मेडिकल कॉलेजों में बायोमीट्रिक प्रणाली लागू होने पर भी नहीं सुधरी चिकित्सकों की गैर हाजिर

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मेडिकल कॉलेजों में बायोमीट्रिक प्रणाली लागू होने पर भी नहीं सुधरी चिकित्सकों की गैर हाजिरफोटो प्रतीकात्मक।

लखनऊ। प्रदेश के अस्पतालों में योगी सरकार के तीन महीने के दौरान हुईं जांचों में चिकित्सकों की उपस्थिति फिसड्डी साबित हुई है। मेडिकल कॉलेजों में बायोमीट्रिक सिस्टम लगाया गया है। कुल चिकित्सकों में से 247 डॉक्टर मंत्री की जांच में मौजूद नहीं पाए गए। सरकार ने ये आंकड़ा उजागर किया है।

इन चिकित्सकों का काम मरीजों को देखने के अलावा जूनियर रेजीडेंट को पढ़ाने का भी है। अब इस आंकड़े के आधार पर तय किया गया है कि पीएमएस के डाक्टरों की भी बायोमीट्रिक्स उपस्थिति की जाएगी। उनको 9:30 बजे अस्पताल पहुंचना होगा। मेडिकल कालेजों की ये व्यवस्था डाक्टरों के लिए सभी तरह के सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में भी लागू की जाएगी।

प्रदेश के मेडिकल कालेजो में डाक्टरों की उपस्थिति को लेकर चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टण्डन ने बायोमीट्रिक प्रणाली लागू करने के संदर्भ में निर्देश दिये गये हैं। कुछ जगह पर बायोमीट्रिक प्रणाली लागू होने तक प्रत्येक दिन सुबह 9.30 बजे तक उपस्थिति की सूचना सामने आई है, उनमें अनेक जगहों पर चिकित्सकों के अनुपस्थित रहने के प्रकरण सामने आए हैं।

अपर मुख्य सचिव, चिकित्सा शिक्षा विभाग डॉ. अनिता भटनागर जैन ने बताया कि शासन स्तर पर प्रारूप निर्धारित कर नियमित व संविदा के भरे पद के सापेक्ष अलग-अलग अनुपस्थिति की सूचना सामने आई है। जिसमें ये भी तय कर दिया गया है कि, ग्रीष्म अवकाश में निर्धारित नियम के हिसाब से 50 प्रतिशत चिकित्सा शिक्षक अवकाश ले सकते है। अतः वर्तमान में अवकाश के कारण अनुपस्थित चिकित्सा शिक्षकों की संख्या कुछ अधिक होती है।

18 फीसदी मेडिकल शिक्षक पाए गए अनुपस्थित

राजकीय मेडिकल कालेज और संस्थान जैसे कानपुर, इलाहाबाद, मेरठ, आगरा, झांसी, गोरखपुर, अम्बेडकरनगर, कन्नौज, जालौन, आजमगढ़, सहारनपुर, बांदा, बदांयू, जेके कैंसर संस्थान कानपुर तथा ह्रदय रोग संस्थान कानपुर में कुल 1399 चिकित्सा शिक्षकों में से नियमित शिक्षकों में 451 व संविदा में 354 उपस्थित रहे। कुल 805 चिकित्सा शिक्षक उपस्थित पाये गये। कुल 247 चिकित्सा शिक्षक अनुपस्थित पाये गये, जो कि कुल उपस्थिति का 17.65 प्रतिशत है। राजकीय मेडिकल कालेज इलाहाबाद में कोई अनुपस्थित नहीं पाया गया। राजकीय मेडिकल कालेज मेरठ में 04, जेके कैंसर संस्थान में 04, ह्रदय रोग संस्थान, कानपुर में 03, अम्बेडकरनगर में 07, कानपुर में 08, झांसी में 09, गोरखपुर में 07 चिकित्सा षिक्षक अनुपस्थित पाये गये। 06 मेडिकल कालेजों यथा-कन्नौज में 44, बांदा में 37, बदांयू में 32, जालौन में 29, सहारनपुर में 26, आजमगढ़ में 21 अर्थात कुल 189 चिकित्सा शिक्षक अनुपस्थित पाये गये, जोकि बहुत अधिक है तथा अत्यन्त ही गंभीर बात है।

अनुपस्थित मेडिकल शिक्षकों पर होगी उचित कार्रवाई

सभी प्रधानाचार्यों से अनाधिकृत रूप से अनुपस्थित चिकित्सा शिक्षकों के संबंध में प्रभावी कार्यवाही करने के लिए निर्देष दिये गये है व संविदा के चिकित्सा शिक्षकों को उनकी वास्तविक उपस्थिति के आधार पर ही उनका भुगतान देय होगा।

क्या कहते हैं चिकित्सा शिक्षा मंत्री

उत्तर प्रदेश के चिकित्सा शिक्षा मंत्री आशुतोष टंडन बताते हैँ, “मेडिकल कॉलेजों में 18 फीसदी वरिष्ठ चिकित्सक अनुपस्थित पाए गए हैं। ये हाल तब है जबकि बोयामीट्रिक्स सिस्टम लगाया जा चुका है। ये व्यवस्था अब सभी जिला चिकित्सालायों और स्वास्थ्य केंद्रों पर की जाएगी। ताकि चिकित्सक समय से उपस्थित हों।”

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