यूपी के वीआईपी जिलों में 10 फीसदी शौचालय भी नहीं बन सके 

Rishi MishraRishi Mishra   24 May 2017 5:04 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
यूपी के वीआईपी जिलों में 10 फीसदी शौचालय भी नहीं बन सके स्वच्छता अभियान के तहत सरकार द्वारा बनवाया गया शौचालय।

लखनऊ। राज्य सरकार की कोशिश उत्तर प्रदेश को 2018 के अंत तक खुले में शौचमुक्त बनाने की है। मगर राज्य के बड़े जिलों में शौचालय के प्राप्त आवेदनों के सापेक्ष ही 10 फीसदी शौचालय भी अब तक नहीं बनाये जा सके। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि प्रदेश के लखनऊ मंडल में करीब 60 हजार आवेदनों के सापेक्ष मात्र छह हजार के करीब ही शौचालयों का निर्माण किया गया। ये हाल तब है जबकि प्रदेश में 74 जिलों को ओडीएफ घोषित करने के लिए सरकार ने दिसंबर 2018 तक का लक्ष्य तय किया है। वहीं एक जिला ओडीएफ घोषित किया जा चुका है।

देश से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

लक्ष्य के अनुसार सरकार अगले डेढ़ साल में कुल डेढ़ करोड़ शौचालयों का निर्माण करवाना चाहती है। जिसके लिए करीब डेढ़ लाख राजमिस्त्रियों की टीम भी बनाई जानी है। हालांकि वास्तविकता इससे कहीं अलग है। इसे लेकर आज मण्डलायुक्त अनिल गर्ग की अध्यक्षता में मण्डलायुक्त कार्यालय सभागार में बैठक की गई। बैठक में स्वच्छ भारत मिशन के विभिन्न बिन्दुओं पर चर्चा हुई, जिसमें पता चला कि प्रदेश के सबसे वीआईपी लखनऊ मंडल का ही बुरा हाल है।

ये भी पढ़ें: महिलाओं ने छेड़ी हर घर में शौचालय बनाने की मुहिम

नगर पालिका और नगर पंचायतों को ओडीएफ बनाने के लिए जिम्मेदारी से कार्य करें। जिले के प्रभारी अधिकारी स्थानीय निकाय देखें की कार्य सही ढंग से हो रहा है जो अधिशासी अधिकारी और कर्मचारी लापरवाही बरते उनके विरुद्ध कार्यवाही करें। अन्यथा उन्हें 15 दिन में प्रतिकूल प्रविष्टि मिल सकती है।
अनिल गर्ग, मंडलायुक्त, लखनऊ मंडल

सभी जनपदों में लचर अभियान

लखनऊ जनपद में स्वीकृत आवेदनपत्रों की कुल संख्या 3070 के सापेक्ष 258 शौचालय बनाए गए हैं। इसी तरह रायबरेली में स्वीकृत आवेदन पत्रों की संख्या 5679 के सापेक्ष 457 निर्मित हैं। हरदोई में 15225 के सापेक्ष 829 निर्मित हो सके हैं। सीतापुर में 10551 के सापेक्ष 1348 शौचालय ही बन पाए हैं। जबकि खीरी जनपद में स्वीकृत आवेदन पत्रों की संख्या 8685 के सापेक्ष 1220 ही निर्मित है।

व्यावसायिक क्षेत्र में पब्लिक टायलेट के भी निर्देश

बैठक में शामिल विभिन्न अधिकारियों से कार्यों की समीक्षा करते हुए मंडलायुक्त ने सभी व्यावसायिक क्षेत्र में अनिवार्य रूप से पब्लिक टायलेट बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि व्यावसायिक क्षेत्र में 01 केन्द्र में एक पब्लिक टायलेट अवश्य होना चाहिए।

ये भी पढ़ें : ग्रामीण खुद बना सकेंगे शौचालय, केंद्र सरकार देगी अनुदान

जहां सामुदायिक शौचालय के लिए जगह उपलब्ध नहीं उसको संज्ञान में लायें। पात्र व्यक्ति छूटने नहीं चाहिए। उन्होंने कहा सम्बन्धित लाभार्थियों से अधिकारी मीटिंग करें, तो भी काफी दिक्कतें दूर होंगी और कार्य में शीघ्रता आएगी।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

      

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.