मैं अखिलेश की राह का रोड़ा नहीं हूं : अमर सिंह

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   6 Jan 2017 4:32 PM GMT

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मैं अखिलेश की राह का रोड़ा नहीं हूं : अमर सिंहसपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल के साथ अमर सिंह। फाइल फोटो

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के ‘समाजवादी' कुनबे में जारी घमासान में संख्याबल के मामले में मुख्यमंत्री अखिलेश यादव का पलड़ा भारी होने के बीच इस झगड़े की मुख्य वजह बताए जा रहे समाजवादी पार्टी के विवादित महासचिव व राज्यसभा सदस्य अमर सिंह ने कहा, संख्या या सत्ता से किसी की हैसियत नहीं बनती। उन्होंने कहा कि वह स्पष्ट कर देना चाहते हैं कि वह अखिलेश की राह का रोड़ा नहीं हैं। मैं चाहता हूं कि पिता-पुत्र के रिश्ते अच्छे हों। वह पार्टी के दोनों धड़ों में समझौते की राह निकाले जाने की हिमायत करते हैं। उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर आरोप लगाया कि पार्टी में जो कुछ हो रहा है, उसकी वजह वह नहीं, बल्कि अखिलेश का एक प्रबल समर्थक है।

मुलायम सिंह यादव के आवास पर एक बैठक हुई, जिसमें शिवपाल, अमर सिंह, बेनी प्रसाद वर्मा, अंगद राय और ओमप्रकाश सिंह शामिल हुए। कुछ देर बाद मुलायम सिंह यादव के आवास से अमर सिंह और शिवपाल सिंह यादव बिना कुछ बोले निकल गए।

पिछले कई महीने से यादव परिवार में चल रहे नाराजगी प्रकरण में अभी तक कुछ नहीं बोलने वाले अमर सिंह ने पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हुए कहा,विवाद में मुलायम सिंह अकेले हैं। अमर सिंह ने कहा कि कोई नेताजी को हैसियत दिखाए ये हम नहीं सुन सकते, हैसियत संख्या से नहीं होती है, हैसियत व्यक्तित्व और कृतित्व से होती है, हैसियत पूर्णमासी का चांद नहीं है।

सपा के चुनाव निशान साइकिल पर कब्जे की लड़ाई में पार्टी के 212 विधायकों के मुख्यमंत्री के पक्ष में शपथपत्र पर दस्तखत किये जाने के अखिलेश गुट के दावे के बीच अमर सिंह ने ने अखिलेश पर तंज करते हुए कहा कि जहां तक चोट का सवाल है तो वह बाहर से नहीं मिलती। अपनों से लड़ना बहुत मुश्किल होता है, मिट्टी को कभी खुद को रूप देने वाले कुम्हार की स्मृति नहीं भूलनी चाहिए।

एक शेर ले ज़रिए अमर सिंह ने कहा अपनों से जब लड़ाई होती है तो मिट्टी में मिलना पड़ता है। भावुक अमर सिंह ने आगे कहा हम और शिवपाल दोनों सीएम के हितैषी हैं। अमर सिंह ने कहा कि मैं पीछे के दरवाजे की राजनीति नहीं करता हूं।

अमर सिंह ने सपा राज्यसभा सदस्य नरेश अग्रवाल पर कटाक्ष करते हुए बिना नाम लिए कहा ‘‘वह भाजपा सरकार में काबीना मंत्री रहे। कांग्रेस और बसपा में भी रहे। वर्तमान में अखिलेश के साथ हैंं। वह मुझे भाजपा का एजेंट कह रहे हैं. मेरे जैसा व्यक्ति अल्पांश तरीके से किसी के साथ नहीं रहता। अगर रहता है तो पूरी तरह रहता है. कोई भी विचारधारा, जिसमें मेरा समन्वय होगा, उसमें मैं समाहित हो जाता हूं। चोर दरवाजे से प्रविष्ट होकर राजनीति करने की प्रवृत्ति मेरी नहीं है।''

सपा महासचिव ने कहा, ‘‘शिवपाल के साथी होने के कारण जो लोग अखिलेश की नजर में दागी थे, उन सबने मुख्यमंत्री आवास पर जाकर शपथपत्र दे दिए तो वे सब उज्ज्वल हो गए, सफेदी की चमकार हो गयी। अंसारी बंधु उज्ज्वल हो गए। सब सत्यम शिवम सुन्दरम हो गए।''

अमर सिंह ने कहा ‘‘राजनीति बड़ी क्रूर और निर्मम है, इसमें किसी के लिए खड़ा होना अपराध है. शिवपाल ने यही अपराध किया है।'' उन्होंने सपा के राज्यसभा सदस्य किरणमय नंदा की तरफ इशारा करते हुए कहा ‘‘पीड़ा के साथ कहना चाहता हूं। पार्टी के एक वरिष्ठ उपाध्यक्ष हैं, ठीक से हिन्दी नहीं बोल पाते। कहते हैं कि अमर सिंह उत्तर प्रदेश में व्यापार करने के लिए आया है, मैंने एक कौडी का ठेका पट्टा लिया हो, ट्रांसफर-पोस्टिंग का काम किया हो तो...आपको विनम्र चुनौती है, इसकी जांच करा लें।''

माना जा रहा है कि समाजवादी पार्टी में जो टकराव चल रहा है, उस टकराव का मुख्य कारण अमर सिंह हैं। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव व रामगोपाल यादव को अमर सिंह एक आंख नहीं सुहाते हैं और अखिलेश टीम चाहती है कि अमर सिंह को पार्टी से निकल दिया जाए।

वहीं समाजवादी पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव व शिवपाल अमर सिंह को काफी पंसद करते हैं। मुलायम ऐसा मानते हैं कि एक मामले में अगर अमर सिंह मदद नहीं करते तो शायद उन्हें जेल जाना पड़ता।

       

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