चुनावी सभा में मायावती ने कहा, प्रदेश की बेटी को चुने जनता, खत्म करना है जंगलराज
गाँव कनेक्शन 19 Feb 2017 4:11 PM GMT

हमीरपुर। आज हमीरपुर में चुनावी रैली को संबोधित करते हुए बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा। मायावती ने कहा कि केंद्र की सरकार दलित और अल्पसंख्यक विरोधी, भाजपा आरक्षण खत्म करना चाहती है।
मायावती ने दलित और अल्पसंख्यक वोटरों से अपील की कि वे भाजपा को वोट देकर अपना वोट बर्बाद न करें, उनके पास तो कोई चेहरा ही नहीं है। मायावती ने केंद्र पर ये भी आरोप लगाया कि उनके शासन में दलित और अल्पसंख्यकों को सताया जरा रहा है। गौ-रक्षा के नाम पर उन्हें परेशान किया जा रहा है। इसलिए जनता अपने मत का प्रयोग सावधानी से करे। वर्तमान प्रदेश सरकार पर मायावती ने निशाना साधते हुए कहा कि इस जंगलराज से उनकी पार्टी ही जनता को छुटकारा दिला सकती है।
मायावती ने कहा कि अगर उनकी सरकार बनी तो जितने गुंडे हैं वे जेल के अंदर होंगे साथ ही ऐसे निर्दोषों को रिहा करवाया जाएगा जिन्हें फर्जी तरीके से जेलों में डाला गया है। इस दौरान मायावती ने कई वादे भी किए। उन्होंने कहा कि उनकी सरकार बनी तो किसानों के एक लाख रुपये तक के कर्ज माफ किए जाएंगे साथ ही उनकी बकाया राशि भी उन्हें जल्द दिलाई जाएगी। महिलाओं की सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए जाएंगे। मायावती ने कहा कि बसपा ही एक मात्र ऐसी पार्टी है जिसके शासन में दलित और अल्पसंख्यक सुरक्षित रहेंगे। भाजपा और अन्य दलों के वादे हवा-हवाई हैं। सभा के अंत में मायावती ने जनता से कहा कि वे प्रदेश की बेटी को ही जीताएं।
हमीरपुर के बाद मायावती ने जालौन में भी चुनावी जनसभा को संबोधित किया। सभा में मायावती ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमले किए। मायावती ने कहा कि दागी चेहरों को अपना वोट न दें। प्रदेश में बसपा की सरकार पूर्ण बहुमत के साथ आ रही है।
मायावती ने कहा कि सपा सरकार में जंगलराज है। सपा और बीजेपी से जनता आक्रोशित है। मायावती ने सपा-कांग्रेस गंठबंधन को भी आड़े हाथों लिया और कहा कि सपा कांग्रेस का गंठबंधन पूरी तरह नाकाम होगा। ये गंठबंधन स्वार्थ का गंठबंधन है। सपा सरकार में 500 दंगे हुए हैं इसलिए जनता अपने मत का प्रयोग सोच समझकर करे।
मायावती ने ये आरोप भी लगाए कि सपा ने करोड़ों रूपये चुनाव में खर्च किए और बसपा की योजनाओं को अपना नाम दिया। बसपा सुप्रीमो ने केंद्र को घेरते हुए कहा कि नोटबन्दी से गरीब और पिछड़े लोगों का शोषण हुआ है। भाजपा के नेताओं पर नोटबन्दी का असर पड़ा, उन्होंने जनता से भाजपा को सबक सिखाने की अपील की। भाजपा पर ये आरोप भी लगाया कि उसने किसान और गरीबों से झूठे वादे किए।
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