योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश के नए मुख्यमंत्री
Sanjay Srivastava 19 March 2017 8:19 PM GMT
लखनऊ (भाषा)। लखनऊ के स्मृति उपवन में आज (रविवार) 2.15 बजे योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली और जिसके गवाह बनें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ ही भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री। राज्यपाल राम नाईक ने केशव प्रसाद मौर्य तथा डॉक्टर दिनेश शर्मा को उपमुख्यमंत्री पद तथा 44 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई। इसी के साथ उत्तर प्रदेश की सत्ता से भाजपा का 14 साल का वनवास खत्म हो गया।
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शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह सहित कई प्रदेशों के मुख्यमंत्री, पार्टी मार्गदर्शक मंडल के सदस्य और भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, केंद्रीय मंत्री वैंकेया नायडू समेत तमाम वरिष्ठ नेता मौजूद थे। शपथ-ग्रहण समारोह में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी मौजूद थे। भाजपा नेताओं के साथ उनकी सहज बातचीत देखी गई।
इससे पहले शनिवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में आदित्यनाथ को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना गया था।
राज्यपाल राम नाईक ने 44 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई
राज्यपाल राम नाईक ने 22 कैबिनेट मंत्री, नौ राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार), 13 राज्यमंत्री शामिल हैं। मंत्रिपरिषद में राज्य मंत्री के रूप में क्रिकेटर से राजनेता बने मोहसिन रजा को भी शामिल किया गया है जो सरकार में एक मात्र मुस्लिम चेहरा है।
कैबिनेट मंत्री के नाम
- सूर्य प्रताप शाही
- सुरेश खन्ना
- स्वामी प्रसाद मौर्य
- सतीश महाना
- राजेश अग्रवाल
- दारा सिंह चौहान
- रीता बहुगुणा जोशी
- धर्मपाल सिंह
- एस पी सिंह बघेल
- सत्यदेव पचौरी
- रमापति शास्त्री
- जय प्रताप सिंह
- ओम प्रकाश राजभर
- बृजेश पाठक
- लक्ष्मीनारायण चौधरी
- चेतन चौहान
- श्रीकान्त शर्मा
- राजेन्द्र प्रताप सिंह उर्फ मोती सिंह
- सिद्घार्थ सिंह
- मुकुट बिहारी वर्मा
- आशुतोष टण्डन
- नन्द गोपाल कुमार नन्दी
स्वतंत्र प्रभार के राज्यमंत्री पद
- अनुपमा जायसवाल
- सुरेश राणा
- उपेन्द्र तिवारी
- डाक्टर महेन्द्र सिंह
- स्वतंत्रदेव सिंह
- भूपेन्द्र सिंह चौधरी
- धर्म सिंह सैनी
- स्वाति सिंह
- अनिल राजभर
राज्यमंत्री पद की शपथ
- गुलाब देवी
- मोहसिन रजा
- जयप्रकाश निषाद
- अर्चना पाण्डेय
- जय कुमार सिंह जैकी
- अतुल गर्ग
- रणवेन्द्र प्रताप सिंह
- नीलकंठ तिवारी
- गिरीश चन्द्र यादव
- बलदेव औलख
- मन्नू कोरी
- संदीप सिंह (पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के पौत्र )
- सुरेश पासी ।
मंत्रिमण्डल में जातीय समीकरण साधने की कोशिश की गई है और अगड़ी तथा पिछड़ी जातियों के बीच संतुलन बनाने का प्रयास किया गया है।
इसमें मोहसिन रजा के रूप में एक मुस्लिम राज्यमंत्री को भी शामिल किया गया है।
इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, नितिन गडकरी, कलराज मिश्र, वेंकैया नायडू, उमा भारती, रविशंकर प्रसाद, संतोष गंगवार, अनुप्रिया पटेल, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू तथा उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत समेत अनेक वरिष्ठ नेता उपस्थित थे।
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उत्तर प्रदेश के 21वें मुख्यमंत्री के रूप में आज सत्तारुढ़ हुए योगी आदित्यनाथ (44 वर्ष) प्रखर हिन्दुत्व का चेहरा माने जाते हैं और अपने तेजतर्रार बयानों के लिए अक्सर सुर्खियों में रहे हैं। गोरखपुर से लगातार पांच बार लोकसभा सांसद चुने जा चुके योगी को आज राज्यपाल रामनाईक ने मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई। वे गोरक्षधामपीठ के महंत है। योगी का असल नाम अजय सिंह बिष्ट है, वह कुशल वक्ता हैं, ये अलग बात है कि उनके अधिकांश भाषण उत्तेजक होते हैं और उनके विरोधी उन पर सांप्रदायिक होने का आरोप मढ़ते हैं।
आदित्यनाथ अयोध्या में विवादित स्थल पर राम मंदिर निर्माण के मजबूत पैरोकार हैं। वे कई बार पार्टी से बगावती सुर में बोलते दिखे लेकिन हिन्दू वोटरों पर मजबूत पकड़ की वजह से पार्टी उनकी उपेक्षा नहीं कर पाई। उनमें कुशल नेतृत्व क्षमता भी है।
योगी ने दक्षिणपंथी संगठन हिन्दू युवा वाहिनी का 2002 में गठन किया। योगी 2015 में असहिष्णुता को लेकर छिड़ी बहस के दौरान बालीवुड अभिनेता शाहरुख खान की तुलना पाकिस्तानी आतंकवादी हाफिज सईद से कर चुके हैं। उन्होंने कहा कि जो लोग सूर्य नमस्कार नहीं कर सकते, उन्हें हिन्दुस्तान छोड़ देना चाहिए।
योगी का जन्म पांच जून 1972 को हुआ था। वह 12वीं लोकसभा में सबसे कम उम्र के सांसद थे। उस समय उनकी उम्र महज 26 वर्ष थी। इसके बाद वह गोरखपुर से 1998, 1999, 2004, 2009 और 2014 में लोकसभा सांसद बने।
केशव प्रसाद मौर्य बने उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री, जानें उनका जीवन परिचय
लोकसभा की फूलपुर सीट से भाजपा सांसद एवं उत्तर प्रदेश भाजपा अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य (47 वर्ष) उपमुख्यमंत्री के रुप में राज्य में पार्टी का ओबीसी चेहरा होंगे। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ही तरह मौर्य भी बचपन में चाय बेच चुके हैं।
उत्तर प्रदेश का 2012 विधानसभा जीतने के बाद 2014 में केशव प्रसाद मौर्य को लोकसभा का टिकट दिया गया और वह जीते भी। मौर्य को 2016 में भाजपा का प्रदेश अध्यक्ष बनाया गया और उन्होंने विधानसभा चुनाव में ‘‘265 प्लस'' का लक्ष्य लेकर काम शुरू किया।
कौशाम्बी जिले के किसान परिवार में जन्मे मौर्य का बचपन गरीबी में बीता। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ही तरह उन्होंने भी चाय की दुकानों पर काम किया। पढाई जारी रखने और परिवार की मदद के लिए अखबार बेचे।
लोकसभा की वेबसाइट पर केशव प्रसाद मौर्य के पृष्ठ पर अंकित है कि चाय बेचते हुए बचपन में उन्हें समाज सेवा करने और पढ़ाई लिखाई करने की प्रेरणा मिली। मौर्य राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बाल स्वयंसेवक बने। बाद में विश्व हिन्दू परिषद और बजरंग दल से जुड़े। विहिप और बजरंग दल के साथ 12 साल जुडे रहने के दौरान मौर्य को विहिप के संरक्षक अशोक सिंघल का नजदीकी माना जाता था।
अपने आक्रामक भाषणों के लिए मशहूर मौर्य अयोध्या प्रकरण में जेल गए थे। गौरक्षा आंदोलन में भी उन्हें जेल जाना पड़ा था। मौर्य ने 2012 में इलाहाबाद जिले की सिराथू सीट से विधानसभा चुनाव जीता था। फूलपुर से 2014 का लोकसभा चुनाव लडा और जीत गये। देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरु का संसदीय क्षेत्र भी फूलपुर था।
लोकसभा चुनाव में भाजपा को गैर यादव ओबीसी और गैर जाटव दलितों का भरपूर समर्थन मिला था। इसी का नतीजा था कि भाजपा ने लक्ष्मीकांत बाजपेयी को हटाकर मौर्य को प्रदेश भाजपा की कमान सौंपी। मौर्य ने उत्तर प्रदेश में भाजपा जिलाध्यक्षों के रुप में कुशवाहा, कोइरी, कुर्मी, शाक्य, पटेल और अन्य जातियों को नियुक्त किया।
दिनेश शर्मा ने उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री पद की शपथ ली, जानें उनका जीवन परिचय
दिनेश शर्मा को उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई। दिनेश शर्मा (53 वर्ष) उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनउ के मेयर हैं। वह भाजपा के गुजरात मामलों के प्रभारी और पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी हैं।अब वह उत्तर प्रदेश के उप मुख्यमंत्री चुने गए हैं।
लखनऊ विश्वविद्यालय के वाणिज्य विभाग में प्रोफेसर दिनेश शर्मा लंबे समय से भाजपा के सदस्य हैं, लेकिन लोकसभा चुनाव में भाजपा की जबर्दस्त विजय के बाद अगस्त 2014 में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त होने के बाद वह देश भर में सुर्खियों में आए। कुशल संगठनकर्ता शर्मा को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह का भरोसा हासिल है।
वह 2008 में पहली बार लखनऊ के मेयर चुने गए। इसके बाद 2012 में पुन: मेयर बने। उन्होंने उस समय कांग्रेस में रहे नीरज बोरा का 1. 71 लाख से अधिक मतों से पराजित किया था।
जानकारों का कहना है कि धार्मिक प्रवृत्ति के दिनेश शर्मा की उप मुख्यमंत्री पद पर नियुक्ति 2019 के लोकसभा चुनावों को ध्यान में रखकर की गई है। उनके आमंत्रण पर पिछले साल अक्तूबर में प्रधानमंत्री मोदी लखनऊ की ऐतिहासिक ऐशबाग रामलीला में शामिल हुए थे। दिनेश शर्मा ने पार्टी के सदस्यों की संख्या 10 करोड़ के पार पहुंचाने के राष्ट्रव्यापी अभियान का प्रभारी बनाया गया था और उन्होंने ये दायित्व कुशलतापूर्वक निभाया।
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