नीली बत्ती इस्तेमाल करते रहने के लिए 12 पीसीएस अधिकारियों ने योगी आदित्य नाथ से की मांग

Karan Pal SinghKaran Pal Singh   23 April 2017 4:53 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
नीली बत्ती इस्तेमाल करते रहने के लिए 12 पीसीएस अधिकारियों ने  योगी आदित्य नाथ से की मांगफाइल फोटो।

लखनऊ। पूरे देश में इस समय वीआईपी कल्चर को खत्म करने की कोशिशें तेजी से चल रही हैं। प्रधानमंत्री से लेकर कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों तक गाड़ियों पर लाल-नीली बत्ती के इस्तेमाल को खत्म करने का फरमान सुना चुके हैं, लेकिन उत्तर प्रदेश के पीसीएस अधिकारी नीली बत्ती का मोह नहीं छोड़ पा रहे हैं। समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक यूपी के 12 पीसीएस अधिकारियों ने सुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ को पत्र लिख कर नीली बत्ती का इस्तेमाल करते रहने की गुहार लगाई है। इन अधिकारियों ने लॉ एंड ऑर्डर का हवाला देते हुए सीएम से इसके प्रयोग की मांग की है। आपको बता दें कि सबसे पहले आम आदमी पार्टी ने दिल्ली में लाल बत्ती को खत्म करने का फैसला किया था। आप के किसी मंत्री को भी लाल बत्ती की गाड़ी का इस्तेमाल करने पर रोक लगा दी गई थी। उसके बाद विधान सभा चुनाव 2017 में जीत दर्ज करने के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने लाल बत्ती पर रोक लगाई। उसके बाद उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने भी ऐसा ही किया।

लिखित में भेजा पत्र।

देश-दुनिया से जुड़ी सभी बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करके इंस्टॉल करें गाँव कनेक्शन एप

योगी आदित्यनाथ के आदेश के बाद प्रदेश के मंत्रियों और अधिकारियों ने अपनी गाड़ियों से लाल-नीली बत्तियां उतारना शुरू कर दीं। लेकिन अब इन 12 पीसीएस अधिकारियों ने ऐसा कर पाने में असमर्थता जताई है। इन लोगों का कहना है कि कानून व्यवस्था को दुरुस्त रखने के लिए हमें अपनी गाड़ियों पर नीली बत्ती का इस्तेमाल करते रहना चाहिए। बिना नीली बत्ती के भीड़ पर काबू पाना, निरीक्षण का नेतृत्व करना कठिन हो जाएगा। इसी की परमिशन के लिए इन लोगों ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखा है। पत्र पर नगर आयुक्त, एडीएम सिटी, सीआरओ, एडीएम प्रशासन, सिटी मजिस्टे्रट, अपर नगर आयुक्त, अपर नगर मजिस्ट्रेट समेत एक दर्जन अफसरों के हस्ताक्षर हैं।

ताजा अपडेट के लिए हमारे फेसबुक पेज को लाइक करने के लिए यहां, ट्विटर हैंडल को फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें।

     

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.