‘दिवालिया रथयात्रा’ थी अखिलेश की विकास रथयात्रा : मायावती
Sanjay Srivastava 4 Nov 2016 2:43 PM GMT

लखनऊ (भाषा)। बसपा सुप्रीमो मायावती ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की ‘विकास रथयात्रा' को ‘दिवालिया रथयात्रा' करार देते हुए आज कहा कि मुख्यमंत्री को गुमनाम होने की शिकायत है तो जनता को उनके विकास के दावे खोखले होने की शिकायत है।
मायावती ने यहां जारी एक बयान में कहा, ‘‘करोड़ों रुपए की लागत से बनने वाला लक्जरी रथ का जहां वर्तमान सरकार के मुखिया अखिलेश यादव की यात्रा के प्रारंभ में ही दिवाला निकाल गया, वहीं रथयात्रा के साथ चलने वाले उनके हुडदंगबाज रास्ते में लूटते खसोटते चले गए। पुलिस को तमाशबीन बने रहने पर मजबूर होना पड़ा।''
वैसे तो किसी भी सरकार के लिए उसके काम को बोलना चाहिए परंतु जिस प्रकार वर्तमान मुख्यमंत्री को अपने गुमनाम होने की शिकायत है कि लोग उन्हें पहचानते नहीं, ठीक उसी प्रकार उनके विकास के दावे भी हवा हवाई होने की शिकायत लोगों को है क्योंकि उनके विकास के दावों का लाभ अभी तक जनता को मिलना शुरू ही नहीं हुआ।मायावती सुप्रीमो बसपा
बसपा सुप्रीमो ने कहा कि अगर सपा सरकार ने जनहित और जन कल्याण के वास्तविक काम किए होते तो फिर उन्हें भारी सरकारी शान शौकत के साथ यह विकास रथयात्रा निकालने की जरुरत ही नहीं पड़ती।
सपा शासनकाल में घोर जातिवाद, भ्रष्टाचार का बोलबाला
मायावती ने आरोप लगाया कि सपा शासनकाल में घोर जातिवाद, परस्पर द्वेष, भ्रष्टाचार और जंगलराज का बोलबाला रहा है। इसके लिए अनेक बार उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय से सपा सरकार को फटकार भी मिलती रही है।
उन्होंने कहा, ‘‘डेंगू जैसी घातक बीमारी ने महामारी का रूप ले लिया। अंतत: उच्च न्यायालय को सख्ती से दखल देना पड़ा। लेकिन सपा सरकार के मुखिया (अखिलेश) इन बातों के मद्देनजर शर्मिन्दा और सतर्क होकर कार्य करने की बजाय निष्प्रभावी एंबुलेंस सेवा का ढिंढोरा पीटते हैं।''
भाजपा-सपा में मिलीभगत है
बसपा सुप्रीमो ये आरोप भी लगाया कि भाजपा से सपा की मिलीभगत है इसलिए अखिलेश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के खिलाफ इशारों इशारों बात करते हैं तथा खुलकर निन्दा करने में हिचकते हैं।
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