घमासान और जात-पात की राजनीति कर रही है, जिसके कारण वहां की जनता काफी दुखी है। बीएसपी आगामी विधानसभा चुनाव में इसका लाभ उठाएगी, जिससे राज्य में पार्टी एक मजबूत पार्टी के रुप में सामने आएगी। सत्ता में आने पर पार्टी ’सर्वजन हिताय व सर्वजन सुखाय’ के लिए कार्य करेगी। उत्तराखण्ड में पार्टी को स्थापित करने के लिए पार्टी कार्यकर्ताओं को पूरी तन्मयता और तन, मन, धन से काम करते हुए पार्टी को और भी मजबूत बनाना होगा।

केंद्र सरकार ने किया है विश्वासघात

केन्द्र सरकार के कामों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि ढाई साल के कार्यकाल के दौरान केन्द्र सरकार ने लोगों को जो लुभावने वादे करके उनके साथ विश्वासघात किया है। उत्तराखण्ड कांग्रेस और भाजपा से बुरी तरह त्रस्त है। जिससे प्रदेश में बीएसपी एक बेहतर विकल्प के तौर पर उभर सकती है और राज्य के लोगों में आशा का नया संचार कर सकती है।

     

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