लखनऊ में धरना दे रही आंगनबाड़ी कार्यकर्त्रियों पर पुलिस ने किया लाठी चार्ज
Shrinkhala Pandey 24 Oct 2017 8:30 PM GMT

लखनऊ। लखनऊ में बीते मंगलवार को हजरतगंज में धरना दे रही आंगनबाड़ीकर्त्रियों पर पुलिस ने लाठी बरसाई। ये आंगनबाड़ीकर्त्रियां राज्य कर्मचारी का दर्जा और मानदेय बढ़ाने की मांग को लेकर धरना दे रहीं थीं, कार्यकत्रियों ने हजरतगंज चौराहे की सड़क जाम कर दी थी। सड़क को खुलवाने के दौरान कार्यकत्रियों और पुलिस के बीच बहस हो रही थी, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया।
आंगनबाड़ी कर्मचारी संघ की सहायिका इंदु वर्मा धरने में मौजूद थीं। उनका कहना है, “अब तक दो दर्जन महिलाएं घायल हुई हैं और एक लड़की को मेडिकल कॉलेज भेजा गया उसे ज्यादा चोट आई है। महिलाएं शांति से धरना दे रहीं थीं बस अपनी मांगों को लेकर नारे लगा रहीं थीं।”
वो आगे बताती हैं, “पुलिस ने बैरियर हटाकर महिलाओं पर लाठी बरसाई। पुरुष पुलिसकर्मियों ने भी महिलाओं पर लाठी चलाई है। लेकिन हम डरने वालों में नहीं है धरना लगातार चलेगा।”
पुलिस ने पहले भी इन्हें हटाने की कोशिश की थी लेकिन उसके बावजूद धरना बंद नहीं हुआ जिससे जाम की समस्या आ रही थी। सोमवार देर रात प्रदेश अध्यक्ष गीतांजलि मौर्या सहित 12 लोगों को गिरफ्तार किये जाने के बाद से कार्यकर्त्रियों ने नारेबाजी और तेज कर दी थी। गिरफ्तार सभी आंगनबाड़ी नेताओं पर 106 और 116 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।
आंगनबाड़ी कर्मचारी अपना मानदेय बढ़ाए जाने के लिए विगत 36 दिनों से प्रदेश भर में अलग अलग जिलों में धरने पर बैठे हैं। इन लोगों का कहना है कि अब बग़ैर लिखित आदेश के कुछ भी नहीं मानेंगे।
प्रमुख मांगें
- योगी सरकार ने दिनों के अंदर आंगनबाड़ियों के लिए कुछ करने के लिए कहा था लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
- हम चाहते हैं, कार्यकत्री का वेतन 15000 रुपए व सहायिका का 10000 रुपए प्रतिमाह किया जाए।
- मिनी आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों को सामान्य योग्यता और सामन्य कार्य के आधार पर कार्यकत्रियों के बाराबर मानदेय दिया जाए।
- स्कूल की तरह आंगनबाड़ी केन्द्रों में गर्मी व शीत की छुट्टी स्वीकृत की जाए।
- पेंशन की सुविधा दी जाए।
- आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं को हर साल 30 दिन का चिकित्सा अवकाश मानदेय सहित दिया जाए।
- आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और सहायिकाओं को हर साल कम से कम 500 और 200 रुपए का वार्षिक वेतन वृद्धि दी जाए।
- हाटकुक्ड फूड के लिए बजट पास न करने वाले अधिकारियों पर कार्रवाई हो।
- मृतक आश्रित परिवार के सदस्यों को सेवा का लाभ मिले।
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