मैं इस धर्मयुद्ध में अखिलेश के साथ हूं: रामगोपाल
गाँव कनेक्शन 23 Oct 2016 8:00 PM GMT

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी में चरम पर चल रहे घमासान के बीच पूर्व पार्टी महासचिव राम गोपाल यादव को पार्टी से छह साल के लिए बर्खास्त किये जाने के बाद राम गोपाल यादव ने नेता जी मुलायम सिंह यादव को पत्र लिखा है। पत्र में राम गोपाल यादव ने कहा है कि मैं समाजवादी पार्टी में रहूं या न रहूं लेकिन मैं इस धर्मयुद्ध में अखिलेश के साथ हूं और उन्हें दोबारा मुख्यमंत्री बनाने तक रहूंगा।
इस वक्त नेता जी आसुरी शक्तियों से घिरे
राम गोपाल यादव ने पत्र में कहा है कि नेता जी मुलायम सिंह यादव न सिर्फ मेरे बड़े भाई हैं, बल्कि मेरे गुरु भी हैं। मैं हमेशा नेता जी का सम्मान करता रहूंगा। उन्होंने पत्र में लिखा है कि इस समय नेता जी आसुरी शक्तियों से घिरे हुए हैं, लेकिन जब वह उन ताकतों से मुक्त होंगे, उन्हें सच्चाई का जरूर एहसास होगा।
मुझे कोई दु:ख नहीं
राम गोपाल यादव ने पत्र में लिखा है कि मुझे पार्टी से निकाले जाने का कोई दु:ख नहीं है। लेकिन मुझ पर जो घटिया आरोप लगाए गये हैं, उनसे मुझे जरूर पीड़ा हुई है।
आरोपों पर दी सफाई
पत्र में राम गोपाल यादव ने लिखा कि लोकतांत्रिक राजनीति में अन्य दलों के नेताओं से मिलना कोई अपराध नहीं है। उन्होंने सफाई दी कि सेफई में एक पारिवारिक समारोह के दौरान प्रधानमंत्री को बुलाने के लिए मैं नेता जी के साथ मोदी जी से मिला था। उन्होंने कहा कि पिछले दिनों बीजेपी के एक सांसद ने पहले शिवपाल सिंह को पुत्र की शादी के उपलक्ष्य में भोज दिया था। उसके बाद पार्टी के ही एक एमपी ने बीजेपी के ही उस सांसद के स्वागत में भोज दिया था।
घटिया सोच को दर्शाती हैं यह सोच
उन्होंने पत्र में लिखा है कि ये बातें उठना भी घटिया सोच को दर्शाता है। उन्होंने समाजवादी लोगों से अपील की कि अखिलेश यादव के साथ जुटें ताकि राजनीति के दलाल अखिलेश को हराने की अपनी कोशिश में कामयाब न हो सकें।
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