योगी के आदेश के बाद गाँवों में हैंडपम्प सुधारने का काम शुरू

Neetu SinghNeetu Singh   23 April 2017 1:05 AM GMT

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योगी के आदेश के बाद गाँवों में हैंडपम्प सुधारने का काम शुरूजर्जर हैंडपंप दिखाती महिला।

स्वयं प्रोजेक्ट डेस्क

कानपुर देहात। बुंदेलखंड से लगे हुए यमुना पट्टी और बीहड़ क्षेत्र में हर वर्ष पानी की समस्या से लोगों को जूझना पड़ता है, लेकिन इस बार लोगों को पानी के लिए परेशान नहीं होना पड़ेगा, क्योंकि जिला प्रशासन ने पूरे जिले का सर्वे करा कर 25 अप्रैल तक खराब पड़े सभी हैण्डपम्पों के सुधारने के निर्देश दिए हैं।

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कानपुर देहात जिला मुख्यालय से 30 किलोमीटर दूर राजपुर ब्लॉक बीहड़ पट्टी से लगा हुआ है। यहां की पथरीली जमीन होने की वजह से जलस्तर बहुत नीचे है। राजपुर ब्लॉक के डाढापुर गाँव में रहने वाली सरोजनी कटियार (40 वर्ष) बताती हैं, “शादी होने के बाद जबसे यहां आई हूं, 60 हाथ नीचे से कुएं से पानी भरती हूं, कई साल पहले गाँव के सब कुएं सूख गये हैं, सरकारी नल में दो बाल्टी भरने में पसीना छूट जाता है, अगर पानी भर लिया तो मान लेते हैं घर का पूरा काम हो गया।”

वो आगे बताती हैं, “पानी भरने में अभी घंटों लाइन लगानी पड़ती है, अगर हमारे मोहल्ले का नल खराब हो जाए तो दूसरे मोहल्ले भरने जाना पड़ता है। दिन के तीन-चार घंटे पानी भरने में ही चले जाते हैं।”

सरोजनी की तरह इस ब्लॉक के सैकड़ों गाँव की महिलाओं की यही स्थिति बनी हुई है। जिले के लोग पानी के लिए परेशान न हों इसके लिए इस बार जिला प्रशासन ने पूरे जिले के खराब और रीबोर करने वाले हैण्डपंपों का सर्वे कराया, जिसमें 3576 हैंडपम्प रीबोर के लिए और 1276 हैण्डपंप मरम्मत के लिए चिन्हित किये गये हैं। जिले की छह तहसीलों में 640 ग्राम पंचायतें हैं। बीहड़ क्षेत्र से लगा होने की वजह से केवल राजपुर ब्लॉक में ही 300 हैण्डपंपों को मरम्मत और रीबोर के लिए चिन्हित किया गया है।

कानपुर देहात के मुख्य विकास अधिकारी कृष्ण कुमार गुप्ता बताते हैं, “हर साल गर्मी के मौसम में 200-250 फीट तक जिले का जलस्तर नीचे चला जाता है, जिससे आम जनता को पानी के लिए मुश्किलों का सामना करना पड़ता है।”

वो आगे बताते हैं, “सभी अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है कि खराब पड़े हैण्डपम्प को 25 अप्रैल तक ठीक कराया जाए, 20 अप्रैल तक 700 हैण्डपंपों की मरम्मत हो चुकी है, जिसे 14वें वित्त आयोग के बजट से पंचायत स्तर पर कराया गया है। रीबोर होने वाले हैण्डपंप के लिए बजट शासन को लिखकर भेजा जाएगा, जितने जल्दी संभव होगा इसे भी ठीक कराया जाएगा।”

पेयजल की समस्या को लेकर मुख्य विकास अधिकारी के तत्वावधान में जिले के सभी एडीओ, बीडीओ, डीपीआरओ, जल निगम, अधिशाषी अभियंता कई और विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों के साथ छह अप्रैल को बैठक हुई।

किसी भी पंचायत में पानी की समस्या को लेकर 20 हजार तक बजट एडीओ पंचायत द्वारा वर्क आइडी जनरेट करके पास किया जा सकता है। मुख्य विकास अधिकारी ने सभी अधिकारियों के सामने ये स्पष्ट किया कि हैण्डपंपों की मरम्मत ग्राम पंचायत स्तर पर 14वें वित्त आयोग के बजट से दो से पांच हजार तक खुद कराया जा सकता है। इसे ठीक कराना ग्राम पंचायत की जिम्मेदारी है।

सभी अधिकारियों को निर्देशित किया जा चुका है कि खराब पड़े हैण्डपम्प को 25 अप्रैल तक ठीक कराया जाए। 20 अप्रैल तक 700 हैण्डपंपों की मरम्मत हो चुकी है, जिसे 14वें वित्त आयोग के बजट से पंचायत स्तर पर कराया गया है। रीबोर होने वाले हैण्डपंप के लिए बजट शासन को लिखकर भेजा जाएगा, जितने जल्दी संभव होगा इसे भी ठीक कराया जाएगा।
कृष्ण कुमार गुप्ता,मुख्य विकास अधिकारी, कानपुर देहात

प्रशासन द्वारा उठाये गये इस कदम से ग्रामीणों में उम्मीद जगी है। उमरपुर गाँव की रहने वाली निर्मला देवी (55 वर्ष) बताती हैं, “जब हमारे गाँव में बड़े अधिकारियों के साथ कई गाँव के प्रधानों ने झाड़ू लगाई तो ये देखकर हमें बहुत अच्छा लगा, अब पानी की समस्या से हमें निजात मिलेगी ऐसी हमें उम्मीद है।” वो आगे बताती हैं, “अगर अधिकारी गाँव आते हैं तो ऐसा लगता है कि अब हमारी समस्या का समाधान जरूर होगा।”

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