यूपी चुनाव: मतदान ड्यूटी के बहाने ट्रेनों में पुलिसवालों की दबंगई, एसी कोच में भी बिना टिकट कर रहे सफर

Ashwani NigamAshwani Nigam   18 Feb 2017 5:47 PM GMT

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यूपी चुनाव: मतदान ड्यूटी के बहाने ट्रेनों में पुलिसवालों की दबंगई, एसी कोच में भी बिना टिकट कर रहे सफरदिल्ली से आने वाली लखनऊ मेल में कल रात भी कुछ पुलिसवालों ने हंगामा कर सीटें कब्जाईं। 

लखनऊ। चुनाव के एक दिन पहले और एक दिन बाद ट्रेनों में यात्रा कर रहे यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। चुनावी ड्यूटी में एक जिले से दूसरे जिले में मतदान कराने जा रहे पुलिस के जवान ट्रेनों की आरक्षित बोगियों में बिना टिकट कब्जा जमा रहे हैं, जिससे आरक्षित बोगियों में सफर करने वाले आम यात्रियों को परेशानी उठानी पड़ रही है। मतदान के पहले और उसके बाद चुनावी ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मियों के लिए आयोग की तरफ बसों की व्यवस्था है लेकिन इसके बाद भी यह लोग ट्रेनों में अवैध रूप से सफर कर रहे हैं।

तीसरे चरण के लिए रविवार को होने जा रहे मतदान को लेकर शुक्रवार को लखनऊ मेल, गोमती एक्सप्रेस, श्रमजीवी एक्सप्रेस, काशी विश्वनाथ एक्सप्रेस, फैजाबाद एक्सप्रेस और ऐसी दूसरी ट्रेनों में पुलिस वालों ने आरक्षित बोगियों में सवार होकर पैसेंजर को परेशान किया। लोगों ने जब इस बात की शिकाययत जीआरपी और आरपीएफ से की तो उनके साथ भी चुनावी ड्यूटी में जा रहे पुलिस कर्मियों ने बहस करते हुए सीटें खाली करने से मना कर दिया। उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी ला एंड आर्डर दलजीत चौधरी से इस बारे में जब बात की गई तो उन्होंने इसपर कुछ भी प्रतिक्रिया देने से मना कर दिया।

चुनावी ड्यूटी में तैनात पुलिस कर्मियों को ले जाने के लिए रोडवेज की बसों की व्यवस्था की गई है। अगर कोई पुलिस वाला बिना टिकट चुनाव ड्यूटी के बहाने ट्रेनों के आरक्षित बोगियों में सफर कर रहा है तो यह गलत हे। ऐसे में मामले संज्ञान में आने पर आयोग की तरफ से कार्रवाई की जाएगी। पुलिस विभाग के अधिकारी भी इसपर ध्यान दें।
जीतेन्द्र कुमार सिंह, सहायक मुख्य चुनाव अधिकारी, उत्तर प्रदेश

पिछले दो चरण के चुनाव में राजधानी लखनऊ से पश्चिमी उत्तर प्रदेश और रूहेलखंड के विभिन्न जिलों से गुजरने वाली ट्रेनों में पुलिस वालों स्लीपर और एसी कोचों में सवार होकर सीटों पर कब्जा जमा लिया था, जिसको लेकर यात्रियों और पुलिसवालों के बीच काफी नोंकझोंक हुई। हालत यह हो गई थी कि आरपीएफ और जीआरपी को भी आरक्षित सीटों का खाली कराने में पसीने छूट गए।

लखनऊ के बादशाह नगर निवासी सत्यवान कुमार 13 फरवरी को लखनऊ से नई दिल्ली जाने के लिए चारबाग स्टेशन से श्रमजीवी पकड़नी थी। स्लीपर कोच के एस-12 में 48 नंबर सीट उनपके लिए आरक्षित थी लेकिन जब वह ट्रेन में सवार हुए तो उनकी सीट पर पुलिस के जवानों ने कब्जा किया हुआ था। उन्होंने बताया, ''मैंने पुलिस के जवानों से जब अपनी बर्थ खाली करने का कहा तो वह चुनावी ड्यूटी का बहाना बनाकर हटने से मना कर दिए। इसके बाद मैंने इसकी शिकायत जीआरपी और आरपीएफ से की। काफी बहस के बान उन लोगों ने सीट खाली की।''

ऐसा सिर्फ इनके साथ ही नहीं हुआ बल्कि उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण के मतदान के दिन 15 फरवरी की रात नई दिल्ली से आने वाली लखनऊ एक्सप्रे बरेली और मुरादाबाद स्टेशन पहुंची तो वहां भी मतदान कराकर लौट रहे दूसरे जिलों के पुलिस वालों ने एसी और स्लीपर बोगियों में घुस गए, जिसके बाद यात्रियों और पुलिस वालों के बीच झगड़े की नौबत आ गई थी।

पुलिस विभाग नहीं कर रहा मानीटरिंग

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को स्वत्रत और निष्पक्ष कराने के मतदान केन्द्रों पर बड़ी संख्या में सीआरपीएफ और दूसरे अर्धसैनिक बलों का तैनात किया गया है। इसके साथ ही मतदान केन्द्र के बाहर सुरक्षा में उत्तर प्रदेश पुलिस को भी लगाया गया है। मतदान में सुरक्षा देने के लिए एक जिले की पुलिस को दूसरे जिले में भेजा जा है। नियम है कि उस जिले में पहुंचने के लिए पुलिस वालों आरक्षित बसों से जाएंगे और पहुंचकर पुलिस लाइन में रिपोर्ट करेंगे। मतदान कराने के बाद भी पुलिस लाइन में रिपोर्ट करके ही पुलिस वाले वहां से लौटेंगे लेकिन अधिकतर पुलिस वाले चुनावी ड्यूटी समाप्त करके ट्रेन पकड़कर सीधे घर चले जा रहे हैं। जिला पुलिस के इन जवानों की मानीटरिंग पुलिस विभाग नहीं कर रहा है।

     

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