आरोग्य मेले के जरिए पशुपालकों के गाँव में पहुंच रही पशु चिकित्सा 

Diti BajpaiDiti Bajpai   29 Oct 2017 8:26 AM GMT

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आरोग्य मेले के जरिए पशुपालकों के गाँव में पहुंच रही पशु चिकित्सा उत्तर प्रदेश के 821 ब्लॅाक में पशु आरोग्य मेला और उत्तम पशु मेला का किया जा रहा आयोजन

कानपुर। अभी तक पशुपालकों को पशु संबंधी जानकारी और इलाज के लिए इधर-उधर भटकना पड़ता था लेकिन अब उन्हें अपने गाँव से कुछ ही किमी. दूर लगने वाले आरोग्य मेले में जानकारी और मुफ्त इलाज मिल रहा है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन उत्तर प्रदेश में चलाए जा रहे इस मेले का उद्देश्य किसानों को लाभ देना है।पशुपालकों तक पशु चिकित्सा पहुंचाने के लिए प्रदेश के 821 ब्लॅाक में पशु आरोग्य मेला और उत्तम पशु मेला का आयोजन किया जा रहा है। प्रदेश में लगाए जा रहे इन मेलों में बीमार पशुओं का इलाज किया जा रहा है। इसके साथ ही उनको नए पशुपालन के तरीके भी बताए जा रहे हैं, जिससे उनकी आय भी दोगुनी हो सके।

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कानपुर जिले के सरसौल ब्लॅाक में तीसरा पशु आरोग्य मेला।

पिछले एक महीने से विमल सिंह (30 वर्ष) की गाय कम दूध दे रही थी, जिसकी वजह उन्हें नहीं पता थी। विमल बताते हैं, “डॅाक्टर ने बताया है हमारी भैंस को थनैला हुआ है। अभी तक इतना इलाज करा चुके थे। इसकी दवा भी मुफ्त मिली है और डॅाक्टर साहब ने नंबर भी दिया है। अगर ऐसे मेले लगे तो कम पैसा खर्च हो।” कानपुर जिला मुख्यालय से 25 किमी़ दूर सरसौल ब्लॅाक के चकेरी गाँव के रहने वाले विमल के पास तीन भैंस हैं, जिनसे उनके परिवार का खर्च चलता है।

उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले से करीब 20 किमी दूर सरसौल ब्लॅाक में तीसरा पशु आरोग्य मेले का आयोजन किया। प्रदेश में सबसे पहले यह मेला 23 सितम्बर को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी में किया था। उन्होंने कहा था कि उत्तर प्रदेश सरकार पूरे राज्य में यह मेला लगाएगी और इसके जरिए हमारा गरीब किसान जो पशु की देखभाल करने में कभी-कभी संकोच करता है, आर्थिक कारणों से कभी-कभी वह कर नहीं पाता है, इसलिए ऐसे किसानों को पशुधन सेवा से बहुत बड़ी राहत होगी। आने वाले दिनों में हमारे पशु पालकों के लिए बहुत उत्तम सुविधा और सेवा होगी।

कानपुर में पशु आरोग्य मेले का उद्धाटन करतीं केंद्रीय कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री कृष्णाराज।

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19वीं पशुगणना के अनुसार के उत्तर प्रदेश में 205.66 लाख गोवंशीय, 306.25 लाख महिषवंशीय, 13.54 लाख भेड़, 155.86 लाख बकरी, 13.34 लाख सूकर और 186.68 लाख (कुक्कुट) है। प्रदेश के 70 प्रतिशत लघु, सीमांत और भूमिहीन किसानों द्वारा पशुपालन व्यवसाय किया जा रहा है। पशुधन के माध्यम से देश की सकल घरेलू उत्पादन में लगभग नौ प्रतिशत का सीधा योगदान है।

भारत सरकार के बजट से पूरे प्रदेश में मेला के आयोजन किया जा रहा है।

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उत्तर प्रदेश पशुधन विकास परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डॉ. बीबीएस यादव ने बताया, भारत सरकार के बजट से पूरे प्रदेश में मेला के आयोजन किया जा रहा है। इस मेले पशुपालकों को मुफ्त दवा, मिनिरल मिक्चर, कृमि नाशक दवाएं दी जा रही है। साथ बीमारियों के बारे में पशुपालक खुद जान रहे। पशुओं को बीमारी से कैसे बचाया जाए और उत्पादन कैसे बढ़ें इसके बारे में भी जागरुक किया जा रहा है।”

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“हमारी गाय का अल्ट्रासाउंड हुआ है, उससे पता चल सका कि वह चार महीने की गाभिन हो गई। डॅाक्टर साहब ने यह भी बताया कि जब गाय गाभिन हो तो खुद कैसे पता सकते है, “ऐसा बताते हैं, रामविलास वर्मा (28 वर्ष)। रामविलास कानपुर जिले के सरसौल ब्लॅाक में रहते हैं। पिछले दो साल पहले पशुपालन करना शुरू किया है।

राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंर्तगत प्रदेश के 18 मंडलों में वृहद पशु आरोग्य मेले और उत्तम पशु मेला का आयोजन किया जा रहा है।

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“राष्ट्रीय गोकुल मिशन के अंर्तगत प्रदेश के 18 मंडलों में वृहद पशु आरोग्य मेले और उत्तम पशु मेला का आयोजन किया जा रहा है। कानपुर में यह तीसरा मेला है। भारत सरकार और प्रदेश सरकार की महंत्वाकाक्षी योजना है कि किसानों की आय दोगुनी की जाए। किसानों की आय दोगुनी तब हो पाएगी जब पशुपालन, मत्स्य और उद्यान को बढ़ावा मिलेगा, “ऐसा बताते हैं, उत्तर प्रदेश विशेष सचिव पशुधन दया शंकर सिंह।

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पशुओं का किया जा रहा निशुल्क इलाज

इस मेले किसानों को होने वाले लाभ के बारे में पशुपालन विभाग के निदेशक डॉ. चरण सिंह ने बताया, “इस मेले के जरिए हम कई पशुपालकों तक पहुंच सकेंगे। सरकार द्वारा चलाई जा रही पशुपालन संबधी तमाम योजनाओं की जानकारी पशुपालकों को दे सकेंगे। ग्रामीण क्षेत्रों में अभी भी पशुपालकों में जागरुकता की कमी है ऐसे में यह मेला पशुपालकों के लिए बहुत लाभकारी है।” प्रदेश में लगाए जा रहे इन मेलों में पशु चिकित्सा, पशु प्रजनन, बधियाकरण, टीकाकरण, कृमिनाशक दवाएं, शल्य चिकित्सा के साथ-साथ बांझपन से ग्रसित पशुओं का नि़:शुल्क इलाज किया जा रहा है।

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