पांच घंटे में लगभग 3000 परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण कर अखिलेश ने रचा इतिहास

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पांच घंटे में लगभग 3000 परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण कर अखिलेश ने रचा इतिहासलखनऊ में जेपी सेंटर में कुछ इस अंदाज में नजर आए मुख्यमंत्री अखिलेश यादव।

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के लिए मंगलवार एक ऐतिहासिक दिन रहा। अखिलेश यादव प्रदेश के पहले ऐसे मुख्यमंत्री रहे जिन्होंने पांच घंटे तक लखनऊ में घूम-घूम कर प्रदेश भर की हजारों परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया। इलाज, दवा, खेल, किसान, सड़क, पुल, बस अड्डा, बस और न जाने क्या क्या कुछ तो नहीं छोड़ा। सुबह शुरुआत किसान बाजार से की तो शाम हुई कैसरबाग बस अड्डे पर करीब छह हजार करोड़ रुपये के बजट से बनी परियोजनाओं को जमीन पर उतरने के लिए पत्थरों पर सीएम का नाम उकरा हुआ नजर आया। सबसे बड़ा आयोजन सीजी सिटी में कैंसर इंस्टीट्यूट के लोकार्पण पर किया गया, जहां लोकार्पण और शिलान्यास के 1200 पत्थरों का अनावरण किया गया।

जेपी सेंटर में स्पोर्टस सेंटर का शुभारंभ करते सीएम व अन्य मंत्री। फोटो- महेंद्र पाडेय

अप्रैल में आईपीएल का मैच लखनऊ में संभव

अप्रैल में आईपीएल का मैच लखनऊ में संभव है। 400 करोड़ रुपये की लागत से निजी सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) वाले अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट स्टेडियम का लोकार्पण मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को किया। स्टेडियम में 50000 दर्शकों के बैठने की क्षमता होगी। आईआईसी के मानकों के अनुरूप इस स्टेडियम का निर्माण किया जा रहा है। जिसमें न केवल दिन रात में मैच कराने की व्यवस्था है बल्कि प्रशिक्षण के लिए कोचिंग सेंटर भी होगा। इसके अलावा करीब 100 एकड़ में 1000 करोड़ की चक गजरिया सिटी का निर्माण भी यहां किया जाएगा, जिसमें 75 फीसदी आवासीय और 25 फीसदी कामर्शियल निर्माण होंगे।

प्रदेश के जेपी सेंटर में पहला स्वीमिंग पूल बना है जो सभी मौमस में तैराकी के लिए उपयुक्त है।

हर मौसम में तैराकी का मजा

राज्य का पहला ऑलवेदर स्वीमिंग पूल मंगलवार को राजधानी में शुरू हो गया। 50 मीटर लंबाई के इस पूल में साल किसी भी महीने में तैराक अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकेंगे। गोमती नगर के जयप्रकाश नारायण अंतरराष्ट्रीय केंद्र में इस पूल का लोकार्पण मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने किया। इस मौके स्पोट्र्स कॉलेज की लड़कियों और लड़कों की यहां तैराकी प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया। इसके अलावा कॉलेज की ही गरिमा ने पूल डांसिंग कर के अपनी प्रतिभाक प्रदर्शन किया।

सरकार का उद्देश्य गरीब, किसान और गांव वालों को सस्ता इलाज उपलब्ध कराना है। कैंसर के इलाज के लिए लोगों को अब बाहर नहीं जाना पड़ेगा। मेडिकल सीट बढ़ाने का काम अगर किसी ने किया है तो वह सपा सरकार ने किया।
अखिलेश यादव, मुख्यमंत्री, यूपी

एसजीपीजीआई को मुख्यमंत्री ने नई ओपीडी की दी सौगात।

प्रदेश की सेहत सुधारने के लिए 2 हजार करोड़ की परियोजनाएं

उत्तर प्रदेश की 22 करोड़ आबादी के स्वास्थ्य को ध्यान में रखतें हुए सीएम अखिलेश यादव ने स्वास्थ्य के क्षेत्र में 2 हज़ार करोड़ से भी ज्यादा परियोजनाओं का लोकार्पण किया है। जिसमें लोहिया अस्पताल के मातृ एवम शिशु अस्पताल रेफरल अस्पताल, सीजी सिटी कैंसर इंटीट्यूट पीजीआई में नई ओपीडी बिल्डिंग लाइब्रेरी लेक्चर थियेटर और बलरामपुर ओपीडी शामिल है। यह सेवाए उत्तर प्रदेश में निवास करनें वाली जनता के स्वास्थ्य के उद्देश्य से बहुत महत्वपूर्ण है।

उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा अस्पताल जहां हो सकेगा बोनमेरो ट्रांसप्लांट

सीजी सिटी कैंसर इंस्टीट्यूट में फिलहाल ओपीडी की शुरूआत दिसम्बर माह से शुरू हो गयी थी। फिलहाल 40 बेड पर इलाज की सुविधा मरीजों के शुरू कर दी गयी है। इस इंस्टीटयूट की लागत 854 करोड़ है। आज सीएम अखिलेश यादव ने ओपीडी का लोर्कापण करके इसकी औपचारिकता पूरी कर दी। । इसकी क्षमता 500 बेड की है। ये उत्तर प्रदेश का पहला ऐसा अस्पताल हो सकेगा जहां बोनमेरो ट्रांसप्लांट की भी व्यवस्था होगी। ओरल कैंसर, ब्रेस्ट कैंसर, सर्विक्स कैंसर, लंग कैंसर, यूट्रस कैंसर सहित सभी सामान्य कैंसर का इलाज अभी यहां किया जा रहा है। भविष्य में यहाँ पर मुंह और नाक का कैंसर, नसों का कैंसर, गर्भ का कैंसर, ब्लड कैंसर, बच्चों में होने वाले कैंसर के 20 स्पेशल विभाग भी खुलेंगे। इसके अलावा यहाँ पर कैंसर होने पर रेडिएशन देने की वेटिंग कम होगी क्योंकि यहाँ 6 लीनियर मशीनें लगाने की तैयारी है।

लोहिया में मरीजों की लम्बी वेंटिग होगी कम

200 बेड का बाल महिला चिकित्सालय शहीद पथ के राम मनोहर लोहिया संस्थान के 200 बेड के बाल महिला चिकित्सालय का लोकार्पण किया। इस अस्पताल में 20 बेड का प्राइवेट वार्ड है। जबकी लोहिया संस्थान में 22 बेड का प्राइवेट और 8 बेड का सेमिप्राइवेट वार्ड है। आरएमएल अस्पताल में 34 बेड का प्राइवेट वार्ड है। इसके बाद भी यहां मरीजों की लंबी वेटिंग रहती है। इसी कारण महिला अस्पताल में भी 20 बेड का प्राइवेट वार्ड बनाया गया है। जिससे वेटिंग ख़त्म की जा सकेगी।

मातृ एवम शिशु रेफरल अस्पताल को लोकार्पण

मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मंगलवार को शहीद पथ स्थित रेफरल हॉस्पिटल का लोकार्पण किया। यह अस्पताल माँ और बच्चे के स्वास्थ्य से जुड़ी सभी सुविधाओं से लैस है। ये रेफरल हॉस्पिटल लोहिया अस्पताल की देख-रेख में चलाया जायेगा। 500 बेड के इस अस्पताल की लागत 61 करोड़ 2 लाख 29 हजार रुपये है। इस अस्पताल के शुरू होने के बाद राजधानी के एक मात्र महिला रेफरल अस्पताल क्वीन मेरी पर दबाव कम होगा। इसमें प्लास्टिक सर्जरी, हड्डी, जेनेटिक्स, इम्यूनोलॉजी समेत 10 विभाग खुलेंगे।

न्यूरो सर्जरी का प्रारम्भ

न्यूरो सर्जरी यूनिट का होगा प्रारम्भ लोहिया संस्थान में 20 बेड के न्यूरो सर्जरी यूनिट की शुरुआत हो गयी है। जो आईसीयू की कमी को कम करेगा। इसके अलावा नर्सिंग की पढ़ाई कर रहे स्टूडेंट्स के लिए नर्सिंग कॉलेज की नींव रखी गयी। इसी के साथ लोहिया संस्थान में 18 बेड के किडनी ट्रांसप्लांट यूनिट का औपचारिक शुभारम्भ भी हो गया। लोहिया संस्थान में किडनी ट्रांसप्लांट शुरू होने के बाद किडनी के रोगियों की कुछ हद तक वेटिंग ख़त्म हो पायेगी। 14 दिसम्बर को लोहिया संस्थान में पहला किडनी ट्रांसप्लांट किया जा चुका है।

एसजीपीजीआई को 473 करोड़ की सौगात

संजय गांधी स्नातकोत्तर आयुर्विज्ञान संस्थान को सीएम ने 473 करोड़ की सौगात दी। जिसमें पांच मंजिला न्यू ओपीडी बिल्डिंग और लेक्चर थियेटर शामिल है। इससे हर वर्ष करीब 4 लाख लोगों को लाभ मिलेगा।

मरीजों को एक ही छत के नीचे सारी सुविधा

बलरामपुर में 46 करोड़ रुपए की लागत से तीन मंजिला बनी ओपीडी का आज शुभआरम्भ हो गया है एक महिना पहलें से यह बिल्डिग बनकर तैयार खड़ी थी लेकिन उद्दघाटन न होने के कारण मरीजों को इलाज के लिए इधर से उधर दौड़ना पड़ता था। वर्तमान में एक जगह ओपीडी की व्यवस्था न होने के कारण मरीजों को इधर से उधर दौड़ना पड़ता था। अब मरीजों को एक ही जगह पर मरीजों को इलाज की सुविधा मिलेगी।

मेगा लोकार्पण के दिन ज्यादा जोर सेहत पर रहा।

पक्के पुल को मिला जुड़वा पुल

लखनऊ। इमामबाड़ा कुडिययाघाट गोमतीनदी के नये पुल का होगा लोकार्पण 27 करोड़ की लागत से बना नया ब्रिज। यहां करीब 102 साल से पक्का पुल के जरिये गोमती के आरपार का यातायात चलता रहा है। मगर अब यहां यातायात दो पुलों से संचालित होगा। एक पुल टीले वाली मस्जिद के पीछे से बांध रोड पर बैरल नंबर दो तक जाएगा। जबकि एक पुल पुराना तो है ही। इस वजह से इस पुल पर यातायात का दबाव काफी कम होगा। टीले वाली मस्जिद के पीछे जिस सड़क को सिंचाई विभाग बना रहा है, उसके जरिये लोग सीधे हुसैनाबाद रोड तक जा सकेंगे। ऐसे में उनको पक्के पुल पर आने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी।

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