सपा और कांग्रेस में नहीं होगा गठबंधन, नरेश अग्रवाल बोले- कांग्रेस जिम्मेदार

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सपा और कांग्रेस में नहीं होगा गठबंधन, नरेश अग्रवाल बोले- कांग्रेस जिम्मेदारसीटों के बंटवारे पर बात नहीं बनने के चलते टूटा बातचीत का सिलसिला।

लखनऊ। यूपी विधानसभा चुनाव में बसपा और बीजेपी को रोकने ले लिए कांग्रेस और सपा का गठबंधन बनने से पहले ही बिखर गया। सीटों के बंटवारे केा लेकर दोनों पार्टियों के बीच पिछले एक सप्ताह से चली आ रही बात आखिरकार बिगड़ गई।

शनिवार को कांग्रेस के महासचिव और उत्तर प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आजाद ने नई दिल्ली में बताया कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश विधानसभा की सभी 403 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। पहले और दूसरे चरण के उम्मीदवारों की लिस्ट तैयारी हो चुकी है, जिसकी घोषणा रविवार को जाएगी। वहीं सपा के महासचिव किरनमय नंदा ने भी गठबंधन का लेकर बयान जारी करते हुए कहा कि कांग्रेस 100 से ज्यादा सीटों मांग रही थी लेकिन सपा की तरफ से उसका 54 सीटें ही दी जा सकती है। पिछले विधानसभा चुनाव में इनती सीटों पर ही कांग्रेस सपा से आगे थी। सपा नेता ने कहा कि उनकी पार्टी के लिए कांग्रेस दरवाजे अभी भी खुले हैं। कांग्रेस को फैसला करना है कि वह गठबंधन में शामिल होगी की नहीं।

वहीं कांग्रेस के सूत्रों ने बताया कि पार्टी सिर्फ 104 सीटों की मांग कर रही थी, पार्टी चाह रही थी कि उसके जो मौजूदा विधायक हैं उन सीटों का कांग्रेस को दिया जाए लेकिन इसपर बात नहीं बनी। माना जा रहा था कि सपा ने 99 सीटें देने का मन बना लिया था लेकिन 5 सीटों के कारण दोनों पार्टियों के बीच दरार आ गई और गठबंधन होते-होते रह गया। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजबब्बर ने कहा कि घोषणा कि कांग्रेस सभी सीटों पर चुनाव लड़ेगी।

हाईकमान को मनाने में सफल रहे प्रदेश अध्यक्ष राजब्बर

सपा और कांग्रेस के गठबंधन के बीच की खिचड़ी उस समय पकनी शुरू हो गई थी जब मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी के बीच दिल्ली में मुलाकात की अटकलें लगनी शुरू हुई थी। माना जा रहा था कि दोनों युवा यूपी के चुनाव में गठबंधन करके चुनाव लड़ना चाहते हैं। हालांकि उस समय पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह ने इसका विरोध किया था लेकिन अखिलेश यादव इस गठबंधन के पक्ष में बयान भी दिया था। उन्होंने कहा था कि अगर सपा और कांग्रेस का गठबंधन हुआ तो यह गठबंधन 300 से अधिक सीटें जीतेगा।

इसके बाद 1 जनवरी को सपा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनने और चुनाव आयोग से साइकिल चुनाव चिन्ह का दावा जीतने के बाद अखिलेश यादव की तरफ से इस गठबंधन की पहल की गई। जिसको कांग्रेस पार्टी ने हाथों-हाथ लिया। हालांकि उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजब्बर ने इसका विरोध किया। लेकिन कांग्रेस के उत्तर प्रदेश प्रभारी गुलाम नबी आाजाद ने सपा-कांग्रेस गठबंधन का खाका तैयार किया। उन्होंने कांग्रेस और सपा के गठबंधन को लेकर औपचारिक बयान भी जारी किया था लेकिन शुरू से ही कांग्रेस के अकेले चुनाव लड़ने की वकालत करने वाले राजबब्बर सपा के साथ गठबंधन के खिलाफ थे। शुक्रवार को लखनऊ से दिल्ली जाकर उन्होंने काग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी औ राहुल गांधी को कांग्रेस कार्यकर्ताओं की भावनाओं से अवगत भी कराया था। माना जा रहा था कि इसके बाद कांग्रेस नेतृत्व का रूख भी गठबंधन को लेकर सख्त हुआ।

    

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