चुनाव के समय खुलने वाली ‘दुकानों’ की सच्चाई जान चुके हैं मुसलमान: भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा
गाँव कनेक्शन 12 Feb 2017 11:31 AM GMT

नई दिल्ली (भाषा)। जामा मस्जिद के शाही इमाम सैयद अहमद बुखारी और कुछ अन्य मुस्लिम संगठनों एवं धर्मगुरुओं द्वारा उत्तर प्रदेश में बसपा को समर्थन का ऐलान किए जाने पर कटाक्ष करते हुए भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा ने आज कहा कि ‘चुनाव के समय खुलने वाली ऐसी दुकानों' की सच्चाई मुस्लिम समुदाय जान चुका है और आने वाले समय में ऐसी दुकानों पर ताला लग जाएगा।
भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के महामंत्री शाकिर हुसैन ने कहा, ‘‘हर चुनाव में कुछ लोग मुस्लिम वोटों के ठेकेदार बनकर ऐसी दुकानें खोल लेते हैं और किसी न किसी पार्टी के पक्ष में बयान जारी करते हैं। अब मुस्लिम समुदाय इस तरह की दुकानों की सच्चाई जान चुका है। अब लोग इनकी एक भी नहीं सुनने वाले हैं और आने वाले दिनों में ऐसी दुकानों पर ताला लग जाएगा।''
हाल ही में जामा मस्जिद के शाही इमाम बुखारी ने बसपा को वोट देने के लिए बयान जारी किया। हालांकि साल 2012 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने सपा का समर्थन किया था। बुखारी से पहले राष्ट्रीय उलेमा काउंसिल ने बसपा के समर्थन में अपने उम्मीदवार हटा लिये थे। सपा के पूर्व राष्ट्रीय सचिव कमाल फारुकी तथा ‘गरीब नवाज फाउंडेशन' के मौलाना अंसार रजा ने भी मायावती की पार्टी के पक्ष में बयान जारी किया है।
हुसैन ने कहा, ‘‘हमने उत्तर प्रदेश के कई मुस्लिम बहुल इलाकों का दौरा किया और पाया कि इस तरह के बयानों और फतवों का उन पर कोई असर नहीं है। लोग अपने मुद्दों और हित को देखते हुए वोट देते हैं। आज के समय में किसी के कहने पर कोई वोट नहीं देता।''
शाकिर हुसैन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ‘सबका साथ, सबका विकास' नारे को लेकर आगे बढ रहे हैं, लेकिन मुस्लिम समुदाय के वोटों के ‘ठेकेदार' मुसलमानों को पीछे रखना चाहते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री ने हमेशा 125 करोड़ भारतीयों की बात की है। केंद्र सरकार अल्पसंख्यकों के लिए कई योजनाएं चला रही हैं और लोग इसका फायदा उठा रहे हैं। मुस्लिम समुदाय भी अब समझने लगा है कि वोटों के ये ठेकेदार उनके हित की बात कभी नहीं करेंगे।''
भाजपा नेता ने कहा, ‘‘मुसलमानों को डराकर उनका वोट हासिल करने का सिलसिला अब बंद होना चाहिए। इससे सबसे ज्यादा नुकसान मुस्लिम समुदाय का होता है। उम्मीद है कि तथाकथित सेकुलर पार्टियों को खुद मुस्लिम समुदाय के लोग ही सबक सिखाएंगे।'' गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा की कुल 404 सीटों के लिए प्रदेश में 11 फरवरी से आठ मार्च के बीच सात चरणों में मतदान होगा। पहले चरण का मतदान 11 फरवरी को संपन्न हो चुका है।
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