इंटरव्यू: अखिलेश-राहुल की दोस्ती ने युवाओं में बढ़ाया भरोसा- राजेंद्र चौधरी
Manish Mishra 16 Feb 2017 9:29 PM GMT

लखनऊ। यूपी विधानसभा के दो चरणों के चुनाव हो चुके हैं। सपा-कांग्रेस गठबंधन से रणनीतिकारों को उम्मीद है कि इसके बाद प्रदेश के युवाओं का विश्वास उसकी ओर बढ़ा है।
दो चरणों में अपनी बढ़त का दावा करते हुए आगे भी अच्छे प्रदर्शन को लेकर उम्मीदों से लबरेज समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और प्रवक्ता राजेन्द्र चौधरी ने ‘गाँव कनेक्शन’ कहते हैं, “पिछले पांच सालों में मुख्यमंत्री जी ने जो काम किए हैं जैसे किसानों के लिए महिलाओं के लिए और जो अनेको योजनाएं लागू की हैं उससे लोगों में काफी सकारात्मकता देखने को मिली है, पिछले विधानसभा चुनाव की अपेक्षा इस बार सपा काफी बेहतर है।”
राहुल-अखिलेश की दोस्ती का प्रदेश के नौजवानों पर सकारात्मक असर पड़ने की बात कहते हुए राजेन्द्र चौधरी ने कहा, “दोनों का व्यक्तित्व नौजवानों के लिए आकर्षण का केंद्र है। उम्मीद करते हैं दोनों लोग मिल कर एक परिवर्तन का रास्ता तैयार करेंगे। ये दोनों नेता नई चुनातियों से लड़ने में सक्षम हैं।”
किसी जाति धर्म के आधार पर वोट न मांगने की बात कहते हुए कहा, “सपा या कांग्रेस निष्पक्ष पार्टी हैं। भारतीय संविधान के अंतर्गत ही कार्य करते है किसी जाति धर्म के आधार पर आंकलन नहीं करते है और न ही अपील करते हैं। जो लोग धर्म या जाति के अधर पर अपील करते है उनका लोगो के ऊपर कोई भी प्रभाव नहीं पड़ता है, अल्पसंख्यक समाज समाजवादी विचारधारा को जानता है।”
राजेन्द्र चौधरी को पहली बार टिकट चौधरी चरण सिंह ने 1974 में दिया था। “चरण सिंह ने लोगों से अपील कि मैंने एक नौजवान को टिकट दिया है, जो अभी पढ़ता ही है। उसके बाद लोगों ने मेरी बहुत मदद की। चुनाव के बाद मैंने बचे पैसों से एक जीप खरीद ली। सब मुझे चंदा देते थे किसी भी गाँव से मुझे 11 हजार से कम चंदा नहीं मिला लेकिन अब स्थिति ऐसी नहीं लगती है,” आगे बताते हैं, “जो कुछ साधन चाहते हैं। उस समय कोई साधन नहीं देना पड़ता था। लोग अपने-अपने साधन से खुद चलते थे। अंतर तो हुआ ही है तबके चुनाव और अबके चुनाव में। नई पीड़ी नई प्रकार की राजनीति चाहती है।”
दो चरणों में बढ़े वोटिंग प्रतिशत से उत्साहित सपा प्रवक्ता ने कहा, “ जिस प्रकार से भाजपा ने साम्प्रदायिकता फ़ैलाने की बात की है, उसे जनता नकार रही है। किसान किसी धर्म, जाति का हो वो अखिलेश यादव को ही अपना नेता मानता है, शहरों के लोग यह मानते हैं कि अखिलेश और राहुल नई योजनाएं लाएंगे और नई नीतियों के साथ काम करेंगे। इसी वजह से लोगो ने ज्यादा तादात में मतदान किया है।
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