मायावती का दलित प्रेम दिखावा, उन पर अत्याचार के समय रहती हैं चुप: गहलौत

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मायावती का दलित प्रेम दिखावा,  उन पर अत्याचार के समय रहती हैं चुप: गहलौतगहलौत ने मायावती और बसपा के साथ सपा पर भी जमकर हमला बोला।

लखनऊ। केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग के मंत्री और बीजेपी के बड़े दलित नेता थावरचंद गहलौत ने बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती पर तीखा हमला बोला। उन्होंने कहा कि मायावती का दलित प्रेम दिखावा है।

लखनऊ मुख्यालय में पत्रकारों से बात करते हुए गहलौत ने कहा कि जब केंद्र में आईके गुजराल प्रधानमंत्री थे, तब मायावती सरकार को बाहर से समर्थन दे रही थीं। तब आरक्षण से जुड़े तीन प्राविधानों को खत्म किया गया था। तब मायावती ने कोई विरोध नहीं किया था। इसी तरह से जब अलीगढ़ यूनिवर्सिटी ने आरक्षण खत्म किया तब भी मायावती ने कोई विरोध नहीं किया। मायावती का दलित प्रेम केवल दिखावा है।

पत्रकारों से बात करते बीजेपी नेता।

गहलौत ने कहा कि केंद्रीय योजनाओं का लाभ यूपी में नहीं मिलता है। यूपी की स्थिति दयनीय है। भाजपा हमेशा आरक्षण की समर्थक है और आगे भी रहेगी। पदोन्नति में आरक्षण पर भी राज्यसभा स्तर बातजीत जारी है। मायावती के दलित प्रेम को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में गहलौत ने कहा कि आरक्षण के पांच प्राविधान आईके गुजराल के समय समाप्त हुए थे। तब मायावती ने विरोध नहीं किया था। इनमें से तीन प्राविधानों को दोबारा अटल बिहारी बाजपेई ने लागू किया। अलीगढ़ विश्वविद्यालय में आरक्षण ख़त्म किया गया। आगरा में एक दलित की ह्त्या की गयी है। तब भी मायावती कुछ भी नहीं बोली थीं।

उन्होंने कहा कि जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है वहां सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों के लिए अच्छी व्यवस्था। मगर यूपी में ये हाल नहीं है। यहाँ भी बीजेपी की जरुरत है। एससी के साथ अपराध यूपी में बहुत अधिक होता है। यहाँ हर साल साढ़े आठ हजार दलित एक्ट के मामले हैं। एनसीआरबी के हवाले से ये जानकारी है। उन्होंने कहा कि सजा का फीसदी भी बहुत कम है। यहां ऐसे मामलों में पैरवी अच्छी नहीं होती है। भारत की सरकार गरीबों को समर्पित है। गुजरात में आर्थिक विकास दर 10 के करीब है। यूपी में ये आधी है। एमपी की कृषि विकास दर 20 है यूपी में ये एक फीसदी है।

अपने विभाग के कामों को लेकर उन्होंने कहा कि शोषित पीड़ित और दलितों का हित करने का काम मिला है। ये विभाग जीवंंत हुआ है। दिव्यांगों को सशक्त किया है। आजादी के बाद नहीं मिला था। दिब्यांगों को ढाई साल में चार हजार सात सौ पंदह कैम्प में 400 करोड की धनराशि से 6 लाख दिव्यांगों को उपकरण दिए। एससी एसएसटी को छात्रवृत्ति शुरू की। उन्होंने कि अगर दिव्यांगों को अगर विदेश जाना है तब भी छात्रवृत्ति देंगे। स्वाबलंबी बनाने के लिए डेढ़ लाख दिव्यांगों को ट्रेनिंग दी। ऋण उपलब्ध करवाया है।

दिव्यांगों के लिए होगा चार फीसदी आरक्षण

तीन फीसदी आरक्षण होने पर भी पद खाली है। हमने 15000 रोजगार दिए। 25000 सब्सिडी के आधार मोटराइज्ड ट्राइसाइकिल दी। मूक बधिर और नेत्रबाधित के लिये पढ़ाई की व्यवस्था। दिव्यांगों के लिए यूनीक आईडी होगी। दिव्यांग को अब चार फीसदी रिजर्वेशन मिलेगा। अभी तक दिव्यांगों के लिए केवल तीन फीसदी आरक्षण है। इस संबंध में विधेयक पारित हो चुका है। जल्द ही ये आरक्षण चार फीसदी होगा।

    

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