दो माह की कड़ी मशक्कत के बाद राशनकार्ड के सत्यापन में मिले 42 हजार अपात्र 

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दो माह की कड़ी मशक्कत के बाद राशनकार्ड के सत्यापन में मिले 42 हजार अपात्र राशन कार्ड। 

अजय यादव, स्वयं कम्युनिटी जर्नलिस्ट

उन्नाव। जिला प्रशासन की ओर से कराए गए राशनकार्डों के सत्यापन में 42 हजार से अधिक अपात्र पाए गए हैं। इतनी ज्यादा संख्या में अपात्र मिलने पर पूर्ति विभाग के अधिकारियों के पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने इन अपात्रों का नाम काटने के साथ ही कोटेदारों को भी नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।

जिले में मार्च 2016 से राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (एनएफएसए) 2013 लागू हो चुका है। शुरुआती दौर में 5,83,032 कार्डधारकों को एनएफएसए में शामिल कर आवंटित राशन सस्ते दर पर देने की कवायद शुरू हुई थी। इसमें 11,449 अंत्योदय कार्डधारक और 4,68,583 पात्र गृहस्थी शामिल किए गए थे। इस साल की शुरुआत में शासन के पास एनएफएसए में अपात्रों को चयनित किए जाने की शिकायतें पहुंचीं तो प्रदेश सरकार ने इसे गंभीरता से लिया।

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इसके बाद शासन ने जिला प्रशासन को एनएफएसए में चयनित कार्डधारकों का सत्यापन कराने का आदेश दिया। इसी आधार पर जुलाई माह में कार्डधारकों का सत्यापन शुरू हुआ। करीब दो माह की कड़ी मशक्कत के बाद सत्यापन कार्य पूरा हुआ। जांच में करीब 42,493 कार्डधारक अपात्र पाए गए। यह लोग आर्थिक संपन्न हैं। पक्का मकान, घर में चार पहिया वाहन और कृषि योग्य भूमि भी है।

सत्यापन में जो भी अपात्र मिले हैं उनका नाम कैंसिल करा दिया गया है। उनके स्थान पर पात्रों को चयनित करके एनएफएसए के अंतर्गत राशन दिया जा रहा है। अपात्रों का नाम कैसे शामिल हुआ है, इसके लिए संबंधित कोटेदारों और विभागीय अधिकारियों से जवाब मांगा जा रहा है।
जीवेश कुमार मौर्या, जिलापूर्ति अधिकारी उन्नाव

यह था अपात्र का मानक

वह व्यक्ति जिसके पास चार पहिया वाहन है। घर में एसी और पांच केवीए या उससे अधिक का जनरेटर है। परिवार के पास 100 वर्ग मीटर से अधिक का स्वअर्जित आवासीय प्लाट या उस पर स्वनिर्मित मकान अथवा 100 वर्ग मीटर से अधिक कारपेट एरिया का आवासीय फ्लैट है। शस्त्र लाइसेंस होने या परिवार के पास 80 वर्ग मीटर या उससे अधिक कारपेट एरिया का व्यवसायिक स्थान होने पर उसे खाद्य सुरक्षा अधिनियम के दायरे से बाहर रखा गया है।

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