जब अमेठी की रानी और 10 जनपथ की महारानी के बीच हुई थी टक्कर 

Ashwani NigamAshwani Nigam   22 Feb 2017 10:38 AM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
जब अमेठी की रानी और 10 जनपथ की महारानी के बीच हुई थी टक्कर यूपी विधानसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन के बाद भी अमेठी की सीट सपा और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन गई है और दोनों दल एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं।

लखनऊ। कांग्रेस परिवार की नाम से पहचान रखने वाला अमेठी एक बार सुर्खियों में हैं। यूपी विधानसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस गठबंधन के बाद भी अमेठी की सीट सपा और कांग्रेस के लिए प्रतिष्ठा की सीट बन गई है और दोनों दल एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं।

कांग्रेस की तरफ से जहां अमित सिंह चुनाव मैदान में हैं वहीं अखिलेश यादव सरकार के विवादित मंत्री गायत्री प्रजापति यहां से सपा उम्मीदवार हैं। अमिता सिंह की जीत के लिए कांग्रेस कार्यकर्ता पसीना बहा रहे हैं लेकिन एक समय ऐसा भी था जब चुनाव प्रचार में कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अमिता सिंह ने अमेठी में बिगुल फूंका था।

चुनाव से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

यह सब पुरानी बाते हैं। संजय सिंह और अमिता सिंह कांग्रेस के नेता हैं।
सत्यदेव त्रिपाठी , अध्यक्ष, कांग्रेस मीडिया विभाग

साल 1999 में अमेठी लोकसभा सीट से सोनिया गांधी पहली बार चुनाव लड़‍ रही थीं। उस समय उनके खिलाफ बीजेपी ने डा. संजय सिंह का चुनाव लड़ाया था। उस चुनाव में अपने को अमेठी की रानी बताते हुए अमिता सिंह ने 10 जनपथ की महारानी को हराने की अपील की थी। हालांकि उस चुनाव में सोनिया गांधी ने रिकार्ड मतों से संजय सिंह को हराया था। जबकि उससे पहले 1998 के लोकसभा चुनाव में संजय सिंह बीजेपी के टिकट पर इस सीट से सांसद थे। बाद में डा. संजय सिंह ने बीजेपी छोड़कर कांग्रेस ज्वाइन कर ली थी।

अमेठी की यह लड़ाई एक बार फिर दिलचस्प मोड़ पर है। पांचवे चरण में 27 फरवरी को अमेठी सीट पर वोट डाले जाएंगे। अखिलेश यादव जहां गायत्री के पक्ष में सोमवार को चुनावी जनसभा को संबोधित कर चुके हैं वहीं राहुल गांधी अमिता सिंह के लिए एक दो दिन में वोट मांगने आने वाले हैं। सपा-कांग्रेस गठबंधन में अमेठी सीट को लेकर मची खींतचान के बाद भी यह सीट एक राजा और दो रानियां औ कई कहानियों को लेकर भी चर्चा में हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता औ राज्यसभा सांसद डा. संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह जहां बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड‍़ रही हैं वहीं दूसरी पत्नी अमिता सिंह कांग्रेस से चुनाव मैदान में हैं। अमिता सिंह की जीत को सुनिश्चित करने के लिए संजय सिंह क्षेत्र में भाग दौड़ कर रहे हैं वहीं गरिमा सिंह के बेट अनंत विक्रम सिंह अपनी मां की जीत के लिए धुंआधार प्रचार कर रहे हैं। ऐसा पहली बार है जब अमेठी राजघराने की लड़ाई घर के बाहर से निकलकर मतदाताओं के घर तक सुनाई दे रही है।

अमेठी चुनाव को लेकर बैडमिंटन खिलाड़ी सैयद मोदी का जिन्न एक बार फिर बाहर निकला है। संजय सिंह के विरोधी चुनाव प्रचार में अमिता सिंह को अमिता मोदी कहकर यह प्रचारित कर रहे हैं अमेठी की असली रानी तो गरिमा सिंह हैं। अमिता सिंह की पहली शादी सैयद मोदी से हुई थी। जिनकी 1988 में लखनऊ के केडी सिंह बाबू स्टेडियम में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।

इस मामले में संजय सिंह और अमिता सिंह जो उस समय अमिता मोदी थी का नाम उछला था। उनको इस हत्या का साजिशकर्ता बताकर मामला दर्ज हुआ था। हालांकि 1990 में संजय सिंह और अमित सिंह को कोर्ट ने इस मामले से बरी कर दिया था। इसके पांच साल बाद 1995 में संजय सिंह ने अमिता मोदी से शादी कर ली। संजय सिंह और अमिता सिंह से काई बच्चा नहीं था। इन्होंने संजय सिंह की पहली पत्नी गरिमा सिंह के तीन बच्चों बेटे अनंत विक्रम सिंह और बेटियां महिमा सिंह और शैव्या सिंह को अपने पास रखा था। हालांकि बड़े होने पर यह बच्चे अब अपनी मां गरिमा सिंह के साथ हैं।

     

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.