समाजवादियों ने लखनऊ में मांगी भीख, व्यापारी बोले-मोदी के नाम पर नहीं देंगे एक पैसा

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समाजवादियों ने लखनऊ में मांगी भीख, व्यापारी बोले-मोदी के नाम पर नहीं देंगे एक पैसासमाजवादियों ने भीख मांगकर जताया नोटबंदी का विरोध।

लखनऊ। नोटबन्दी से उत्पन्न जनसामान्य की समस्याओं के प्रति समाजवादियों ने आज अपना विरोध भीख मांगकर जताया।

समाजवादी चिन्तक, समाजवादी चिन्तन/बौद्धिक सभा के अध्यक्ष, सपा सचिव व प्रवक्ता दीपक मिश्र की अगुवाई में समाजवादियों ने सत्याग्रह, उपवास व भिक्षाटन कर अपना विरोध दर्ज कराते हुए शहर के कई व्यापारियों व दुकानदारों से भीख मांगी। भिक्षाटन-अभियान की शुरुआत हजरतगंज स्थित राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा से हुई।

चाट वाले ने बुलाकर दी भिक्षा

टोली की अगुवाई कर रहे दीपक मिश्र ने बताया कि भिक्षुक टोली को कुछ व्यापारियों ने यह कहकर भीख देने से मना कर दिया कि मोदी सरकार के कारण उनका दैनिक व्यापार चौपट हो गया है, वे मोदी के नाम पर एक पैसा नहीं देंगे। पहली भिक्षा पानी बताशा बेचने वाले नीलेश ने दी। यूनीवर्सल, साहू मार्केट, जनपथ, दारुलशफा व कैपिटल के व्यवसायियों ने खुल कर नोटबंदी के लिए केन्द्रीय सरकार की आलोचना व लानत-मलानत की। उन्होंने बताया कि छोटू चाट वाले ने सत्याग्रहियों को बुलाकर भीख दी।

भीख मांगी तो कटोरे में रख दिया मोमो

साहू सिनेमा के सामने मोमो बेचने वाले अंकुर ने कटोरे में मोमो डाला क्योंकि सुबह से उसकी बिक्री नहीं हुई थी। मूंगफली बेचने वाले दिलीप ने मूंगफली कटोरे में डाली, उसकी सुबह से एक भी मूंगफली किसी ने नहीं खरीदी थी। एक सब्जी बेचने वाली महिला सत्याग्रहियों के सामने रोने लगी। तीनों के पास सुबह से बिक्री न होने के नाते एक भी रुपया नहीं था।

पुलिसवाले बोले-हालत हो गई है पतली

दीपक ने बताया कि पुलिसकर्मियों ने पर्स दिखाकर कहा कि बैंक में पैसे नहीं है, खुद ही हालत पतली है। भीख देने की इच्छा है, पर पैसे ही नहीं हैं। उन्होंने बताया कि इस दौरान एक व्यापारी आक्रोश व आवेशवश मोदी पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने लगा तो समाजवादियों ने टोकते हुए कहा कि हमारी लड़ाई नीतिगत है, व्यक्तिगत नहीं।

भिक्षुक टोली 3 बजे के करीब जीपीओ पार्क स्थित शहीद स्तम्भ पर पहुंची जहां सभा का आयोजन हुआ। सभा को सम्बोधित करते हुए दीपक ने कहा कि ईमानदार और गरीब व्यक्ति अपने जरूरी काम छोड़कर अपने ही मेहनत की कमाई प्राप्त करने के लिए घण्टों लाइन (पंक्ति) में लगने के लिए अभिशप्त है।

    

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