राहुल गांधी ने आखिरकार भाषण देना सीख ही लिया : मोदी

Sanjay SrivastavaSanjay Srivastava   22 Dec 2016 6:05 PM GMT

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राहुल गांधी ने आखिरकार भाषण देना सीख ही लिया : मोदीवाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी।

वाराणसी (भाषा)। वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आरोपों से ‘भूकंप' लाने की कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की टिप्पणियों पर तंज कसते हुए आज कहा कि कांग्रेस नेता ने भाषण देना ‘सीख' लिया है क्योंकि उन्होंने अनजाने में अपनी पार्टी के शासन की ‘विफलताओं' को स्वीकार किया है।

मोदी ने राहुल का नाम लिए बगैर कहा, ‘उनके पास एक युवा नेता है जो अभी भाषण देना सीख रहा है, जब से उन्होंने भाषण देना सीखा है, मेरी खुशी का कोई ठिकाना नहीं है, 2009 में आप यह तक नहीं बता सकते थे कि इस जेब के अंदर क्या है और क्या नहीं है. अब हम पा रहे हैं।''

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘वह धमकी देते फिर रहे हैं कि अगर उन्होंने बोला तो भूकंप आ जाएगा। अगर, उन्होंने नहीं बोला होता तो भूकंप आ गया होता। यह ऐसा भूकंप होता जिसे लोगों ने 10 साल तक झेला है।'' मोदी ने कहा, ‘‘अब वह बोल चुके हैं तो किसी भूकंप का कोई चांस नहीं है, हम आश्वस्त हो सकते हैं कि किसी प्राकृतिक विपदा का कोई खतरा नहीं दिख रहा।''

उल्लेखनीय है कि एक दिन पहले राहुल ने आरोप लगाया था कि मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने सहारा और बिडला समूह से धन लिया था।

भाजपा ने कांग्रेस के इन आरोपों को ‘‘निराधार, शर्मनाक और दुर्भावनापूर्ण'' बताते हुए उसका खंडन किया था। नोटबंदी के बाद पहली बार अपने लोकसभा क्षेत्र के दौरे के बाद यहां आए प्रधानमंत्री बनारस हिंदू विश्वविद्यालय परिसर में आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।

राहुल ने कैशलेस लेनदेन पर सरकार के जोर का विरोध करते हुए कहा है कि साक्षरता के निम्न स्तर के चलते देश में कार्ड, ऑनलाइन हस्तांतरण से अदायगी में अडचनें आएंगी।

इसपर मोदी ने राहुल पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘मुझे उम्मीद है कि वह यह नहीं कहते कि मैंने किसी तरह के कालू जादू से लिखना और पढ़ना जानने वाले लोगों को निरक्षर बना दिया।''

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘वह कुछ बोलने से पहले कभी नहीं सोचते और शायद उन्होंने यह महसूस नहीं किया कि उन्होंने अपनी पार्टी के लंबे शासन की विफलता को स्वीकार किया है।'' मोदी ने कहा कि उनके विरोधियों को ‘‘अनजाने में ही सही, अपनी विफलताओं को स्वीकार करने के लिए'' मजबूर होना पड़ा है। उन्होंने कहा कि एक सफाई अभियान छेड़ा गया है और हर तरफ बिखरी गंदगी की सफाई के दौरान उठी ‘‘सडांध'' वैसी ही है जो अभी देश महसूस कर रहा है।

नोटबंदी ने बहुत सारे लोगों का काला धन और काला मन उजागर कर दिया। गरीबी मनमोहन की विरासत है और वह खुद स्वच्छ छवि वाले हैं लेकिन उनके शासनकाल में कई बड़े घोटाले हुए।
नरेन्द्र मोदी प्रधानमंत्री

उन्होंने मनमोहन सिंह के इस बयान पर प्रतिक्रिया की कि देश में तकरीबन 50 प्रतिशत लोग गरीब हैं और यहां कैशलेस अर्थव्यवस्था व्यवहार्य नहीं है, और कहा, ‘‘मुझे आश्चर्य है कि क्या वह यह खराब स्थिति स्वीकार कर अपना रिपोर्ट कार्ड दे रहे हैं।''

उन्होंने कहा, ‘‘आखिर वे सिर्फ दो कार्यकाल तक के प्रधानमंत्री और उससे पहले एक बार वित्त मंत्री नहीं रहे हैं, 1970 दशक से वह प्रमुख पदों पर रहे हैं।''

मोदी ने वाराणसी में कई योजनाओं का किया लोकार्पण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डीजल रेल इंजन कारखाने परिसर (डीरेका) में कई योजनाओं का लोकार्पण एवं शिलान्यास किया और पांच शिल्पकारों को पहचानपत्र वितरित कर सम्मानित भी किया। डीरेका में एक कार्यक्रम दौरान बुनकरों की सहायता लिए स्थापित बुनकर सेवा केंद्र के पांच बुनकरों को सम्मानित किया।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीआरएस हेल्थ व रिसर्च इंस्टीट्यूट का शिलान्यास किया गया। पीएम ने नेहरू युवा केंद्र को प्रोत्साहित करने के लिए खिलाड़ियों में स्पोर्ट्स किट भी वितरित किए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीएचयू में कैंसर रिसर्च इंस्टीट्यूट का शिलान्यास किया। उन्होंने कहा कि मुंबई के कैंसर अस्पताल जैसा ही अस्पताल उत्तर प्रदेश, खासकर पूर्वी उप्र में हो तो झारखंड और बिहार को भी लाभ मिलेगा।

उन्होंने कहा कि आरोग्य के क्षेत्र में पीपीपी मॉडल जरूरी है, निजी अस्पताल भी बेहतर कार्य कर रहे हैं। पांच सौ बिस्तरों का अस्पताल काशी में बनना बड़ी बात है जो गरीबों को समर्पित है। इस प्रकार गरीबों को भला करने वाली योजनाएं हैं जो हजारों को नौकरी देगी। स्मृति ईरानी मेहनत कर इस प्रोजेक्ट में लगी रहती हैं।

     

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