रायबरेली के गांवों का हुलिया बदलना चाहती हूं: अदिति सिंह
देवांशु मणि तिवारी 5 April 2017 7:08 PM GMT
रायबरेली। रायबरेली जिलेे के विधानसभा चुनाव में 90,000 वोटों से रिकॉर्ड जीत हांसिल करने वाली नवनिर्वाचित सदर विधायिका और पांच बार विधानसभा चुनाव जीत चुकें रायबरेली जिले के बाहुबली नेता अखिलेश सिंह की बेटी अदिति सिंह से गाँव कनेक्शन ने बातचीत की।
सवाल- अमेरिका से मास्टर्स करने से लेकर सीधे राजनीति में उतरने तक के अपने सफर के बारे में कुछ बताइये ?
जवाब - मैं अमेरिका से तीन वर्ष पहले लौटी। यह सच है कि मेरा सफर बहुत कठिन था। राजनीति बहुत मुश्किल क्षेत्र है, समाज की सेवा करना कोई आसान काम नहीं है। मैं बहुत शुक्रगुज़ार हूं कि रायबरेली की जनता ने मुझे चुना है और यहां पर मुझे घर जैसा प्यार मिला है।
सवाल - रायबरेली जिले को हमेशा से वीवीआईपी जिला माना गया है। कांग्रेस का गढ़ होने के बावजूद भी यहां के गाँवों की सड़कें और बिजली व्यवस्था बदहाल हैं। आगे किन किन मुद्दों पर काम करने की योजना है ?
जवाब- रायबरेली में मेरे लिए सबसे बड़ी ज़िम्मेदारी होगी यहां के सभी जाति और समुदाय के लोगो को एकसाथ एकजुट होकर लेकर चलना।यहां पर सेक्युलर तरीके से काम हो,जिससे किसी को लेफ्टआउट हो जाने की फीलिंग न हो। गाँवों में ढाँचाकृत कमियों के सुधार को लेकर काम करूंगी और साथ ही साथ शहरों में भी रुके हुए कामों को फिर से चालू करवाने का काम करूंगी।सभी जाति और समुदाय के लोगो को एकसाथ एकजुट होकर लेकर चलना
सवाल - आपका बचपन रायबरेली में बीता , यहां की जनता आपनो अपनी बेटी,बहन और सहेली की तरह मानती है। जिले की जनता की आपसे क्या अपेक्षाएं हैं ?
जवाब - बहुत सारी अपेक्षाएं हैं, मैं अभी विधायक बनी हूं। मेरे पिता जी यहां 25 वर्षों से विधायक थे।बिटिया विकास के लिए अच्छा काम करेगी। सबको एकसाथ लेकर चलेगी, विभाजन की राजनीति नहीं करेगी। कौमी एकता बनाए रखेगी ओर मेरी भी यही चाह है कि मैं उनकी उम्मीदों पर खरी उतर सकूं।
सवाल - आपके पिता अखिलेश सिंह का कितना श्रेय है आपको राजनीति में लाने के लिए ?
जवाब - मुझे राजनीति में उतारने का पूरा श्रेय मेरे पिता जी को जाता है। माँ-पापा ने हमेशा मेरा साथ दिया चाहे वो पढ़ाई हो या राजनीति में आना हो। मेरे पिता जी ने हमेशा यहां की जनता के लिए गंभीरता से काम किया है, इसलिए रायबरेली में चुनाव में उतरने से पहले उन्होंने मेरी कड़ी परीक्षा ली, जब उन्हें यह यकीन हो गया कि मैं इस काबिल हो गयी हूं कि यहां की जनता के लिए काम कर सकूं , तब उन्होंने मुझे यह जिम्मेदारी दी।
सवाब - राजनीति से हट कर घर पर अदिति कैसी हैं। अदिति हो खाली समय में क्या करना पसंद हैं?
जवाब - घर पर अदिति बिल्कुल 29 साल की लड़की जैसी है। मुझे शॉपिंग, मेकअप, अच्छा खाना, घूमना, किताबें पढ़ना और संगीत सुनना बहुत पसंद है।
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