लखनऊ। आगरा में ट्रेन से कटकर पांच गोवंश की मौत हो गई। आगरा-झांसी रेलवे ट्रैक के बीच बमरौली अहीर गाँव के पास यह हादसा हुआ। घटना के बाद आस-पास के ग्रामीणों ने रेलवे ट्रैक के पास हंगामा किया और फिर जेसीबी मशीन की मदद से गड्ढा खोदकर गोवंश के शवों को दफनाया गया। इस दौरान प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे।
मलपुरा थाने के बमरौली अहीर गाँव में गौरक्षा क्रांति के राष्ट्रीय अध्यक्ष ज्ञानेंद्र ने बताया, ”इस ट्रैक पर 24 दिन के अंदर 30 गायों की मौत हो गई। रेलवे प्रशासन को कोई परवाह नहीं है वह एक बड़े हादसे का इंतजार कर रहा है कई बार अवगत कराने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई है। गांव बमरौली अहीर से लेकर आगरा कैंट तक तार फेंसिंग हो जाए तो गायों जान बचेगी और ट्रेन हादसे भी रुकेंगे।”
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रेलवे ट्रैक पर कटी गाय का यह कोई पहला हादसा नहीं है। 19 जुलाई 2019 में उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में रागौल रेलवे स्टेशन के पास एक पैसेंजर ट्रेन से 36 गाय कट गई थी।
छुट्टा जानवरों की बढ़ती संख्या पर रोक लगाने के लिए योगी सरकार ने सभी जिला और निकाय अधिकारियों को 10 जनवरी तक आवारा पशुओं को पकड़कर गोशालाओं में रखने के निर्देश दिए गए थे साथ ही गोवंश को आश्रय स्थल में पहुंचाने उनको रखने और उनके लिए भोजन और पानी की व्यवस्था करने की बात कही थी। इन सबके बावजूद भी किसानों को छुट्टा जानवरों की समस्या से छुटकारा नहीं मिल पाया है।
#UPCM श्री @myogiadityanath जी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जिलाधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि सभी निराश्रित और आवारा पशुओं को 10 जनवरी, 2019 तक गो-संरक्षण केन्द्रों में पहुंचाया जाया। pic.twitter.com/cyrHUp8zEs
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) January 3, 2019
पशुपालन विभाग द्वारा किए गए सर्वे के मुताबिक ग्रामीण और शहरी को मिलाकर प्रदेश में 7 लाख 33 हज़ार 606 निराश्रित पशुओं की संख्या है, जिसमें अभी 2 लाख 77 हज़ार 901 गोवंश को संरक्षित किया गया है।
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पशुपालन विभाग द्वारा 23 पन्नों के शासनादेश को सभी वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारियों के साथ प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को भेजा गया था शासनादेश यह कहा गया हैं कि गोवंश आश्रय स्थल के निर्माण के लिए जमीन चिह्नित की जाए, वहां पर पानी, खाने से लेकर बिजली और चारे की व्यवस्था की जाए ताकि कोई पशु खेतों और सड़कों पर न घूम सके।