चुनाव से ठीक पहले बंटे मुस्लिम धर्मगुरू,  कोई बसपा तो कोई सपा के समर्थन में

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चुनाव से ठीक पहले बंटे मुस्लिम धर्मगुरू,  कोई बसपा तो कोई सपा के समर्थन मेंएक बार से फिर मुस्लिम समुदाय को वोट बैंक की तरह उपयोग करते हुए धर्मगुरुओं ने अलग-अलग निर्देश जारी किए हैं।

गाँव कनेक्शन संवाददाता

लखनऊ। एक बार से फिर मुस्लिम समुदाय को वोट बैंक की तरह उपयोग करते हुए धर्मगुरुओं ने अलग-अलग निर्देश जारी किए हैं। पहले चरण के चुनाव के कुछ घंटे पहले शिया धुर्मगुरु मौलाना कल्बे जव्वाद और सपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव कमाल फारूखी ने बसपा को समर्थन देते हुए मुसलमानों से वोट देने की अपील की।

ऐसा समर्थन नहीं करना चाहिए। मुसलमान मौजूदा सपा सरकार से खुश हैं।
मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली, सुन्नी धर्मगुरु

उधर, मुस्लिम समाज के विभिन्न धर्मगुरुओं और नेताओं के बसपा के समर्थन करने के मुद्दे पर सुन्नी धर्मगुरु मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने कहा कि ऐसा समर्थन नहीं करना चाहिए। मुसलमान मौजूदा सपा सरकार से खुश हैं। कमाल फारूखी ने बसपा को समर्थन देते हुए मुसलमानों से बसपा को वोट देने की अपील की।

मुसलमानों को सिर्फ वोट बैंक समझा। सपा अपने वादों को भूल गई। बसपा ही सांप्रदायिक ताकतों को रोक सकती है।
कल्बे जव्वाद, शिया धर्मगुरु

जबकि पिछले विधानसभा चुनाव में मुस्लिम समुदाय ने खुलकर सपा का समर्थन कर के प्रदेश में सपा सरकार बनवाई थी। लखनऊ में एक प्रेस कांफ्रेंस में मौलाना कल्बे जव्वाद ने कहा कि बसपा सुप्रीमो मायावती की तारीफ करते हुए कहा कि बसपा ही सांप्रदायिक ताकतों को रोक सकती है।

This article has been made possible because of financial support from Independent and Public-Spirited Media Foundation (www.ipsmf.org).

    

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