गर्भवती महिलाओं की मौत छुपाना अब होगा मुश्किल, सूचना देने वालों को इनाम देगी सरकार

Rishi MishraRishi Mishra   26 July 2017 5:56 PM GMT

  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
  • Whatsapp
  • Telegram
  • Linkedin
  • koo
गर्भवती महिलाओं की मौत छुपाना अब होगा मुश्किल,  सूचना देने वालों को इनाम देगी सरकारएक हजार रुपए का इनाम देगी सरकार।

लखनऊ। प्रदेश भर में मातृ मृत्यु दर को नियंत्रित करने और गर्भवती को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं देने के लिए अब आशा बहुओं और आम लोगों पर नई जिम्मेदारी होगी। जिन गर्भवतियों का पंजीकरण हो चुका है, उनकी मृत्यु होने की दशा में जब सूचना दी जाएगी तब 1000 रुपए की प्रोत्साहन राशि सूचना देने वाले व्यक्ति को दी जाएगी। सूचना देने के लिए एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है।

राज्य सरकार की ओर से साल 2017-18 में मातृ मृत्यु समीक्षा कार्यक्रम के क्रियान्वयन के लिए नई व्यवस्था की गयी है। जिसके तहत ‘आशा’ द्वारा महिला की मृत्यु की सूचना जल्द से जल्द दूरभाष पर सम्बन्धित प्रभारी चिकित्साधिकारी एवं राज्य स्तरीय टोल फ्री नम्बर-1800 180 1900 पर दी जायेगी। नई व्यवस्था के अन्तर्गत मातृ मृत्यु की सूचना प्राप्त करने के लिए समुदाय की भागीदारी बढ़ायी जा रही है।

यह जानकारी सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य आलोक कुमार ने दी। आलोक कुमार ने बताया कि भारत सरकार द्वारा समुदाय स्तर से मातृ मृत्यु की सूचना प्राप्त करने के लिये रुपये 1,000 प्रति सूचना प्रोत्साहन धनराशि का प्रावधान किया गया है। समुदाय के किसी भी व्यक्ति द्वारा मातृ मृत्यु की सूचना देने पर उस व्यक्ति को रुपये 1000 देय होगा।

ये भी पढ़ें- नीट के आधार पर आयुष पाठ्यक्रमों में प्रवेश को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार का आदेश रद्द

यह व्यवस्था केवल वास्तविक मातृ, मृत्यु के उन्ही प्रकरणों के लिए होगी जहां पूर्व से ही स्वस्थ्य विभाग को सूचना प्राप्त नहीं हो सकी हो। गर्भावस्था, प्रसूति एवं गर्भपात के कारणों से सम्पूर्ण गर्भावस्था प्रसव अथवा गर्भपात के 42 दिनों के भीतर होने वाली मातृ मृत्यु की सूचना जल्द से जल्द राज्य स्तरीय टोल फ्री नंबर-1800 180 1900 पर देनें पर वास्तविक मातृ मृत्यु की सूचना के लिये समुदाय से सूचना देने वाले व्यक्ति को 1000 रुपए दिया जायेगा। स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारी एवं उनके परिवार के सदस्यों को यह प्रोस्साहन धनराशि अनुमन्य नहीं होगी।

सचिव ने बताया कि वर्तमान में वास्तविक मातृ मृत्यु की समीक्षा हेतु आशाओं से अपेक्षित है कि आशायें अपने क्षेत्र में होने वाली सभी 15-49 वर्ष आयु की प्रत्येक महिला की मृत्यु की सूचना देंगी जिससे कि उनमें से छाँटी जा सकें। ससमय मातृ मृत्यु की सूचना प्राप्त करने के लिये आशाओं के माध्यम से 15 से 49 वर्ष की महिला मृत्यु की सूचना मृत्यु के 24 घंटे के भीतर प्राप्त होनें पर रू0 200.00 प्रति मृत्यु की प्रोत्साहन धनराशि दी जाती है। इस व्यवस्था के बाद भी औसतन 30 से 40 प्रतिशत गर्भावस्था से संबंधित मृत्यु की सूचना प्राप्त हो रही है जिसके कारण असूचित मातृ मृत्यु के कारणों की समीक्षा एवं तदानुसार सुधारात्मक कार्यवाही नहीं हो पाती है।

ये भी पढ़ें : समझिये फसल बीमा योजना का पूरा प्रोसेस, 31 जुलाई तक करें आवेदन

एनुअल हेल्थ सर्वे के आधार पर हो रहा काम

आलोक कुमार ने बताया कि एनुअल हेल्थ सर्वे के बेस लाइन (2010-11) में उ0प्र0 का मातृ मृत्यु अनुपात 345 प्रति 1 लाख जीवित जन्म था जो द्वितीय अपडेशन 2012-13 की रिपोर्ट के अनुसार यह घटकर 258 प्रति 1 लाख जीवित जन्म हो गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, उ0प्र0 द्वारा इसे वर्ष 2017 तक इसे 200 प्रति 1 लाख जीवित जन्म तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। भारत सरकार द्वारा वर्ष 2020 तक देश में मातृ मृत्यु दर को 100 प्रति 1 लाख जीवित जन्म तक लाने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है। प्रदेश में मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिये मातृ मृत्यु समीक्षा एक महत्वपूर्ण रणनीति है जो कि मातृ मृत्यु के विभिन्न कारणों एवं कारकों पर प्रकाश डालती है एवं उनको दूर करने में सहायता करती है। इस हेतु जनसमुदाय से मातृ मृत्यु की सूचना प्राप्त करना आवश्यक है।

        

Next Story

More Stories


© 2019 All rights reserved.