क्या शाह और योगी का रोड शो कर पाएगा कमाल ?

Ashwani NigamAshwani Nigam   3 March 2017 6:18 PM GMT

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क्या शाह और योगी का रोड शो कर पाएगा कमाल ?गुरुवार को हुई रैली में एक साथ अमित शाह और योगी आदित्यनाथ।

गोरखपुर। यूपी विधानसभा के छठे चरण में 4 मार्च को 49 सीटों पर मतदान होगा। इन सभी सीटों पर कमल खिलाने के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और बीजेपी के स्टार प्रचारक महंग योगी आदित्यनाथ ने गुरूवार को गोरखुपर में रोड शो किया। पूर्वांचल की राजधानी मानेजाने वाले गोरखपुर में चुनाव प्रचार के अंतिम दिन दोनों बड़े नेताओं का रोड शो करना एक रणनीति का हिस्सा है। बीजेपी के तरफ से मुख्यमंत्री पद के दावेदार माने जाने वाले योगी आदित्यनाथ का यह अपना क्षेत्र हैं और वह यहां से पांच बार से लगातार सांसद हैं। हालांकि वह अपना प्रभाव पूरे पूर्वांचल केा बताते हैं लेकिन आंकड़े इस बात के गवाह हैं कि लोकसभा में भले ही आदित्यनाथ रिकार्ड वोटों से अपनी जीत दर्ज किए हैं लेकिन विधानसभा में यहां की जनता ने बीजेपी को पिछले कई चुनावों से नकार रही है।

गोरखपुर जिले में कुल 9 विधानसभा सीटें हैं लेकिन पिछले विधानसभा चुनाव में बीजेपी का मात्र दो सीटें मिली थीं वहीं सपा की लहर के बावजूद भी इस जिले में बसपा ने सबसे अधिक चार सीटों पर कब्जा किया था। ऐसे में इस बार योगी के सामने गोरखपुर जिले की सभी सीटें बीजेपी के झोली में डालने की चुनौती है। इसी को देखते हुए अमित शाह और योगीद आदित्यनाथ ने गोरखपुर में रोड शो किया है। हालांकि इस रोड में जुटी भारी भीड़ के बाद भी बीजेपी के लिए राह इतना आसान नहीं है। मायावती के दलित, ब्राम्हण और मुसलिम समीकरण इस बार के चुनाव में भी बीजेपी के साथ ही सपा-कांग्रेस गठबंधन की राह में बडा़ रोड़ा है।

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गोरखपुर जिले में गोरखपुर सदर, गोरखपुर ग्रामीण, सहजनवां, चिल्लूपार, पिपराइच, बांसगांव, खजनी, कैम्पिरयरगंज और चौरीचौरा विधानसभा क्षेत्र आते हैं। साल 2012 के चुनाव में बांसगांव, चौरीचौरा, सहजनवां और चिल्लूपार से बसपा ने जीत दर्ज की थी वहीं सपा ने गोरखपुर ग्रामीण और पिपराइच सीट पर कब्जा जमाया था। बीजेपी के खाते में सिर्फ खजनी और गोरखपुर शहर सीट आई थी। इस बार के चुनाव में बीजेपी ने खजनी और गोरखपुर शहर के अपने मौजूदा विधायकों को फिर से मैदान में उतारा है वहीं बसपा ने अपने दो मौजूदा विधायकों का टिकट काट दिया है। जिसमें बसपा के टिकट पर चिल्लूपार से पिछली बार विधायक चुने गए डा़ राजेश त्रिपाठी इस बार भाजपा के टिकट पर भाग्य आजमा रहे हैं वहीं बसपा ने चिल्लूपार सीट से कई बार प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व मंत्री हरिशंकर तिवारी के बेटे विनय शंकर तिवारी को उम्मीदवार बनाया है।

गोरखुपर की इन 9 सीटों पर ब्राम्हण, दलित और निषाद वोट निर्णायक हैं। ऐसे में निषाद समाज को अलग पहचान देकर निषाद पार्टी बनाने वाले डा संजय निषाद भी कई सीटों पर उलटफेर करने वाले हैं। गोरखपुर ग्रामीण सीट से निषाद पार्टी के टिकट खुद चुनाव लड़ रहे हैं वहीं बसपा ने निषाद वोटों को अपने पक्ष में करने के लिए निषाद समाज से दो लोगों को चुनाव मैदान में उतारा है। जिससें चौरीचौरा से जहां जयप्रकाश निषाद उम्मीदवार हैं वहीं कैम्पिरयरगंज से आनंद निषाद चुनाव लड़ रहे हैं। जातीय समीकरण के मामले में यहां पर सपा-कांग्रेस गठबंधन और बीजेपी कमजोर नजर आ रहे हैं।

गोरखपुर के वरिष्ठ पत्रकार मनोज कुमार सिंह का कहना ''निषाद पार्टी के चुनाव मैदान में आने से बीजेपी और सपा का नुकसान हो रहा है वहीं बसपा ने इस समाज के दो लोगों को टिकट देकर अपने नुकसान की भरपाई करने की कोशिश की है। '' गोरखपुर शहर सीट से पिछले तीन बार से योगी के प्रभाव में बीजेपी से विधायक बनने वाले डा राधामोहन दास अग्रवाल के सामने इस बार अपनी सीट बचाना एक कड़ा इम्तहान है। सड़क, बिजली पानी, रोड और नालियों जैसी आरधारभूत सुविधाओं की बदहाली के कारण लोगों में रोष है। गोरखपुर शहर में बड़ा जनाधार रखने वाला व्यापार मंडल भी इस बार दो फाड़‍ है। ऐसे छह जिलों की 40 सीटों के अलावा बीजेपी के सामने गोरखपुर शहर की 9 सीट जीतना ही बड़ा चैलेंज नजर आ रहा है।

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