यूपी : बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आखिर कब थमेगा बच्चों की मौत का सिलसिला

Deepanshu MishraDeepanshu Mishra   9 Oct 2017 8:51 PM GMT

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यूपी : बीआरडी मेडिकल कॉलेज में आखिर कब थमेगा बच्चों की मौत का सिलसिलाफाइल फोटो 

लखनऊ। गोरखपुर में स्थित बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में पिछले कुछ महीनों से बच्चों के मौतों का सिलसिला जारी है। अभी कुछ समय ही बीता है एक बड़े मामले से फिर से पिछले 24 घंटों में 16 बच्चों की मौतों का मामला सामने आया है और अधिकारिओं का वहीँ जवाब ये मौतें सामान्य हैं।

समय से पहले जन्में बच्चों की हो रहीं मौंते

स्वास्थ्य शिक्षा महानिदेशक उत्तर प्रदेश डॉ के के गुप्ता ने बताया, “ये मौसम ऐसा है जो बीमारियों का मौसम है जिनमें बच्चों की मौते हो रही हैं। गोरखपुर मेडिकल कॉलेज पूर्वी उत्तर प्रदेश में हैं जहां पर बीमारियां ज्यादा हैं| वैसे वहां पर आठ नौ से लेकर 22 तक रोज बच्चे मरने के आंकड़े हैं। जो भी मौत हो रही हैं वो एनआईसीयू में हो रही जिसमें 500 ग्राम से नीचे भार के बच्चे होते हैं जिनका जन्म समय से पहले हो जाता है। उन्हें जन्म के समय कई समस्या होती हैं ये बच्चे एक महीने से छोटे होते हैं| सबसे ज्यादा मौतें एनआईसीयू में ही होती है। एक तो इलाज के लिए लोग सीधे मेडिकल कॉलेज ही आते हैं बीच का सब कुछ छोड़ते चले आते हैं।”

फ़ोटो साभार - उत्तर प्रदेश डॉट ओ आर जी

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सीएमएस बोले मुझे मौत के बारे में जानकारी नहीं

पिछले 24 घंटों में 16 बच्चों की मौतों का कारण पूछने पर बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक डॉ आरएस शुक्ला ने बताया, “अस्पताल में जो मौतें हुई है सभी मौतों के बारे में मुझे कोई भी जानकारी नहीं है। मैं केवल इंसेफलाइटिस से हुई मौतों के बारे में जानता हूं। बाकी जो भी मौते हुई है वो अपने अपने विभाग के लोग जाने क्यों हुई हैं और मौतों का क्या कारण है ?”

सामान्य हैं मौतें

बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य डॉ पीके सिंह ने बताया, “मेडिकल कॉलेज में जो मौतें हुई हैं वो सामान्य हैं। इनमें से दो मौतें एईएस से हुई हैं और बाकी की मौतें कई बीमारियों के कारण हुई हैं जो कि जन्म से पहले जन्में बच्चों में हो जाती हैं।”

पहले हो चुकी हैं मौते

बीआरडी मेडिकल कालेज में इंसेफेलाइटिस का इलाज कराने आये मरीजों को ऑक्सीजन नहीं मिल सकी। जिससे एनएनयू वार्ड और इंसेफेलाइटिस वार्ड में भर्ती 30 बच्चों की मौत हो गई। मेडिकल कालेज के नेहरु अस्‍पताल में सप्‍लाई करने वाली फर्म का 69 लाख रुपए का भुगतान बकाया था।

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ऑक्सीजन की कोई कमी नहीं, जल्द होगा नई कम्पनी से टेण्डर

स्वास्थ्य शिक्षा महानिदेशक उत्तर प्रदेश डॉ के के गुप्ता ने बताया,“पुष्पा सेल्स के साथ एग्रीमेंट जून में खत्म हो गया था। पुष्पा सेल्स जिनसे लेकर ऑक्सीजन देती थी आइनॉक्स वो मेडिकल कॉलेज को ऑक्सीजन दे रहा है। हम लोग जल्द ही नया टेंडर कर रहे हैं चूंकि अब ई-टेंडरिंग हो गयी है तो टेंडर लेने में समय लगता है लेकिन जल्द ही किसी अच्छी कंपनी के साथ नया टेंडर कर लिया जायेगा, जो कि पूरे प्रदेश के मेडिकल कॉलेज के लिए किया जा रहा है। जबसे बवाल हुआ तबसे डर के कारण दो- दो ट्रक ऑक्सीजन खड़ी रहती है।”

अकेले गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज के आंकड़ों के अनुसार 1978 से लेकर अब तक 39,100 इंसेफेलाइटिस के मरीज भर्ती हुए इनमें 9,286 बच्चों की मौत हो गई। बीआरडी मेडिकल कॉलेज गोरखपुर में इन्सेफ्लाइटिस के सर्वाधिक (पूरे देश के एक तिहाई) मरीज आते हैं। यहां बस्ती, आजमगढ मंडल के अलावा बिहार और नेपाल से भी इन्सेफ्लाइटिस के मरीज आते हैं। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक हर वर्ष जेई/एईएस के 2500 से 3000 मरीज बीआरडी मेडिकल कॉलेज आते हैं। अगस्त, सितम्बर और अक्टूबर में मरीजों की संख्या 400 से 700 तक पहुंच जाती है, लेकिन मेडिकल कॉलेज को कई प्रकार की समस्याओं से जूझना पड़ता है।

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एक तरफ इतनी बड़ी संख्या में बच्चे यहां इलाज के लिए आ रहे हैं तो दूसरी तरफ बाल रोग विभाग के पास चार वार्डों में सिर्फ 228 बेड ही उपलब्ध हैं। मेडिकल कॉलेज में इलाज के लिए आने वाले इन्सेफ्लाइटिस मरीजों में आधे से ज्यादा मरीज आधे बेहोश होते हैं और उन्हें तुरन्त वेंटीलेटर की आवश्यकता होती है। यहां पर बाल रोग विभाग आईसीयू में 50 बेड हैं। वार्ड संख्या 12 में कुछ वेंटीलेटर हैं। एसएनसीयू में सिर्फ 12 वार्मर हैं, जबकि यहां जरूरत 30 से अधिक वार्मर की है। वार्मर की कमी के कारण एक-एक वार्मर पर चार-चार बच्चों को रखना पड़ता है, जिससे एक दूसरे को संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।

पिछले चौबीस घंटों में बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में 16 बच्चों की मौत हो गई है। अस्पताल प्रशासन ने इस बाबत जानकारी दी है कि पिछले 24 घंटे में 16 बच्चों की मौत हुई है। मरने वाले बच्चों में 10 बच्चे अस्पताल की एनआईसीयू में एडमिट थे, जबकि छह बच्चे आईसी में भर्ती थे। जानकारी के मुताबिक 20 मरीजों को एक बार फिर से इंसेफिलाइटिस के चलते अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

कुल 310 मरीजों की हो चुकी है मौत अस्पताल के अधिकारियों ने बताया कि इस वर्ष जनवरी माह से अबतक कुल 1470 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिसमें से कुल 310 मरीजों की मौत हो चुकी है। आपको बता दें कि बीआरडी अस्पातल उस वक्त चर्चा में आया था जब अस्पताल में अगस्त माह में 63 बच्चों की मौत हो गई थी, जिसमें कई नवजात बच्चे भी शामिल थे, इन तमाम बच्चों की मौत महज एक हफ्ते के भीतर हो गई थी।

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